UP BJP: भाजपा के पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी का निधन, कैंसर की बीमारी से थे परेशान

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पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी।

पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी।
– फोटो : amar ujala

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मिल्कीपुर में भारतीय जनता पार्टी की रीढ़ कहें जाने वाले पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे काफी दिनों से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने 76 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। मथुरा प्रसाद तिवारी वर्ष 1991 में मिल्कीपुर विधानसभा से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। कुमारगंज थाना क्षेत्र के पिठला गांव में उनका निधन हुआ है।

स्वर्गीय तिवारी मिल्कीपुर भाजपा का उस समय नेतृत्व करते थे जब भारतीय जनता पार्टी का कोई झंडा उठाने को तैयार नहीं था। क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी का जलजला हुआ करता था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा पहुंचने के लिए मिल्कीपुर से कई बार जोर आजमाइश की लेकिन निराशा हाथ लगी।

 

सन 1991 में राम मंदिर आंदोलन में भाजपा की लहर चल रही थी और मथुरा प्रसाद तिवारी ने कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार कमलासन पाण्डेय को 415 मतों से पराजित करके विधानसभा में दस्तक दे दी। उनके पुराने साथी अब सपा नेता घनश्याम त्रिपाठी बताते हैं कि पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी का पूरा जीवन आरएसएस और जनसंघ को समर्पित रहा।
 

जनसंघ के जमाने से उन्होंने राजनीति शुरू की। पहली बार 1985 में मिल्कीपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार मित्रसेन यादव से वह चुनाव हार गए। उन्होंने बताया कि 1989 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। 1991 में कमलासन पांडे को पराजित करके वह विधायक बने और 1993 में फिर मित्रसेन यादव से चुनाव हार गए। कल मंगलवार को अयोध्या में उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके निधन की खबर लगते ही उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कुमारगंज के पिठला गांव में समर्थकों और पार्टी नेताओं की भीड़ जुटना शुरू हो गई है।

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मिल्कीपुर में भारतीय जनता पार्टी की रीढ़ कहें जाने वाले पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी का लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। वे काफी दिनों से कैंसर की बीमारी से जूझ रहे थे। उन्होंने 76 वर्ष की आयु में अंतिम सांस ली। मथुरा प्रसाद तिवारी वर्ष 1991 में मिल्कीपुर विधानसभा से भाजपा के टिकट पर विधायक चुने गए थे। कुमारगंज थाना क्षेत्र के पिठला गांव में उनका निधन हुआ है।

स्वर्गीय तिवारी मिल्कीपुर भाजपा का उस समय नेतृत्व करते थे जब भारतीय जनता पार्टी का कोई झंडा उठाने को तैयार नहीं था। क्षेत्र में कांग्रेस पार्टी और कम्युनिस्ट पार्टी का जलजला हुआ करता था। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार के तौर पर विधानसभा पहुंचने के लिए मिल्कीपुर से कई बार जोर आजमाइश की लेकिन निराशा हाथ लगी।

 

सन 1991 में राम मंदिर आंदोलन में भाजपा की लहर चल रही थी और मथुरा प्रसाद तिवारी ने कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार कमलासन पाण्डेय को 415 मतों से पराजित करके विधानसभा में दस्तक दे दी। उनके पुराने साथी अब सपा नेता घनश्याम त्रिपाठी बताते हैं कि पूर्व विधायक मथुरा प्रसाद तिवारी का पूरा जीवन आरएसएस और जनसंघ को समर्पित रहा।

 

जनसंघ के जमाने से उन्होंने राजनीति शुरू की। पहली बार 1985 में मिल्कीपुर से विधानसभा का चुनाव लड़ा, लेकिन कम्युनिस्ट पार्टी के उम्मीदवार मित्रसेन यादव से वह चुनाव हार गए। उन्होंने बताया कि 1989 में उन्होंने चुनाव नहीं लड़ा। 1991 में कमलासन पांडे को पराजित करके वह विधायक बने और 1993 में फिर मित्रसेन यादव से चुनाव हार गए। कल मंगलवार को अयोध्या में उनका अंतिम संस्कार होगा। उनके निधन की खबर लगते ही उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए कुमारगंज के पिठला गांव में समर्थकों और पार्टी नेताओं की भीड़ जुटना शुरू हो गई है।



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