Diwali 2022: गोरखपुर में 53 मिनट रहेगा आंशिक सूर्यग्रहण, ऐसे करें खगोलीय घटना का दीदार

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सूर्यग्रहण। (फाइल)

सूर्यग्रहण। (फाइल)
– फोटो : सोशल मीडिया।

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दिवाली के अगले दिन लगने वाले आंशिक सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना का लुत्फ शहरवासी निशुल्क उठा सकें। वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला की ओर से खगोलीय घटना को टेलीस्कोप की मदद से दिखाया जाएगा। इसे लेकर नक्षत्रशाला की ओर से तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। गोरखपुर में 53 मिनट तक आंशिक सूर्यग्रहण को देखा जा सकेगा।

क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि 25 अक्तूबर को शाम 4:37 बजे सूर्यग्रहण की शुरुआत होगी। शाम 6:29 बजे तक सूर्यग्रहण रहेगा। मगर, गोरखपुर में सूर्यास्त का समय शाम 5:19 बजे  तक है अत: 5:29 बजे तक इसे देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि एक्स रे फिल्म, फ्लापी, धूप के चश्मों, फोटो फिल्म, वेल्डिंग ग्लास से इसे नहीं देखना चाहिए।

खगोलविद् अमर पाल सिंह ने बताया कि किसी भी प्रकार के सूर्यग्रहण को नंगी आंखों, टेलीस्कोप अथवा दूरबीन की सहायता से नहीं देखा जाना चाहिए। किसी भी सूरत में सूर्य को साधारण फिल्टर अथवा धूप के चश्में से नहीं देखना चाहिए।

व्राटिनो टेक्नोलॉजी भी कराएगी सूर्यग्रहण के दर्शन
सूर्यग्रहण के अवसर पर व्राटिनो टेक्नोलॉजी की ओर से भी सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना को टेलीस्कोप और सोलर गूगल के माध्यम से सिक्टौर स्थित रीता कांप्लेक्स में दिखाया जाएगा। सचिव सचिंद्रनाथ ने बताया कि ग्रहों और नक्षत्रों को लेकर ज्ञान बढ़ाने वाले अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान की ओर से पूर्व में भी सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण का दीदार नौकाविहार पर कराया गया है।

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विस्तार

दिवाली के अगले दिन लगने वाले आंशिक सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना का लुत्फ शहरवासी निशुल्क उठा सकें। वीर बहादुर सिंह नक्षत्रशाला की ओर से खगोलीय घटना को टेलीस्कोप की मदद से दिखाया जाएगा। इसे लेकर नक्षत्रशाला की ओर से तैयारियां प्रारंभ कर दी गई हैं। गोरखपुर में 53 मिनट तक आंशिक सूर्यग्रहण को देखा जा सकेगा।

क्षेत्रीय वैज्ञानिक अधिकारी महादेव पांडेय ने बताया कि 25 अक्तूबर को शाम 4:37 बजे सूर्यग्रहण की शुरुआत होगी। शाम 6:29 बजे तक सूर्यग्रहण रहेगा। मगर, गोरखपुर में सूर्यास्त का समय शाम 5:19 बजे  तक है अत: 5:29 बजे तक इसे देखा जा सकेगा। उन्होंने कहा कि एक्स रे फिल्म, फ्लापी, धूप के चश्मों, फोटो फिल्म, वेल्डिंग ग्लास से इसे नहीं देखना चाहिए।

खगोलविद् अमर पाल सिंह ने बताया कि किसी भी प्रकार के सूर्यग्रहण को नंगी आंखों, टेलीस्कोप अथवा दूरबीन की सहायता से नहीं देखा जाना चाहिए। किसी भी सूरत में सूर्य को साधारण फिल्टर अथवा धूप के चश्में से नहीं देखना चाहिए।

व्राटिनो टेक्नोलॉजी भी कराएगी सूर्यग्रहण के दर्शन

सूर्यग्रहण के अवसर पर व्राटिनो टेक्नोलॉजी की ओर से भी सूर्यग्रहण की खगोलीय घटना को टेलीस्कोप और सोलर गूगल के माध्यम से सिक्टौर स्थित रीता कांप्लेक्स में दिखाया जाएगा। सचिव सचिंद्रनाथ ने बताया कि ग्रहों और नक्षत्रों को लेकर ज्ञान बढ़ाने वाले अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान की ओर से पूर्व में भी सूर्यग्रहण और चंद्रग्रहण का दीदार नौकाविहार पर कराया गया है।



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