बीएचयू केंद्रीय कार्यालय पर प्रदर्शन करते छात्र – फोटो : अमर उजाला
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काशी हिंदू विश्विद्यालय (बीएचयू) में फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। पिछले दिनों केंद्रीय कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर छात्रों ने इसे वापस लेने की मांग की थी। वहीं उस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस पर आवाज उठाई है। छात्रों ने सोशल मीडिया पर समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने फीस वृद्धि का जो फैसला लिया है, वह गलत है।
प्रियंका गांधी क्या बोलीं
अपने ट्विटर हैंडल पर प्रियंका गांधी ने लिखा है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 400 प्रतिशत फीस वृद्धि के बाद अब बीएचयू में भी 50 प्रतिशत फीस वृद्धि कर दी गई है। प्रियंका गांधी ने लिखा है कि भाजपा सरकार की नीतियों के चलते सामान्य घरों के लाखों बच्चों की पढ़ाई-लिखाई छूट जाएगी। भाजपा राज में युवा विरोधी नीतियों का यह चरम काल है। शिक्षा महंगी है और नौकरियों का बुरा हाल है। इधर, भगत सिंह छात्र मोर्चा ने भी शुक्रवार दोपहर में सेंट्रल ऑफिस का घेराव करने का निर्णय लिया है।
NSUI कार्यकर्ताओं ने फूंका था शिक्षा मंत्री का पुतला बीएचयू में हॉस्टल के साथ ही विभिन्न पाठयक्रमों में फीस वृद्धि के विरोध में बुधवार को एनएसयूआई बीएचयू इकाई के कार्यकर्ताओं ने शिक्षामंत्री का पुतला फूंका था। मधुबन पार्क के पास उनकी प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मियों से जमकर नोकझोंक भी हुई थी।
प्रदर्शन कर रहे चंदन मेहता ने कहा कि बीएचयू में फीस वृद्धि के कारण ग्रामीण और आदिवासी परिवेश से आने वाले वंचित तबके के छात्रों पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। राजीव नयन ने कहा कि सरकार की नीति शिक्षा विरोधी है। बीएचयू प्रशासन इसी नीति का अनुसरण करते हुए छात्रों को शिक्षा के अधिकार से वंचित करने में लगा है।
बीएचयू में दीक्षांत समारोह से पहले विरोध में उतरे छात्र बीएचयू में दस दिसंबर को होने वाले 102वें दीक्षांत समारोह से पहले छात्रों का विरोध शुरू हो गया है। बृहस्पतिवार को केंद्रीय कार्यालय पर छात्र कुलपति से मिलने पहुंचे। नहीं मिल पाने पर बाहर प्रदर्शन कर विश्वविद्यालय प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाया।
छात्रों ने बताया कि दीक्षांत को लेकर छह सितंबर को जारी आदेश में 2019-20 और 2020-21 में पास होने वाले छात्र-छात्राओं को दीक्षांत समारोह में उपाधि नहीं देने की बात सामने आई है। इसमें 2021-22 वाले छात्रों को समारोह में मेडल, डिग्री दोनों देने का जिक्र है। इसको लेकर छात्रों ने जमकर नारेबाजी भी की।
उनका कहना था कि दीक्षांत समारोह में उपाधि पाना सभी छात्रों का सपना होता है, लेकिन विश्वविद्यालय ने भेदभाव किया है। ऐसे में परंपरा के अनुसार, 2019-20 और 2020-21 में पास होने वाले सभी छात्र-छात्राओं को भी उपाधि दी जाए। सूचना पाकर प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सदस्य भी पहुंच गए और छात्रों को मनाने का प्रयास किया, लेकिन वह नहीं माने। उनका कहना था कि अगर विश्वविद्यालय ने मांगे नहीं मानीं तो उग्र आंदोलन करेेंगे। इसकी जिम्मेदारी विश्वविद्यालय प्रशासन की होगी।
बीएचयू में मांगें पूरी नहीं होने के विरोध एक बार फिर से छात्र पोस्टर चस्पा करने लगे हैं। पीजी में सीट वृद्धि की मांग को लेकर कुलपति आवास के सामने धरने पर बैठे आयुर्वेद संकाय के छात्रों ने दीवारों पर पोस्टर चस्पा कर नाराजगी जाहिर की। विश्वविद्यालय प्रशासन पर मांगों की अनदेखी का आरोप लगाया। साथ ही रैली निकालकर नारेबाजी भी की।
वीसी आवास के सामने धरने पर बैठने की वजह से मालवीय भवन से एलडी गेस्ट हाउस जाने वाली सड़क पर आवागमन ठप हो गया। गुरुवार को छात्रों ने आईएमएस बीएचयू सहित परिसर में हाथ में बैनर, पोस्टर लेकर रैली निकाली। जो कि कुलपति आवास से निकलकर आईएमएस गेट, केएन उड्डुप्पा, मधुबन, महिला महाविद्यालय होते हुए कुलपति आवास पर समाप्त हुई। छात्रों ने चेतावनी दी कि मांगें पूरी नहीं होने तक आंदोलन जारी रहेगा।
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काशी हिंदू विश्विद्यालय (बीएचयू) में फीस वृद्धि के खिलाफ छात्रों का आंदोलन तेज होता जा रहा है। पिछले दिनों केंद्रीय कार्यालय पर धरना प्रदर्शन कर छात्रों ने इसे वापस लेने की मांग की थी। वहीं उस मुद्दे पर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने भी इस पर आवाज उठाई है। छात्रों ने सोशल मीडिया पर समर्थन जुटाना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने फीस वृद्धि का जो फैसला लिया है, वह गलत है।
प्रियंका गांधी क्या बोलीं
अपने ट्विटर हैंडल पर प्रियंका गांधी ने लिखा है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में 400 प्रतिशत फीस वृद्धि के बाद अब बीएचयू में भी 50 प्रतिशत फीस वृद्धि कर दी गई है। प्रियंका गांधी ने लिखा है कि भाजपा सरकार की नीतियों के चलते सामान्य घरों के लाखों बच्चों की पढ़ाई-लिखाई छूट जाएगी। भाजपा राज में युवा विरोधी नीतियों का यह चरम काल है। शिक्षा महंगी है और नौकरियों का बुरा हाल है। इधर, भगत सिंह छात्र मोर्चा ने भी शुक्रवार दोपहर में सेंट्रल ऑफिस का घेराव करने का निर्णय लिया है।
NSUI कार्यकर्ताओं ने फूंका था शिक्षा मंत्री का पुतला
बीएचयू में हॉस्टल के साथ ही विभिन्न पाठयक्रमों में फीस वृद्धि के विरोध में बुधवार को एनएसयूआई बीएचयू इकाई के कार्यकर्ताओं ने शिक्षामंत्री का पुतला फूंका था। मधुबन पार्क के पास उनकी प्रॉक्टोरियल बोर्ड के सुरक्षाकर्मियों से जमकर नोकझोंक भी हुई थी।