Taj Mahal: एडीए के किए की सजा भुगतेंगे ताजगंज के हजारों लोग, जहन में एक ही सवाल- अब क्या होगा

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ताजमहल के 500 मीटर के दायरे के अंदर सभी व्यावसायिक गतिविधियों को बंद करने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद ताजगंज के 50 हजार से ज्यादा लोग परेशान हैं। बता दें कि ताजमहल पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन की याचिका पर हुई सुनवाई में एसोसिएशन ने कोर्ट के सामने जो तथ्य रखे, उसमें स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दुकानदारों ने खुद को ताज के 500 मीटर दायरे के बाहर शिफ्ट कर लिया, लेकिन आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) के अफसरों ने 500 मीटर के अंदर ही बाजार बना दिया। नीम तिराहा, आईटीडीसी रेस्टोरेंट, मीना बाजार, अमरूद टीला के बैरियर पर अवैध दुकानें बनवा दी गईं, जो सुप्रीम कोर्ट के आदेश का उल्लंघन है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद एडीए के किए की सजा आसपास रहने वाले करीब 50 हजार लोगों को भुगतनी पड़ेगी।  सबके जहन में एक ही सवाल है कि अब क्या होगा। लोग बेचैन हैं। 

गेट पर ही पेठा, आइसक्रीम की दुकानें

वर्ष 2000 में ताजमहल के पश्चिमी गेट पर आईटीडीसी रेस्टोरेंट के सामने उद्यान विभाग के टीले पर मौजूद 71 दुकानदारों को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर 500 मीटर दूर अमरूद टीला पार्किंग पर एडीए ने 2×2 मीटर की दुकानें बनवाकर दे दीं। लेकिन सुप्रीम कोर्ट के व्यावसायिक गतिविधियों पर 500 मीटर के अंदर प्रतिबंध के आदेश के उलट एडीए ने नीम तिराहा पर मार्केट शुरू किया, वहीं 1980 में बनाए गए पश्चिमी गेट के मीना बाजार में दुकानों का संचालन बरकरार रखा। ताज पश्चिमी गेट के ठीक सामने ही पेठा, आइसक्रीम के साथ खाने-पीने की दुकानें बनी हैं। इन्हीं दुकानों का वह दुकानदार विरोध कर रहे हैं, जिन्हें 22 साल पहले ताज के गेट से हटाया गया था।

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घर-घर में दुकान, आवासीय से व्यवसाय कैसे

ताजमहल के 500 मीटर दायरे में घर-घर में दुकान, होटल, एंपोरियम खुले हुए हैं। एडीए ने आवासीय भवनों में व्यावसायिक कार्य की कैसे अनुमति दी, सीलिंग की कार्रवाई क्यों नहीं की, यह सवाल पश्चिमी गेट के दुकानदार पूछ रहे हैं। याचिकाकर्ता अमर सिंह राठौर के मुताबिक एडीए ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया। मार्केट का डिजाइन ऐसा बनाया कि दुकानें किसी काम की नहीं रहीं। एडीए ने लाइसेंस फीस 450 की जगह 3 हजार रुपये कर दी, लेकिन शौचालय, पानी और बिजली आदि सुविधाएं कभी नहीं दीं।

एडीए ने खुद निर्माण कराए

ताजमहल पश्चिमी गेट मार्केट एसोसिएशन के याचिकाकर्ता अमर सिंह राठौर ने कहा कि हमने ताजमहल के पश्चिमी गेट से अमरूद का टीला पार्किंग के बीच रोक के बावजूद हो रही व्यावसायिक गतिविधियों पर रोक लगाने की मांग याचिका में की थी। एडीए ने खुद निर्माण कराए हैं। हमें 500 मीटर दूर 22 साल पहले शिफ़्ट किया, अब गेट पर ही चौपाटी बनी हुई है। सैकड़ों ठेलें, दुकानें पश्चिमी से पूर्वी गेट के बीच चल रही हैं।

‘समानता के अधिकार का पालन नहीं’

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता एमसी धींगरा ने कहा कि एक तरफ 71 दुकानदारों को व्यावसायिक गतिविधि के नाम पर ताज से 500 मीटर दूर जगह दी गई, दूसरी ओर कैंटीन, दुकानें, कॉम्पलेक्स बना दिए गए। समानता के अधिकार का पालन नहीं हो रहा, जबकि कोर्ट का आदेश सभी पर एक ही लागू होगा।

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