प्रत्यक्षदर्शियों की जुबानी: एक-दूसरे को रौंदते हुए बदहवास भाग रहे थे लोग, दब गए थे छोटे बच्चे, चीख-चिल्ला…

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औराई में पंडाल के अंदर शो चल रहा था। मंच पर कलाकार मां दुर्गा की झांकी दिखा रहे थे, अभी झांकी पांच मिनट ही चली होगी कि अचानक पूरा पंडाल आग का गोला बन गया। हर तरफ केवल चीख-पुकार और लोगों की चीत्कार सुनाई दे रही थी। मैं भी लोगों की भीड़ में दब गया लेकिन किसी तरह अपने को बचाते हुए बाहर निकल आया। यह कहना है अग्निकांड के समय पंडाल के अंदर रहने वाले राजापुर घोसिया निवासी कैलाश बिंद का। घटना को बयां करते समय उनकी आंखों में हादसे की भयावहता दिख रही थी। जेठूपुर निवासी रितेश सोनी ने बताया कि हादसे के बाद चारों तरफ अफरा-तफरी मची हुई थी। कई लोगों ने पास स्थित तालाब में भी छलांग दी थी। 

भीड़ के नीचे दबे छोटे-छोटे बच्चे और लड़कियां बाहर निकलने का प्रयास कर रही थीं, लेकिन लोग एक-दूसरे को रौंदते हुए बदहवाश भागे जा रहे थे। इस हादसे में मैंने अपना छोटा भाई भी खो दिया।

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जेठूपुर निवासी किशन बताता है कि अपने दोस्तों के साथ वह पंडाल घूमने गया था, अभी वह गेट पर ही पहुंचा था कि अचानक चीख-पुकार मच गई। पंडाल के अंदर से आग का गोला और धुएं का गुबार उठने लगा। 

 

लोग बाहर की तरफ भाग रहे थे। कई लोग ऐसे रहे जिनके बच्चे अंदर छूट गए थे, वे चीख-चिल्ला रहे थे, कोई तो उनके लाल को बचा लो लेकिन कोई बचाने वाला नहीं था।

 

औराई निवासी प्रांशु केसरी बताते है कि उनका मकान पंडाल के ठीक सामने है। वह अपने घर के सामने खड़े थे कि अचानक अफरा-तफरी मच गयी। लोग शोर मचाते हुए पंडाल से बदहवास होकर निकल रहे थे। 

 



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