Gyanvapi Case : पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक के पेश न होने से सुनवाई टली

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ज्ञानवापी

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– फोटो : अमर उजाला

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ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वेश्वर मंदिर विवाद मामले में बुधवार को सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने बुधवार को मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेंक्षण विभाग के महानिदेशक अस्वस्थ होने की वजह से उपस्थित नहीं हो सके। इसलिए कोर्ट ने मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाते हुए 18 दिसंबर 2022 की तिथि तय कर दी।

मामले में न्यायमूर्ति प्रकाश पाड़िया की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। बुधवार को मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेंक्षण विभाग के महानिदेशक को उपस्थित होकर अपना व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करना था लेकिन विभाग के अधीक्षक अबिनाश मोहंती ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि महानिदेशक अस्वस्थ हैं। वह अगस्त में कोरोना से संक्रमित थे और उसके बाद 14 सितंबर को दिल्ली के निजी अस्पताल में उनकी सर्जरी हुई है।

चिकित्सक ने उन्हें एक महीने आराम करने की सलाह दी है। इस वजह से वह उपस्थित नहीं हो सकते। सॉलीसिटर जनरल ऑफ इंडिया शशि प्रकाश सिंह ने और आदेश का अनुपालन किए जाने के लिए और समय दिए जाने की मांग की। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है।

1991 से ही ट्रायल कोर्ट में मामला लंबित है। इस वजह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक कोर्ट के 12 सितंबर के आदेश के अनुपालन में अगली सुनवाई को उपस्थित होंगे। इसके बाद कोर्ट ने मामले में पहले से पारित अंतरिम आदेश को आगे बढ़ाते हुए सुनवाई के लिए 18 अक्तूबर 2022 की तिथि तय कर दी।

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विस्तार

ज्ञानवापी मस्जिद और विश्वेश्वर मंदिर विवाद मामले में बुधवार को सुनवाई पूरी नहीं हो सकी। कोर्ट ने बुधवार को मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेंक्षण विभाग के महानिदेशक अस्वस्थ होने की वजह से उपस्थित नहीं हो सके। इसलिए कोर्ट ने मामले की सुनवाई को आगे बढ़ाते हुए 18 दिसंबर 2022 की तिथि तय कर दी।

मामले में न्यायमूर्ति प्रकाश पाड़िया की खंडपीठ सुनवाई कर रही है। बुधवार को मामले में भारतीय पुरातत्व सर्वेंक्षण विभाग के महानिदेशक को उपस्थित होकर अपना व्यक्तिगत हलफनामा प्रस्तुत करना था लेकिन विभाग के अधीक्षक अबिनाश मोहंती ने हलफनामा दाखिल कर बताया कि महानिदेशक अस्वस्थ हैं। वह अगस्त में कोरोना से संक्रमित थे और उसके बाद 14 सितंबर को दिल्ली के निजी अस्पताल में उनकी सर्जरी हुई है।

चिकित्सक ने उन्हें एक महीने आराम करने की सलाह दी है। इस वजह से वह उपस्थित नहीं हो सकते। सॉलीसिटर जनरल ऑफ इंडिया शशि प्रकाश सिंह ने और आदेश का अनुपालन किए जाने के लिए और समय दिए जाने की मांग की। इस पर कोर्ट ने कहा कि यह मामला राष्ट्रीय महत्व का है।

1991 से ही ट्रायल कोर्ट में मामला लंबित है। इस वजह से भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक कोर्ट के 12 सितंबर के आदेश के अनुपालन में अगली सुनवाई को उपस्थित होंगे। इसके बाद कोर्ट ने मामले में पहले से पारित अंतरिम आदेश को आगे बढ़ाते हुए सुनवाई के लिए 18 अक्तूबर 2022 की तिथि तय कर दी।

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