किसी ने बताया लाभाकारी, कोई निराश

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फतेहपुर। केंद्र सरकार के बजट को लेकर जिले के लोगों ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी है। कुुछ लोगों ने इसे देश को सशक्त बनाने वाला बजट बताया तो कुछ के मुताबिक बजट उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। केंद्रीय कर्मचारियों ने सरकार के बजट पर निराशा जताई है। वहीं कृषि वैज्ञानिकों ने गंगा किनारे जैविक खेती कराए जाने से पशुपालन को बढ़ावा मिलने की बात कही है।
केवीके थरियांव के कृषि वैैैज्ञानिक डॉ. देवेंद्र स्वरूप ने केंद्र सरकार के बजट को किसान हित में बताया है। कहा कि गंगा किनारे के पांच किमी क्षेत्र में जैविक खेती कराई जाएगी, तो जैविक खाद का उपयोग होगा। इससे पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा।
व्यापारी विनोद गुप्ता ने बजट की सराहना की है। टैक्स भरने में गलती होने पर अब व्यापारी रिवाइज कर सकता है। इसमें समय भी दो साल तक के लिए दिया गया है। अब व्यापारियों को टैक्स भरते समय गलती होने पर जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा।
व्यापारी प्रदीप गर्ग ने केंद्र सरकार के बजट पर निराशा जताई है। कहा कि लघु उद्योग और छोटे व्यापारियों को इस बजट से काफी उम्मीद थी। व्यापारी समस्याओं के चक्रव्यूह में जकड़ा रहेगा। इनकम टैक्स में किसी प्रकार की छूट नहीं दी गई है।
किसान नेता रामदत्त मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट लुभावना नहीं है। दूरगामी बजट है। इस बजट में आधुनिक तौर से खेती कराने के लिए विश्वविद्यालयों में कृषि पाठ्यक्रम जोड़ने का काम किया गया, जो आगे किसानों के लिए लाभकारी होगा।
भाकियू जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह गौतम ने कहा कि सरकार ने पिछले साल के अपेक्षा कृषि बजट में कटौती कर दी है। ऐसे में किसानों को एमएसपी का लाभ सरकार कैसे देगी। इस बजट में किसानों के लिए नई योजनाएं भी नहीं दी गई हैं।
नार्थ सेंट्रल रेलवे इम्पलाइज संघ के शाखा सचिव कुलदीप यादव ने कहा कि रेलव कर्मियों को इस बजट में इनकम टैक्स में छूट मिलने और पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद थी, लेकिन रेलवे कर्मियों के लिए बजट में कुछ नहीं दिया गया है।
नगर के फुटवियर कारोबारी मोहम्मद अकरम अंसारी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी वर्ग को राहत नहीं मिली है। व्यापारियों के टैैक्स में भी कोई छूट नहीं की गई। जबकि पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण से व्यापार चौपट हो गया है। नौकरी करने वालों को भी कोई लाभ नहीं मिला है।
नगर के आयरन-स्टील व्यवसायी राजेश कुमार ने बताया कि बजट दूरगामी परिणाम देने वाला है। देश की अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि टैक्स नहीं बढ़ाया गया है। बजट में प्रदेश को दो लाख करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे। जिससे विकास होगा। बेरोजगारों को काम मिलेगा।
व्यापारी लक्ष्मीचंद्र उर्फ मोना ओमर ने बताया कि सरकार के इस बजट से व्यापारियों को कोई खास लाभ नहीं है। 12 वर्षों से अधिक समय सीमा 2.50 लाख रुपए ही है। जिसे बढ़ाए जाने का सरकार द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया है।
व्यापारी संजय गुप्ता ने बताया कि सरकार द्वारा व्यापारियों का दुर्घटना बीमा 10 लाख रुपए आज की महंगाई के दौर में बहुत कम है। इसे बढ़ाकर सरकार को कम से कम 20 लाख रुपए तक करना चाहिए था।

