उन्नावः जिले में ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनेंगी टिकाऊ सड़कें

0
21

[ad_1]

खस्ताहाल उन्नाव पड़री मार्ग। संवाद

खस्ताहाल उन्नाव पड़री मार्ग। संवाद
– फोटो : UNNAO

ख़बर सुनें

उन्नाव। लंबे समय तक सही रखने के लिए इस बार जिले की 27 सड़कें ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनाई जाएंगी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में इस बार जनपद के 27 मार्ग चयनित किए गए हैं। जिनकी कुल लंबाई 257 किमी है। इसके लिए 296 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं। सड़क निर्माण से 1.20 लाख की आबादी को सुहाने सफर का फायदा मिलेगा।
वर्तमान समय में बनाई जाने वाली सड़कें कुछ ही दिनों में खराब हो जाती हैं। सड़क के किनारे रहने वाले लोग अपने घर का पानी बाहर गिराते हैं। जलभराव होने पर सड़क कुछ ही माह में ही गड्ढों में तब्दील हो जाती है। जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए इस बार केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई से बनने वाली 27 सड़कों को ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनाने का आदेश दिया है।
अधिकारियों के मुताबिक, यह सड़कें 10 साल चलेंगी। अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 257 किमी की सड़कें इस टेक्नोलॉजी से बनाने को मंजूरी मिली है। सफलता मिलने पर भविष्य में अन्य सड़कों को भी इससे ही बनाया जाएगा। इन 27 मार्गों पर 524 गांव स्थित हैं। इनकी आबादी करीब 1.20 लाख है। जानकारों के मुताबिक, सड़क निर्माण से इन गांवों के लोगों को काफी लाभ होगा।
पीएमजीएसवाई के अधिशाषी अभियंता एसके जैन ने कहा कि पीएमजीएसवाई में चयनित 27 सड़कों को इस बार ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनाया जाएगा। इसके लिए उन फर्मों को चयन किया गया है जिनके पास विदेशों में प्रयोग की जाने वाली अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं। बारिश थमते ही सांसद के हाथों शिलान्यास कराकर काम शुरू कराया जाएगा।
जानें : ये है ग्रीन टेक्नोलॉजी
सामान्य सड़कों की अपेक्षा यह अलग तरीके से बनाई जाती है। तारकोल, गिट्टी समेत अन्य निर्माण सामग्री के साथ सड़क निर्माण में वेस्ट प्लास्टिक का भी अंश होगा। प्लास्टिक का अंश होने से बारिश या लोगों के घरों का पानी उसमें रिसने या लगने की बजाए ढाल की दिशा में चला जाएगा। प्लास्टिक के कारण पानी भरने पर भी सड़क जल्द खराब नहीं होगी।
ये मार्ग किए गए हैं चिह्नित
-सोहरामऊ से गोरिंदा मार्ग। पासाखेड़ा मंगतखेड़ा से रमईखेड़ा। बांगरमऊ संडीला से कलवारी मोहम्मदाबाद। पुरवा पाटन रोड से पूरनखेड़ा वाया पुरवा अचलगंज। पुरवा अचलगंज रोड किमी तीन से बकौली वाया हिम्मतखेड़ा पासाखेड़ा। अजगैन से बिरसिंहपुर मार्ग। सुमराहा से दीनाखेड़ा। बुआ रोड गंजमुरादाबाद से बरौकी वाया आजमपुर। एनएच 25 से मंगतखेड़ा वाया जमुका पर्डी कला। कालूखेड़ा से नीतिखेड़ा भाटनखेड़ा कालूखेड़ा हिलौली मार्ग। पुरवा सोहरामऊ से शिवदीनखेड़ा मंगतखेड़ा रोड भादिन। नवई से जसमड़ा रमई मार्ग। सफीपुर से परियर। अंधेलिया दौलतयारपुर नयाखेड़ा मार्ग। मिर्जापुर कला से सफीपुर मियागंज मार्ग। पुरवा बिहार किमी सात से केदारखेड़ा वाया भटौली। फतेहपुर चौरासी से शाहनगर। सफीपुर से रसूलाबाद। एनएच 25 जगदीशपुर से पिरासा। सिकंदरपुर सरोसी में उम्मा से उमरावखेड़ा। पुरवा सोहरामऊ किमी दो से एमडीआर 52 वाया अच्छीखेड़ा। मानिकपुर से पाटन बक्सर रोड वाया सांझामऊ। मियागंज में एसआरसी रोड से हिम्मतखेड़ा। सरोसी में यूएसएस से अंतरी। सरोसी में यूके रोड किमी दस से हफीजाबाद। बांगरमऊ में शारदा कैनाल पटरी और हिलौली में एमएमयू रोड से हिलौली मार्ग।

