मनी लॉन्ड्रिंग मामला : ईडी ने बाहुबली माफिया मुख्तार की 3.48 करोड़ की संपत्ति अटैच की

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मुख्तार अंसारी

मुख्तार अंसारी
– फोटो : अमर उजाला

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प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माफिया मुख्तार अंसारी की सात संपत्तियां अटैच कर दीं। मनी लॉन्ड्रिंग केस में उसके खिलाफ यह कार्रवाई की गई। इनमें जालौन में छह और गाजीपुर स्थित एक संपत्ति शामिल है। जालौन में जिन छह संपत्तियों पर कार्रवाई की गई, वह विकास कंसट्रक्शन के नाम पर हैं। आरोप है कि अप्रत्यक्ष रूप से यह कंपनी मुख्तार की है। इसके कुल पांच पार्टनर में माफिया की पत्नी अफ्शा अंसारी और उसके दो भाई आतिफ रजा व अनवर शहजाद के नाम भी शामिल हैं। 

इसके अलावा गाजीपुर की जिस संपत्ति पर कार्रवाई हुई, वह माफिया की पत्नी अफ्शा अंसारी के नाम पर दर्ज है। फिलहाल अस्थायी तौर पर संपत्तियां अटैच की गई हैं। गौरतलब है कि ईडी की प्रयागराज इकाई ने जुलाई 2021 में मुख्तार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। 

सर्किल रेट से कम दाम पर कराया था बैनामा
ईडी की ओर से बताया गया है कि अटैच की गई संपत्ति की कीमत 1.48 करोड़ रुपये (रजिस्ट्री मूल्य) है। खास बात यह है कि पंजीकरण के समय उनका सर्किल रेट के आधार पर संपत्तियों का कुल मूल्य 3.42 करोड़ रुपये था। इससे यह भी माना जा रहा है कि पांच बार विधायक रह चुके मुख्तार व उसके करीबियों ने दबंगई के बल पर कम दाम में ही बैनामा कराया था। वर्तमान में वह यूपी की बांदा जेल में बंद है। 

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विस्तार

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने माफिया मुख्तार अंसारी की सात संपत्तियां अटैच कर दीं। मनी लॉन्ड्रिंग केस में उसके खिलाफ यह कार्रवाई की गई। इनमें जालौन में छह और गाजीपुर स्थित एक संपत्ति शामिल है। जालौन में जिन छह संपत्तियों पर कार्रवाई की गई, वह विकास कंसट्रक्शन के नाम पर हैं। आरोप है कि अप्रत्यक्ष रूप से यह कंपनी मुख्तार की है। इसके कुल पांच पार्टनर में माफिया की पत्नी अफ्शा अंसारी और उसके दो भाई आतिफ रजा व अनवर शहजाद के नाम भी शामिल हैं। 

इसके अलावा गाजीपुर की जिस संपत्ति पर कार्रवाई हुई, वह माफिया की पत्नी अफ्शा अंसारी के नाम पर दर्ज है। फिलहाल अस्थायी तौर पर संपत्तियां अटैच की गई हैं। गौरतलब है कि ईडी की प्रयागराज इकाई ने जुलाई 2021 में मुख्तार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था। 

सर्किल रेट से कम दाम पर कराया था बैनामा

ईडी की ओर से बताया गया है कि अटैच की गई संपत्ति की कीमत 1.48 करोड़ रुपये (रजिस्ट्री मूल्य) है। खास बात यह है कि पंजीकरण के समय उनका सर्किल रेट के आधार पर संपत्तियों का कुल मूल्य 3.42 करोड़ रुपये था। इससे यह भी माना जा रहा है कि पांच बार विधायक रह चुके मुख्तार व उसके करीबियों ने दबंगई के बल पर कम दाम में ही बैनामा कराया था। वर्तमान में वह यूपी की बांदा जेल में बंद है। 



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