भदोही के नरथुआं स्थित दुर्गा पंडाल में भीषण आग से तीन घंटे तक चीख-पुकार और भगदड़ की स्थिति बनी रही। स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, हादसे में एक बालक अंकुर सोनी (12) समेत चार की मौत हो गई और 52 से अधिक लोग झुलस गए। हालांकि प्रशासन ने 12 वर्षीय बालक की ही मौत की पुष्टि की है। वाराणसी के मंडलीय अस्पताल में उपचार के दौरान एक महिला ने भी दम तोड़ दिया। इस प्रकार कुल चार लोगों की मौत हुई। हादसे के बाद पंडाल से लेकर सीएचसी और निजी अस्पताल तक हर कोई भाग दौड़ लगाता रहा।
झुलसे बच्चों और महिलाओं की स्थिति भीषण अग्निकांड की भयावहता को दर्शा रही थी।औराई के नरथुआं स्थित दुर्गा पूजा पंडाल की घटना ने हर किसी को झकझोर दिया। आग से झुलसे बच्चों की चीख सुनकर वहां मौजूद लोगों की आंखें नम हो गईं। शाम 8 बजे से रात 11 बजे तक अस्पतालों में अफरातफरी की स्थिति बनी रही।
शाम करीब आठ बजे जैसे आग लगी तो किसी को कुछ समझ में नहीं आया। करीब 20 मिनट बाद दमकल के वाहन मौके पर पहुंचे लेकिन आग पर काबू नहीं पाया जा सका। सूचना पर भदोही और ज्ञानुपर से भी दमकल की गाड़ियां पहुंची। इधर झुलसे बच्चों और महिलाओं को अस्पताल ले जाने का सिलसिला शुरू हुआ। घटना के बाद डीएम गौरांग राठी, एसपी डॉ. अनिल कुमार सहित पुरा पुलिस और प्रशासनिक अमला मौके पर पहुंच गया।।
भदोही- औराई मार्ग पर स्थित दुर्गा पंडाल में भीषण आग ने पूरे जिले को झकझोर कर रख दिया। घटना में आयोजन समिति की बड़ी लापरवाही सामने आ रही है। पंडाल स्थल पर चलने वाले शो में प्रोजेक्टर के माध्यम से धार्मिक कार्यक्रम दिखाए जा रहे थे। गुफानुमा बने स्थल में आने-जाने का सिर्फ एक ही रास्ता था। आग लगने के बाद अंदर भगदड़ मच गई। इससे कई महिलाएं और बच्चे गिर गए। आग तेजी से फैली और उसके चपेट में सभी आ गए।
औराई तहसील क्षेत्र में नरथुआं स्थित पंडाल सबसे आकर्षक बनता है। यहां नवरात्र में धार्मिक शो भी प्रोजैक्टर के माध्यम से दिखाया जाता है। उक्त शो देखने के लिए नरथुआं, उपरौठ, बारीगांव, औराई, घोसिया, भवानीपुर, जेठूपुर, उगापुर, औराई सहित दर्जन भर से अधिक गांव की महिलाएं और बच्चे पहुंचते हैं। रविवार को भी उक्त गुफानुमा स्थल पर 150 से अधिक महिलाएं और बच्चे मौजूद रहे।
शार्ट सर्किट से आग लगी तो अंदर भगदड़ मच गई। आने-जाने का एक मात्र गेट होने से बच्चे और महिलाएं अंदर ही गिर गईं। उक्त गुफा फाइबर और प्लास्टिक के पन्नी से बनाई गई थी। इससे कुछ ही पलों में पूजा पंडाल धू-धू कर जलने लगे। वहां मौजूद लोगों को संभलने का मौका नहीं मिला और अधिकतर लोग झुलस गए।