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अचलगंज सीएचसी का निरीक्षण करतीं डीएम अूपर्वा दुबे। संवाद
– फोटो : UNNAO
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उन्नाव। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का डीएम ने निरीक्षण किया तो जच्चा-बच्चा वार्ड दूसरी मंजिल पर देख सन्न रह गईं। दूसरी मंजिल पर बने 18 बेड के जच्चा-बच्चा वार्ड तक पहुंचने के लिए जीना चढ़ना पड़ता है। उन्होंने सीएचसी प्रभारी को दो दिन में वार्ड को भूतल पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए और सफाई व्यवस्था दुरुस्त रहनी चाहिए।
डीएम अपूर्वा दुबे शनिवार दोपहर करीब 12 बजे अचलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं। निरीक्षण के दौरान जच्चा-बच्चा वार्ड देखने की बात कही। तब सीएचसी प्रभारी डॉ. मनीष बाजपेयी ने बताया कि वह दूसरी मंजिल पर है। वार्ड पहुंचने के लिए डीएम को 36 सीढियां चढ़नी पड़ीं।
डीएम ने नाराजगी जताकर कहा कि गर्भवती और प्रसूताओं को कितनी परेशानी होती होगी इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। उन्होंने रैंप की जानकारी ली तो बताया गया कि रैंप काफी पहले बना था। खराब हो गया है और सीधी चढ़ाई होने से स्ट्रेचर और व्हील चेयर ले जाने में भी दिक्कत होती है।
इस पर डीएम ने जच्चा-बच्चा वार्ड को भूतल पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए। अस्पताल में गंदगी देखकर नाराजगी जताई। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना की भी हकीकत परखी। निर्देश दिए कि नर्सिंगहोम की तरह अस्पताल को उच्चीकृत कर साफ सुथरा रखें।
फिर उन्होंने टूटे शीशे देख बदलवाने के निर्देश दिए। दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने प्रभारी चिकित्साधिकारी से कहा कि व्यवस्थाओं में सुधार के साथ तीमारदार के रुकने के लिए पुराने बंद पड़े भवन को व्यवस्थित करें। इस दौरान डॉ. सौरभ सचान, प्रकाश द्विवेदी, आशीष तिवारी और राजेश कुमार मौजूद रहे।
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पहले चरण में शिफ्ट होंगे सात बेड
अस्पताल में रोजाना औसतन छह प्रसव होते हैं। दो कमरों के वार्ड में कुल 18 बेड हैं। सीएचसी प्रभारी ने बताया कि दो दिन में सात बेडों को नीचे (भूतल पर) शिफ्ट कर दिया जाएगा। बाकी को इसी महीने शिफ्ट कर दिया जाएगा। मालूम हो कि इस सीएचसी में भूतल पर इमरजेंसी, ओपीडी, पैथोलॉजी व अन्य व्यवस्थाएं हैं, जबकि जच्चा-बच्चा वार्ड दूसरी मंजिल पर है।
उन्नाव। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का डीएम ने निरीक्षण किया तो जच्चा-बच्चा वार्ड दूसरी मंजिल पर देख सन्न रह गईं। दूसरी मंजिल पर बने 18 बेड के जच्चा-बच्चा वार्ड तक पहुंचने के लिए जीना चढ़ना पड़ता है। उन्होंने सीएचसी प्रभारी को दो दिन में वार्ड को भूतल पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए और सफाई व्यवस्था दुरुस्त रहनी चाहिए।
डीएम अपूर्वा दुबे शनिवार दोपहर करीब 12 बजे अचलगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचीं। निरीक्षण के दौरान जच्चा-बच्चा वार्ड देखने की बात कही। तब सीएचसी प्रभारी डॉ. मनीष बाजपेयी ने बताया कि वह दूसरी मंजिल पर है। वार्ड पहुंचने के लिए डीएम को 36 सीढियां चढ़नी पड़ीं।
डीएम ने नाराजगी जताकर कहा कि गर्भवती और प्रसूताओं को कितनी परेशानी होती होगी इसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। उन्होंने रैंप की जानकारी ली तो बताया गया कि रैंप काफी पहले बना था। खराब हो गया है और सीधी चढ़ाई होने से स्ट्रेचर और व्हील चेयर ले जाने में भी दिक्कत होती है।
इस पर डीएम ने जच्चा-बच्चा वार्ड को भूतल पर शिफ्ट करने के निर्देश दिए। अस्पताल में गंदगी देखकर नाराजगी जताई। उन्होंने जननी सुरक्षा योजना की भी हकीकत परखी। निर्देश दिए कि नर्सिंगहोम की तरह अस्पताल को उच्चीकृत कर साफ सुथरा रखें।
फिर उन्होंने टूटे शीशे देख बदलवाने के निर्देश दिए। दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने को कहा। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने प्रभारी चिकित्साधिकारी से कहा कि व्यवस्थाओं में सुधार के साथ तीमारदार के रुकने के लिए पुराने बंद पड़े भवन को व्यवस्थित करें। इस दौरान डॉ. सौरभ सचान, प्रकाश द्विवेदी, आशीष तिवारी और राजेश कुमार मौजूद रहे।
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पहले चरण में शिफ्ट होंगे सात बेड
अस्पताल में रोजाना औसतन छह प्रसव होते हैं। दो कमरों के वार्ड में कुल 18 बेड हैं। सीएचसी प्रभारी ने बताया कि दो दिन में सात बेडों को नीचे (भूतल पर) शिफ्ट कर दिया जाएगा। बाकी को इसी महीने शिफ्ट कर दिया जाएगा। मालूम हो कि इस सीएचसी में भूतल पर इमरजेंसी, ओपीडी, पैथोलॉजी व अन्य व्यवस्थाएं हैं, जबकि जच्चा-बच्चा वार्ड दूसरी मंजिल पर है।
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