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थानाध्यक्ष नितिन कसाना ने बताया कि देर रात पेड़ पर अजगर लटका होने का मामला सामने आया था। स्थानीय लोगों ने अजगर को पेड़ से उतारकर पर्वत की ओर छोड़ दिया है। बता दें कि गिरिराज परिक्रमा मार्ग पर पहली बार अजगर नहीं देखा गया, इससे पहले भी ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
गिरिराज पर्वत के चारों ओर घनी झाड़ियां हैं। यहां जीव-जंतु रहते हैं। बरसात के मौसम में अक्सर सांप झाड़ियों से निकलकर परिक्रमा मार्ग पर आ जाते हैं। मंगलवार रात को एक विशालकाय अजगर पेड़ पर चढ़ गया। देर रात जब श्रद्धालु वहां से गुजर रहे थे, तब उस पर नजर पड़ी।
गांव नीमगांव में इस बार 12 अगस्त को अजगर ने एक मोर को निगलने का प्रयास किया था। वन विभाग की टीम ने रेस्क्यू कर मोर को अजगर के चंगुल से छुड़ाया। हालांकि मोर की कुछ देर बाद मौत हो गई थी।
कस्बा अडींग के जंगल में 22 अगस्त को विशालकाय अजगर देखे जाने से दहशत फैल गई। ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाते हुए अजगर को पकड़कर अडींग स्थित नहर में छोड़ दिया था। यहां पूर्व में भी कई बार सांप देख गए।
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