Shri Ramleela: आगरा में इस बार 100 फीट का होगा रावण का पुतला, 50 हजार रुपये के लगेंगे पटाखे

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अधर्म पर धर्म का तीर तो चलेगा साहब, चलना भी चाहिए। रावण पर चलने वाला प्रभु श्रीराम का तीर उन लोगों को सजग करता है, जो किसी गुरूर में हैं। यह किसी साहित्यकार के विचार नहीं, बल्कि पुतला बनाने वाले रामशरण शर्मा के हैं। उन्होंने बताया कि ताजनगरी में इस बार रावण का पुतला 100 फीट ऊंचा होगा। 

करीब 20 साल से रावण, मेघनाद, कुंभकरण का पुतला बनाने वाले रामशरण कहते हैं कि पुतला बनाते समय हमारा मकसद रहता है कि चेहरे पर क्रूरता दिखाई दे। इसके लिए 10 कारीगरों की टीम काम कर रही है। तीनों पुतले बनाने में लगभग 20 दिन लग जाता है। 

मस्तिष्क में रहता है श्रीराम का नाम 

जीवन में अब तक रावण के करीब 100 पुतलों का दहन देख चुके हैं। पुतले तैयार कर रहे कारीगर सुधाकर ने बताया कि पुतले बनाते समय भगवान श्रीराम का स्मरण मस्तिष्क में रहता है। इसलिए अधर्म का परिणाम दिखाने के लिए हम पुतले को भयानक रूप देने में सब कुछ झोंक देते हैं।

मुखौटे तैयार हो चुके 

श्रीरामलीला महोत्सव कमेटी की पुतला कमेटी के प्रभारी अतुल बंसल ने बताया कि रावण, कुंभकरण और मेघनाद के मुखौटे तैयार हो चुके हैं। पूरे पुतले बनने में अभी 15 दिन का समय लगेगा। 

रावण का पुतला होगा खास 

– 100 फीट का होगा रावण का पुतला। 50 हजार रुपये के पटाखे लगेंगे रावण के पुतले में।
– 90 फीट का होगा मेघनाद का मुखौटा। 20 हजार रुपये के पटाखे लगेंगे। 
– 30 फीट का होगा कुंभकरण का पुतला। 20 हजार रुपये के लगेंगे पटाखे।

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अधर्म पर धर्म का तीर तो चलेगा साहब, चलना भी चाहिए। रावण पर चलने वाला प्रभु श्रीराम का तीर उन लोगों को सजग करता है, जो किसी गुरूर में हैं। यह किसी साहित्यकार के विचार नहीं, बल्कि पुतला बनाने वाले रामशरण शर्मा के हैं। उन्होंने बताया कि ताजनगरी में इस बार रावण का पुतला 100 फीट ऊंचा होगा। 

करीब 20 साल से रावण, मेघनाद, कुंभकरण का पुतला बनाने वाले रामशरण कहते हैं कि पुतला बनाते समय हमारा मकसद रहता है कि चेहरे पर क्रूरता दिखाई दे। इसके लिए 10 कारीगरों की टीम काम कर रही है। तीनों पुतले बनाने में लगभग 20 दिन लग जाता है। 

मस्तिष्क में रहता है श्रीराम का नाम 

जीवन में अब तक रावण के करीब 100 पुतलों का दहन देख चुके हैं। पुतले तैयार कर रहे कारीगर सुधाकर ने बताया कि पुतले बनाते समय भगवान श्रीराम का स्मरण मस्तिष्क में रहता है। इसलिए अधर्म का परिणाम दिखाने के लिए हम पुतले को भयानक रूप देने में सब कुछ झोंक देते हैं।

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