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मां-बेटी की मौत की घटना में जांच करते सीओ विक्रमाजीत सिंह व अन्य। संवाद
– फोटो : UNNAO
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असोहा (उन्नाव)। फसल की रखवाली करने गईं मां-बेटी खेत में गिरी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गईं। जानकारी होने पर ग्रामीणों ने जब तक बिजली की आपूर्ति बंद कराई, तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। हादसे के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। जानकारी पर एसडीएम और सीओ मौके पर पहुंचे हैं। ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करते रहे।
असोहा थाना क्षेत्र के गांव दाऊखेड़ा निवासी बिटाना यादव उर्फ धुन्नी (53) मायके में रह रही विवाहित बेटी ममता उर्फ गुड़िया (30) के साथ बुधवार की रात करीब आठ बजे गांव से 200 मीटर दूर स्थित खेत में धान की फसल की रखवाली करने गई थीं। उपकेंद्र पड़वा खेड़ा से शाहाबाद-केवनी जाने वाली हाईटेंशन लाइन का तार टूटकर खेत में गिरा था। अंधेरा होने से मां-बेटी गिरा तार नहीं देख पाईं। करंट की चपेट में आने से दोनों की मौत हो गई। कुछ देर बाद पास के खेतों में मौजूद लोगों की नजर पड़ी तो घटना की जानकारी हुई। ग्राम प्रधान बिट्टी के पति अर्जुन रावत मौके पर पहुंचे और बिजली आपूर्ति बंद कराने के साथ ही पुलिस और अन्य अधिकारियों को सूचना दी।
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने बिजली विभाग के आला अफसरों को बुलाने की मांग कर हंगामा शुरू कर दिया। जानकारी पर एसडीएम पुरवा अजीत कुमार जायसवाल और सीओ विक्रमाजीत सिंह मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीण बिजली विभाग के अधिकारियों के मौके पर न आने तक शव न उठाने देने की जिद पर अड़े हैं। एसडीएम ने बिजली लाइन दुरुस्त कराने और मृतक आश्रित को हर संभव आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया है, लेकिन रात दस बजे तक ग्रामीण जिद पर अड़े रहे। शव नहीं उठाने दिया।
चचेरे भतीजे केदार यादव ने बताया कि बिटाना के पति रामआसरे की एक साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। बिटाना की एक बेटी ममता उर्फ गुड़िया की पांच साल पहले इसी थाना क्षेत्र के मकदूमपुर गांव निवासी दीपू से शादी हुई थी। पति से अनबन के चलते ममता चार साल से मायके में ही मां के साथ रह रही थी। ससुराल वालों से मुकदमा भी चल रहा है। इकलौता बेटा गुड्डू ट्रक चालक है। परिजनों ने फोनकर घटना की सूचना दी है। वह ट्रक में भाड़ा लेकर गया है। इस समय इंदौर में है।
ग्रामीणों का आरोप है कि पांच साल से मांग के बाद भी विभाग ने जर्जर लाइन नहीं बदली। महीने में कई बार तार टूटकर गिरते हैं। एक साल में आठ लोग करंट लगने से झुलस चुके हैं। चार दिन पहले इसी गांव की केसाना को भी टूटे तार की वजह से करंट लगा था। एसडीओ एके वर्मा ने फोन पर बताया कि करीब डेढ़ साल पहले बिजली की लाइन बदलने का स्टीमेट बनाकर विभाग को भेजा था। अब तक स्वीकृत न होने से लाइन नहीं बदली जा सकी।
असोहा (उन्नाव)। फसल की रखवाली करने गईं मां-बेटी खेत में गिरी हाईटेंशन लाइन की चपेट में आ गईं। जानकारी होने पर ग्रामीणों ने जब तक बिजली की आपूर्ति बंद कराई, तब तक दोनों की मौत हो चुकी थी। हादसे के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने हंगामा शुरू कर दिया। जानकारी पर एसडीएम और सीओ मौके पर पहुंचे हैं। ग्रामीणों को समझाने का प्रयास करते रहे।
असोहा थाना क्षेत्र के गांव दाऊखेड़ा निवासी बिटाना यादव उर्फ धुन्नी (53) मायके में रह रही विवाहित बेटी ममता उर्फ गुड़िया (30) के साथ बुधवार की रात करीब आठ बजे गांव से 200 मीटर दूर स्थित खेत में धान की फसल की रखवाली करने गई थीं। उपकेंद्र पड़वा खेड़ा से शाहाबाद-केवनी जाने वाली हाईटेंशन लाइन का तार टूटकर खेत में गिरा था। अंधेरा होने से मां-बेटी गिरा तार नहीं देख पाईं। करंट की चपेट में आने से दोनों की मौत हो गई। कुछ देर बाद पास के खेतों में मौजूद लोगों की नजर पड़ी तो घटना की जानकारी हुई। ग्राम प्रधान बिट्टी के पति अर्जुन रावत मौके पर पहुंचे और बिजली आपूर्ति बंद कराने के साथ ही पुलिस और अन्य अधिकारियों को सूचना दी।
घटना से आक्रोशित ग्रामीणों ने बिजली विभाग के आला अफसरों को बुलाने की मांग कर हंगामा शुरू कर दिया। जानकारी पर एसडीएम पुरवा अजीत कुमार जायसवाल और सीओ विक्रमाजीत सिंह मौके पर पहुंचे, लेकिन ग्रामीण बिजली विभाग के अधिकारियों के मौके पर न आने तक शव न उठाने देने की जिद पर अड़े हैं। एसडीएम ने बिजली लाइन दुरुस्त कराने और मृतक आश्रित को हर संभव आर्थिक मदद दिलाने का आश्वासन दिया है, लेकिन रात दस बजे तक ग्रामीण जिद पर अड़े रहे। शव नहीं उठाने दिया।
चचेरे भतीजे केदार यादव ने बताया कि बिटाना के पति रामआसरे की एक साल पहले बीमारी से मौत हो गई थी। बिटाना की एक बेटी ममता उर्फ गुड़िया की पांच साल पहले इसी थाना क्षेत्र के मकदूमपुर गांव निवासी दीपू से शादी हुई थी। पति से अनबन के चलते ममता चार साल से मायके में ही मां के साथ रह रही थी। ससुराल वालों से मुकदमा भी चल रहा है। इकलौता बेटा गुड्डू ट्रक चालक है। परिजनों ने फोनकर घटना की सूचना दी है। वह ट्रक में भाड़ा लेकर गया है। इस समय इंदौर में है।
ग्रामीणों का आरोप है कि पांच साल से मांग के बाद भी विभाग ने जर्जर लाइन नहीं बदली। महीने में कई बार तार टूटकर गिरते हैं। एक साल में आठ लोग करंट लगने से झुलस चुके हैं। चार दिन पहले इसी गांव की केसाना को भी टूटे तार की वजह से करंट लगा था। एसडीओ एके वर्मा ने फोन पर बताया कि करीब डेढ़ साल पहले बिजली की लाइन बदलने का स्टीमेट बनाकर विभाग को भेजा था। अब तक स्वीकृत न होने से लाइन नहीं बदली जा सकी।
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