यह भी पढ़ें -  ोन नदी के किनारे बसे गांवों में भूगर्भ जल दूषित

उन्नाव। लंबे समय तक सही रखने के लिए इस बार जिले की 27 सड़कें ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनाई जाएंगी। प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) में इस बार जनपद के 27 मार्ग चयनित किए गए हैं। जिनकी कुल लंबाई 257 किमी है। इसके लिए 296 करोड़ रुपये भी जारी कर दिए गए हैं। सड़क निर्माण से 1.20 लाख की आबादी को सुहाने सफर का फायदा मिलेगा।

वर्तमान समय में बनाई जाने वाली सड़कें कुछ ही दिनों में खराब हो जाती हैं। सड़क के किनारे रहने वाले लोग अपने घर का पानी बाहर गिराते हैं। जलभराव होने पर सड़क कुछ ही माह में ही गड्ढों में तब्दील हो जाती है। जिससे लोगों को आवागमन में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसे देखते हुए इस बार केंद्र सरकार ने पीएमजीएसवाई से बनने वाली 27 सड़कों को ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनाने का आदेश दिया है।

अधिकारियों के मुताबिक, यह सड़कें 10 साल चलेंगी। अभी पायलट प्रोजेक्ट के रूप में 257 किमी की सड़कें इस टेक्नोलॉजी से बनाने को मंजूरी मिली है। सफलता मिलने पर भविष्य में अन्य सड़कों को भी इससे ही बनाया जाएगा। इन 27 मार्गों पर 524 गांव स्थित हैं। इनकी आबादी करीब 1.20 लाख है। जानकारों के मुताबिक, सड़क निर्माण से इन गांवों के लोगों को काफी लाभ होगा।

पीएमजीएसवाई के अधिशाषी अभियंता एसके जैन ने कहा कि पीएमजीएसवाई में चयनित 27 सड़कों को इस बार ग्रीन टेक्नोलॉजी से बनाया जाएगा। इसके लिए उन फर्मों को चयन किया गया है जिनके पास विदेशों में प्रयोग की जाने वाली अत्याधुनिक मशीनें उपलब्ध हैं। बारिश थमते ही सांसद के हाथों शिलान्यास कराकर काम शुरू कराया जाएगा।

जानें : ये है ग्रीन टेक्नोलॉजी

सामान्य सड़कों की अपेक्षा यह अलग तरीके से बनाई जाती है। तारकोल, गिट्टी समेत अन्य निर्माण सामग्री के साथ सड़क निर्माण में वेस्ट प्लास्टिक का भी अंश होगा। प्लास्टिक का अंश होने से बारिश या लोगों के घरों का पानी उसमें रिसने या लगने की बजाए ढाल की दिशा में चला जाएगा। प्लास्टिक के कारण पानी भरने पर भी सड़क जल्द खराब नहीं होगी।

ये मार्ग किए गए हैं चिह्नित

-सोहरामऊ से गोरिंदा मार्ग। पासाखेड़ा मंगतखेड़ा से रमईखेड़ा। बांगरमऊ संडीला से कलवारी मोहम्मदाबाद। पुरवा पाटन रोड से पूरनखेड़ा वाया पुरवा अचलगंज। पुरवा अचलगंज रोड किमी तीन से बकौली वाया हिम्मतखेड़ा पासाखेड़ा। अजगैन से बिरसिंहपुर मार्ग। सुमराहा से दीनाखेड़ा। बुआ रोड गंजमुरादाबाद से बरौकी वाया आजमपुर। एनएच 25 से मंगतखेड़ा वाया जमुका पर्डी कला। कालूखेड़ा से नीतिखेड़ा भाटनखेड़ा कालूखेड़ा हिलौली मार्ग। पुरवा सोहरामऊ से शिवदीनखेड़ा मंगतखेड़ा रोड भादिन। नवई से जसमड़ा रमई मार्ग। सफीपुर से परियर। अंधेलिया दौलतयारपुर नयाखेड़ा मार्ग। मिर्जापुर कला से सफीपुर मियागंज मार्ग। पुरवा बिहार किमी सात से केदारखेड़ा वाया भटौली। फतेहपुर चौरासी से शाहनगर। सफीपुर से रसूलाबाद। एनएच 25 जगदीशपुर से पिरासा। सिकंदरपुर सरोसी में उम्मा से उमरावखेड़ा। पुरवा सोहरामऊ किमी दो से एमडीआर 52 वाया अच्छीखेड़ा। मानिकपुर से पाटन बक्सर रोड वाया सांझामऊ। मियागंज में एसआरसी रोड से हिम्मतखेड़ा। सरोसी में यूएसएस से अंतरी। सरोसी में यूके रोड किमी दस से हफीजाबाद। बांगरमऊ में शारदा कैनाल पटरी और हिलौली में एमएमयू रोड से हिलौली मार्ग।



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here