मथुरा के बीएसए कार्यालय में तैनात ब्लॉक लिपिक रामवीर सिंह को जनपद में वर्ष 2018 में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को दोपहर धौलीप्याऊ स्थित बीएसए कार्यालय पहुंची पुलिस वहां से रामवीर सिंह को हिरासत में लेकर कोतवाली आ गई। रातभर पूछताछ के बाद शनिवार को उसे मेरठ जेल भेज दिया गया।
वर्ष 2018 में मथुरा में जूनियर हाईस्कूल में विज्ञान/गणित शिक्षक भर्ती घोटाले का खुलासा एसटीएफ द्वारा किया गया था। विभागीय जांच में तत्कालीन डायट प्राचार्य डॉ. मुकेश अग्रवाल द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में 12460 भर्ती में करीब 33 फर्जी शिक्षक सामने आए थे। 12460 भर्ती काउंसिलिंग में तैनात रहे (वर्तमान में गोवर्धन ब्लॉक का पटल देख रहे) लिपिक रामवीर सिंह की भूमिका की जांच चल रही थी।
पुलिस ने रातभर की पूछताछ
शुक्रवार को कोतवाली पुलिस रामवीर को बीएसए कार्यालय से उठाकर कोतवाली ले आयी। यहां रातभर रखा और पूछताछ की गई। शनिवार को विधिक प्रक्रिया पूरी करते हुए मेरठ जेल भेज दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग में अभी कुछ और कर्मचारी एसटीएफ और जनपद पुलिस के रडार पर हैं।
वहीं विभागीय अधिकारियों ने मामले में चुप्पी साध रखी है। कोतवाली प्रभारी विजय कुमार ने बताया कि रामवीर को गिरफ्तार कर मेरठ जेल भेजा गया है। वह 2018 के शिक्षक भर्ती मामले में शामिल था, जांच की जा रही है। देररात तक किसी ने उसकी गिरफ्तारी की पुष्टि नहीं की थी।
अन्य कर्मचारियों में खलबली
करीब तीन साल बाद 12460 शिक्षक भर्ती घोटाले में कार्रवाई से आरोपियों में खलबली मच गई है। उच्चाधिकारियों के आदेश के बाद तत्कालीन बीएसए संजीव कुमार सिंह द्वारा 33 फर्जी शिक्षकों के साथ लिपिक महेश शर्मा के विरुद्ध कोतवाली में एफआईआर दर्ज करवाई गई थी।
पुलिस जांच के दौरान दो अन्य लिपिकों के नाम सामने आने पर उन्हें गिरफ्तार किया गया था। एसटीएफ के खुलासे के बाद बीएसए संजीव कुमार सिंह समेत 4 खंड शिक्षा अधिकारी निलंबित हुए थे। हालांकि मामले में 33 फर्जी शिक्षक पकड़ में आने के बावजूद जांच आगे नहीं बढ़ सकी।
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मथुरा के बीएसए कार्यालय में तैनात ब्लॉक लिपिक रामवीर सिंह को जनपद में वर्ष 2018 में हुए शिक्षक भर्ती घोटाले में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को दोपहर धौलीप्याऊ स्थित बीएसए कार्यालय पहुंची पुलिस वहां से रामवीर सिंह को हिरासत में लेकर कोतवाली आ गई। रातभर पूछताछ के बाद शनिवार को उसे मेरठ जेल भेज दिया गया।
वर्ष 2018 में मथुरा में जूनियर हाईस्कूल में विज्ञान/गणित शिक्षक भर्ती घोटाले का खुलासा एसटीएफ द्वारा किया गया था। विभागीय जांच में तत्कालीन डायट प्राचार्य डॉ. मुकेश अग्रवाल द्वारा प्राथमिक विद्यालयों में 12460 भर्ती में करीब 33 फर्जी शिक्षक सामने आए थे। 12460 भर्ती काउंसिलिंग में तैनात रहे (वर्तमान में गोवर्धन ब्लॉक का पटल देख रहे) लिपिक रामवीर सिंह की भूमिका की जांच चल रही थी।
पुलिस ने रातभर की पूछताछ
शुक्रवार को कोतवाली पुलिस रामवीर को बीएसए कार्यालय से उठाकर कोतवाली ले आयी। यहां रातभर रखा और पूछताछ की गई। शनिवार को विधिक प्रक्रिया पूरी करते हुए मेरठ जेल भेज दिया है। बेसिक शिक्षा विभाग में अभी कुछ और कर्मचारी एसटीएफ और जनपद पुलिस के रडार पर हैं।