High Court : बिजली विभाग के अधिकारियों की अदालत में पेशी आदेश पर रोक

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कोर्ट (प्रतीकात्मक तस्वीर।)

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– फोटो : iStock

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड फिरोजाबाद के अधिकारियों व अधीक्षण अभियंता शक्ति भवन लखनऊ की एससीएसटी विशेष अदालत फिरोजाबाद में पेशी पर रोक लगा दी है और विपक्षी अशोक चंदेल निवासी सुहाग नगर, फिरोजाबाद को नोटिस जारी की है। याची अधिकारियों का कहना है कि एससीएसटी एक्ट के तहत एफ आई आर सी दर्ज की जा सकती है, कंप्लेंट केस कानून की निगाह में विधि सम्मत नहीं है।इस मुद्दे पर न्यायिक निर्णयों में मतभिन्नता है। प्रकरण बृहद पीठ के समक्ष विचाराधीन है।ऐसे में कंप्लेंट केस में जारी सम्मन व गिरफ्तारी आदेश पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने विशेष अदालत के आदेशों पर रोक लगा दी है।

 

यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने अधीक्षण अभियंता अजय अग्रवाल व तीन अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याचिका को नरेश कुमार बाल्मीकि केस के साथ सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है और कहा है कि याचिका बृहद पीठ के फैसले के अनुसार तय होगी। याचिका पर विद्युत विभाग के अधिवक्ता बालेश्वर चतुर्वेदी ने बहस की। इनका कहना है कि अवैध विद्युत कनेक्शन काटे जाने के बाद शिकायतकर्ता ने विभाग के अधिकारियों पर धारा 352,504,भा दंड संहिता व एस सी एस टी एक्ट की धाराओं में  एफ आई आर दर्ज कराई गई है।

 

विशेष अदालत ने कंप्लेंट केस में अजय कुमार अग्रवाल अधीक्षण अभियंता लखनऊ, अरविंद कुमार अधिशासी अभियंता फिरोजाबाद, निजामुद्दीन एस डी ओ, अवनीश अवर अभियंता, व लोकेंद्र कुमार पाठक अवर अभियंता को सम्मन जारी कर तलब किया।केस की जानकारी न होने के कारण हाजिर नहीं हुए तो गिरफ्तारी वारंट जारी कर पेशी का आदेश दिया है। जिसे याचिका में चुनौती दी गई है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने दक्षिणांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड फिरोजाबाद के अधिकारियों व अधीक्षण अभियंता शक्ति भवन लखनऊ की एससीएसटी विशेष अदालत फिरोजाबाद में पेशी पर रोक लगा दी है और विपक्षी अशोक चंदेल निवासी सुहाग नगर, फिरोजाबाद को नोटिस जारी की है। याची अधिकारियों का कहना है कि एससीएसटी एक्ट के तहत एफ आई आर सी दर्ज की जा सकती है, कंप्लेंट केस कानून की निगाह में विधि सम्मत नहीं है।इस मुद्दे पर न्यायिक निर्णयों में मतभिन्नता है। प्रकरण बृहद पीठ के समक्ष विचाराधीन है।ऐसे में कंप्लेंट केस में जारी सम्मन व गिरफ्तारी आदेश पर रोक लगाई जाए। कोर्ट ने विशेष अदालत के आदेशों पर रोक लगा दी है।

 


यह आदेश न्यायमूर्ति नीरज तिवारी ने अधीक्षण अभियंता अजय अग्रवाल व तीन अन्य की याचिका पर दिया है। कोर्ट ने याचिका को नरेश कुमार बाल्मीकि केस के साथ सूचीबद्ध करने का आदेश दिया है और कहा है कि याचिका बृहद पीठ के फैसले के अनुसार तय होगी। याचिका पर विद्युत विभाग के अधिवक्ता बालेश्वर चतुर्वेदी ने बहस की। इनका कहना है कि अवैध विद्युत कनेक्शन काटे जाने के बाद शिकायतकर्ता ने विभाग के अधिकारियों पर धारा 352,504,भा दंड संहिता व एस सी एस टी एक्ट की धाराओं में  एफ आई आर दर्ज कराई गई है।

 


विशेष अदालत ने कंप्लेंट केस में अजय कुमार अग्रवाल अधीक्षण अभियंता लखनऊ, अरविंद कुमार अधिशासी अभियंता फिरोजाबाद, निजामुद्दीन एस डी ओ, अवनीश अवर अभियंता, व लोकेंद्र कुमार पाठक अवर अभियंता को सम्मन जारी कर तलब किया।केस की जानकारी न होने के कारण हाजिर नहीं हुए तो गिरफ्तारी वारंट जारी कर पेशी का आदेश दिया है। जिसे याचिका में चुनौती दी गई है।



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