मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फूलपुर संसदीय सीट से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर भले ही संशय हो, लेकिन पार्टी चुनाव में गठबंधन होने की स्थिति में 15 से 20 सीटों पर दावा करने जा रही है। यूपी के रास्ते दिल्ली पहुंचने के लिए पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने बीते तीन एवं चार सितंबर को बिहार में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिण की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष फूलपुर, मिर्जापुर और अंबेडकरनगर में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, यूपी के पदाधिकारियों को अब भी नीतीश के जवाब का इंतजार है।
इन सबके बीच पार्टी जिस तेजी से यूपी में सक्रिय हो रही है, उससे यह संकेत जरूर मिल रहे हैं कि गठबंधन हुआ तो ठीक, वरना पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ने को तैयार है। पार्टी ने यूपी में सदस्यता अभियान शुरू किया है। नवंबर के अंत तक 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य है, जो अभी 50 हजार तक पहुंचा है। हालांकि, पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने प्रदेश की सिर्फ तीन सीटों सोनभद्र, कानपुर एवं पीलीभीत से जोर आजमाइश की थी और तीनों ही सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी। इसी से सीख लेकर इस बार पार्टी चुनाव से पहले यूपी में अपना आधार मजबूत करने में जुटी है। पार्टी ने युवाओं के बीच भी जगह बनाने की कवायद शुरू कर दी है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय (इविवि) में फीस वृद्धि के आंदोलन में प्रदेश उपाध्यक्ष सत्येंद्र पटेल के नेतृत्व में पार्टी के प्रतिनिधिमंडल का शामिल होना इसी ओर इशारा कर रहा है। प्रदेश अध्यक्ष ने ‘अमर उजाला’ से कहा था कि जल्द ही विश्वविद्यालय में पार्टी अनुषांगिक छात्र संगठन बनाया जाएगा। अन्य विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में भी एक माह के भीतर यह प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य है। नौ शहरों में छात्र संगठन बनाए जा चुके हैं।
उधर, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अनूप पटेल का कहना है कि पार्टी अगर यूपी में गठबंधन करती है तो 15 से 20 सीटों पर दावेदारी करेगी। हालांकि, इस पर अंतिम निर्णय राष्ट्रीय नेतृत्व ही लेगा। नौ अक्तूबर को राष्ट्रीय सचिव एवं एमएलसी रावेंद्र लखनऊ आ रहे हैं। उनके नेतृत्व में बैठक कर संगठन को मजबूत बनाने की रणनीति तैयार की जाएगी।
विस्तार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फूलपुर संसदीय सीट से आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की अटकलों पर भले ही संशय हो, लेकिन पार्टी चुनाव में गठबंधन होने की स्थिति में 15 से 20 सीटों पर दावा करने जा रही है। यूपी के रास्ते दिल्ली पहुंचने के लिए पार्टी के प्रदेश नेतृत्व ने बीते तीन एवं चार सितंबर को बिहार में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिण की बैठक में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के समक्ष फूलपुर, मिर्जापुर और अंबेडकरनगर में से किसी एक सीट से चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था। हालांकि, यूपी के पदाधिकारियों को अब भी नीतीश के जवाब का इंतजार है।
इन सबके बीच पार्टी जिस तेजी से यूपी में सक्रिय हो रही है, उससे यह संकेत जरूर मिल रहे हैं कि गठबंधन हुआ तो ठीक, वरना पार्टी अकेले दम पर चुनाव लड़ने को तैयार है। पार्टी ने यूपी में सदस्यता अभियान शुरू किया है। नवंबर के अंत तक 50 लाख सदस्य बनाने का लक्ष्य है, जो अभी 50 हजार तक पहुंचा है। हालांकि, पिछले 2019 के लोकसभा चुनाव में पार्टी ने प्रदेश की सिर्फ तीन सीटों सोनभद्र, कानपुर एवं पीलीभीत से जोर आजमाइश की थी और तीनों ही सीटों पर जमानत जब्त हो गई थी। इसी से सीख लेकर इस बार पार्टी चुनाव से पहले यूपी में अपना आधार मजबूत करने में जुटी है। पार्टी ने युवाओं के बीच भी जगह बनाने की कवायद शुरू कर दी है।