विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस सोमवार को है। कोरोना काल के बाद सबसे अधिक मानसिक स्वास्थ्य की दिक्कत किशोरों और युवकों में बढ़ी है। कंप्यूटर और मोबाइल फोन पर सर्फिंग की लत ने बच्चों को अनिद्रा का शिकार बना दिया है। बच्चे और किशोर कानों में ईयर फोन लगाकर रात भर गाने सुन रहे हैं। उनका मिजाज बदल गया है।
वे माता-पिता की बात नहीं सुन रहे हैं और उन्हें गुस्सा आ रहा है। अभिभावक परेशान होकर अब मनोरोग विशेषज्ञों की सलाह ले रहे हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग की ओपीडी में आकर अभिभावक विशेषज्ञों की सलाह ले रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि बच्चे सारी रात कानों में ईयर फोन लगाकर गाना सुनते हैं।
टोकने पर आक्रामक हो जाते हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि किशोरों को खाने में मिलाकर दवा दें। इसके बाद काउंसलिंग कराने के लिए लाएं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग की ओपीडी में आकर अभिभावक सलाह ले रहे हैं। मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. गणेश शंकर की ओपीडी में अपने बच्चे की समस्या लेकर आईं स्वरूपनगर की महिला ने बताया कि उनका बेटा कक्षा आठ का छात्र है।
वह सारी रात कान में ईयर फोन लगाकर सुनता है और नाचता है। इस बीच अगर कोई उसे टोक दे या सोने के लिए कहे तो वह तोड़फोड़ करने लगता है। दवा देने पर खाता नहीं है। इस पर उन्हें सलाह दी गई कि खाने में दवा दें जिससे वह खा ले। जब स्थिति बेहतर हो तो उसकी काउंसलिंग कराएं।
साल भर के अंदर ओपीडी में 45 अभिभावकों ने आकर यह समस्या बताई है। इसके अलावा निजी मनोरोग विशेषज्ञों और मनोवैज्ञानिकों के यहां लोग यह समस्या लेकर आ रहे हैं। हर्षनगर के जीतेंद्र ने बताया कि उनका बेटा हाईस्कूल में पढ़ रहा है। सोशल साइट पर क्लास के बहाने जाता है। इसके बाद पता नहीं रात भर क्या देखता है? उसकी खुराक कम हो गई है। इसके साथ ही आंख की समस्या हो रही है। डॉ. गणेश शंकर ने बताया कि लॉक डाउन के बाद इस तरह की समस्या बढ़ी है। इससे बच्चों के मिजाज में भी बदलाव आया है।
ये करें – किशोरों से सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करें। – उनकी दिलचस्पी वाले मुद्दों पर बात करें। – फोन का इस्तेमाल एकदम से बंद करने के बजाय अवधि घटाने को कहें। – फोन का इस्तेमाल न करने पर उन्हें पुरस्कृत करें। – किताबें पढ़ने के लिए उनमें दिलचस्पी पैदा करें।
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विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस सोमवार को है। कोरोना काल के बाद सबसे अधिक मानसिक स्वास्थ्य की दिक्कत किशोरों और युवकों में बढ़ी है। कंप्यूटर और मोबाइल फोन पर सर्फिंग की लत ने बच्चों को अनिद्रा का शिकार बना दिया है। बच्चे और किशोर कानों में ईयर फोन लगाकर रात भर गाने सुन रहे हैं। उनका मिजाज बदल गया है।
वे माता-पिता की बात नहीं सुन रहे हैं और उन्हें गुस्सा आ रहा है। अभिभावक परेशान होकर अब मनोरोग विशेषज्ञों की सलाह ले रहे हैं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग की ओपीडी में आकर अभिभावक विशेषज्ञों की सलाह ले रहे हैं। अभिभावकों का कहना है कि बच्चे सारी रात कानों में ईयर फोन लगाकर गाना सुनते हैं।
टोकने पर आक्रामक हो जाते हैं। विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि किशोरों को खाने में मिलाकर दवा दें। इसके बाद काउंसलिंग कराने के लिए लाएं। जीएसवीएम मेडिकल कॉलेज के मनोरोग विभाग की ओपीडी में आकर अभिभावक सलाह ले रहे हैं। मनोरोग विशेषज्ञ डॉ. गणेश शंकर की ओपीडी में अपने बच्चे की समस्या लेकर आईं स्वरूपनगर की महिला ने बताया कि उनका बेटा कक्षा आठ का छात्र है।