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मंदिर के महंत वीरेंद्र बह्मचारी ने कहा कि कई पीढ़ियों से श्रद्धालु पूजन करते चले आ रहे हैं। क्षेत्र में पहले टीले थे। मान्यता है कि चामुंडा देवी की मूर्ति स्वत: प्रकट हुई। आबादी बढ़ी तो श्रद्धालुओं ने मंदिर का निर्माण कराया। मंदिर में नौ देवियों के अलावा भैरों बाबा, बालाजी, हनुमान जी, गणेश जी, शंकर जी, काली देवी, महालक्ष्मी, राधा-कृष्ण, राम दरबार की मूर्तियां भी हैं।
इस मंदिर के लिए दो रास्ते हैं। न्यू राजा मंडी कॉलोनी की ओर से आने पर बाईं ओर व बेसन बस्ती लोहामंडी की ओर से आने पर दाईं ओर मंदिर पड़ता है। दूसरा रास्ता राजामंडी रेलवे स्टेशन की ओर से है।
मां चामुंडा देवी का मेला सोमवार से राजामंडी रेलवे स्टेशन दिल्ली गेट पर शुरू हो रहा है। मेला पांच अक्तूबर तक लगेगा। मेले में 14 फीट की मां दुर्गा जी की मूर्ति स्थापित की गई है।
देवी मूर्ति को कोलकाता और नासिक के कारीगरों ने तैयार किया है। इसके अतिरिक्त 225 फीट लंबी माता की गुफा बनाई गई है। सोमवार को शाम 7 बजे से रात 10 बजे तक विशेष डांडिया व गरबा का आयोजन होगा।
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