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फतेहपुर। केंद्र सरकार के बजट को लेकर जिले के लोगों ने मिली जुली प्रतिक्रिया दी है। कुुछ लोगों ने इसे देश को सशक्त बनाने वाला बजट बताया तो कुछ के मुताबिक बजट उनकी उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा। केंद्रीय कर्मचारियों ने सरकार के बजट पर निराशा जताई है। वहीं कृषि वैज्ञानिकों ने गंगा किनारे जैविक खेती कराए जाने से पशुपालन को बढ़ावा मिलने की बात कही है।

केवीके थरियांव के कृषि वैैैज्ञानिक डॉ. देवेंद्र स्वरूप ने केंद्र सरकार के बजट को किसान हित में बताया है। कहा कि गंगा किनारे के पांच किमी क्षेत्र में जैविक खेती कराई जाएगी, तो जैविक खाद का उपयोग होगा। इससे पशुपालन को बढ़ावा मिलेगा।

व्यापारी विनोद गुप्ता ने बजट की सराहना की है। टैक्स भरने में गलती होने पर अब व्यापारी रिवाइज कर सकता है। इसमें समय भी दो साल तक के लिए दिया गया है। अब व्यापारियों को टैक्स भरते समय गलती होने पर जुर्माना नहीं भरना पड़ेगा।

व्यापारी प्रदीप गर्ग ने केंद्र सरकार के बजट पर निराशा जताई है। कहा कि लघु उद्योग और छोटे व्यापारियों को इस बजट से काफी उम्मीद थी। व्यापारी समस्याओं के चक्रव्यूह में जकड़ा रहेगा। इनकम टैक्स में किसी प्रकार की छूट नहीं दी गई है।

किसान नेता रामदत्त मिश्रा ने कहा कि केंद्र सरकार का बजट लुभावना नहीं है। दूरगामी बजट है। इस बजट में आधुनिक तौर से खेती कराने के लिए विश्वविद्यालयों में कृषि पाठ्यक्रम जोड़ने का काम किया गया, जो आगे किसानों के लिए लाभकारी होगा।

भाकियू जिलाध्यक्ष राजकुमार सिंह गौतम ने कहा कि सरकार ने पिछले साल के अपेक्षा कृषि बजट में कटौती कर दी है। ऐसे में किसानों को एमएसपी का लाभ सरकार कैसे देगी। इस बजट में किसानों के लिए नई योजनाएं भी नहीं दी गई हैं।

नार्थ सेंट्रल रेलवे इम्पलाइज संघ के शाखा सचिव कुलदीप यादव ने कहा कि रेलव कर्मियों को इस बजट में इनकम टैक्स में छूट मिलने और पुरानी पेंशन बहाली की उम्मीद थी, लेकिन रेलवे कर्मियों के लिए बजट में कुछ नहीं दिया गया है।

नगर के फुटवियर कारोबारी मोहम्मद अकरम अंसारी निराशा व्यक्त करते हुए कहा कि किसी भी वर्ग को राहत नहीं मिली है। व्यापारियों के टैैक्स में भी कोई छूट नहीं की गई। जबकि पिछले वर्ष कोरोना संक्रमण से व्यापार चौपट हो गया है। नौकरी करने वालों को भी कोई लाभ नहीं मिला है।

नगर के आयरन-स्टील व्यवसायी राजेश कुमार ने बताया कि बजट दूरगामी परिणाम देने वाला है। देश की अर्थ व्यवस्था मजबूत होगी। सबसे बड़ी बात यह है कि टैक्स नहीं बढ़ाया गया है। बजट में प्रदेश को दो लाख करोड़ रुपए ज्यादा मिलेंगे। जिससे विकास होगा। बेरोजगारों को काम मिलेगा।

व्यापारी लक्ष्मीचंद्र उर्फ मोना ओमर ने बताया कि सरकार के इस बजट से व्यापारियों को कोई खास लाभ नहीं है। 12 वर्षों से अधिक समय सीमा 2.50 लाख रुपए ही है। जिसे बढ़ाए जाने का सरकार द्वारा कोई प्रयास नहीं किया गया है।

व्यापारी संजय गुप्ता ने बताया कि सरकार द्वारा व्यापारियों का दुर्घटना बीमा 10 लाख रुपए आज की महंगाई के दौर में बहुत कम है। इसे बढ़ाकर सरकार को कम से कम 20 लाख रुपए तक करना चाहिए था।

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