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रोजाना 100 से अधिक प्रार्थना पत्र
एक ओर डिग्रियां और अंकतालिकाएं कचरे में पड़ी हैं, वहीं दूसरी ओर इन्हें लेने के लिए छात्र-छात्राएं रोजाना विश्वविद्यालय के चक्कर काटने को मजबूर हैं। इनके लिए रोजाना 80 से 100 प्रार्थनापत्र विश्वविद्यालय में जमा होते हैं।
जांच करता हूं- परीक्षा नियंत्रक
विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक डॉ. ओमप्रकाश का कहना है कि परीक्षा विभाग में कचरे में पड़ी डिग्रियां और अंकतालिकाएं कब के हैं और कैसे ये वहां पड़े हैं। इनकी जांच करवाता हूं।
कचरे के ढेर में पड़ी एक अंकतालिका पर सौरभ कुमार आर्या पुत्र एनएस आर्या दर्ज है। कॉलेज के नाम पर सुभार्थी मेडिकल कॉलेज मेरठ लिखा है। ये एमबीबीएस प्रोफेशनल प्रथम परीक्षा 2010 की है। परिणाम पर पास दर्शाया गया है।
परीक्षा विभाग के कचरे में पड़ी ऐसे ही एक और अंकतालिका पर अभ्यर्थी का नाम हरजोध सिंह पुत्र एमएस हुंडल अंकित है। कॉलेज के नाम के सामने डीजे डेंटल कॉलेज मोदी नगर लिखा है। ये बीडीएस फाइनल प्रोफेशनल की अंकतालिका है।
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