जिंदगी की जंग हार गई बर्बरता का शिकार बनी बलिया की बेटी: आठ दिनों तक चला इलाज, मौत की खबर से परिजन सन्न

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जिंदगी की जंग हार गई बलिया की बेटी

जिंदगी की जंग हार गई बलिया की बेटी
– फोटो : सोशल मीडिया

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बलिया में बर्बरता का शिकार बेटी इलाज के दौरान आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। वाराणसी के बीएचयू ट्रामा सेंटर में जीवन और मौत से जूझ रही किशोरी ने शुक्रवार शाम को दम तोड़ दिया। पीड़िता की मौत की सूचना मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई, वहीं उसके पैतृक गांव में भारी फोर्स तैनात कर दी गई।  
थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी अपने गांव में लगे मेले में 14 अक्तूबर को रावण वध देखने गई थी और मेले से घर नहीं गई। 15 अक्तूबर की सुबह किशोरी अचेतावस्था में सिकरहटा गांव के समीप सड़क के किनारे खून से लथपथ मिली थी। उसके हाथ का नस कटा हुआ था। सूचना पर पहुंची पुलिस उसे पीएचसी नगरा ले गई,  चिकित्सक ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया। सदर अस्पताल से भी पीड़िता को वाराणसी रेफर कर दिया गया था। जहां उसका उपचार चल रहा था। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी। शुक्रवार को सायंकाल पीड़िता ने दम तोड़ दिया।

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बलिया में बर्बरता का शिकार बेटी इलाज के दौरान आखिरकार जिंदगी की जंग हार गई। वाराणसी के बीएचयू ट्रामा सेंटर में जीवन और मौत से जूझ रही किशोरी ने शुक्रवार शाम को दम तोड़ दिया। पीड़िता की मौत की सूचना मिलते ही क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई, वहीं उसके पैतृक गांव में भारी फोर्स तैनात कर दी गई।  

थाना क्षेत्र के एक गांव की किशोरी अपने गांव में लगे मेले में 14 अक्तूबर को रावण वध देखने गई थी और मेले से घर नहीं गई। 15 अक्तूबर की सुबह किशोरी अचेतावस्था में सिकरहटा गांव के समीप सड़क के किनारे खून से लथपथ मिली थी। उसके हाथ का नस कटा हुआ था। सूचना पर पहुंची पुलिस उसे पीएचसी नगरा ले गई,  चिकित्सक ने उसे सदर अस्पताल रेफर कर दिया। सदर अस्पताल से भी पीड़िता को वाराणसी रेफर कर दिया गया था। जहां उसका उपचार चल रहा था। उसकी स्थिति नाजुक बनी हुई थी। शुक्रवार को सायंकाल पीड़िता ने दम तोड़ दिया।

 

 

 



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