गोरखपुर: आत्मनिर्भरता की राह पर आगे बढ़ीं वनटांगिया गांव की बेटियां, खूब नाम कर रहीं रौशन

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भूख, कुपोषण, बदहाली और उपेक्षा का दंश झेलने वाले मुसहर समाज के जीवन में अब व्यापक परिवर्तन नजर आने लगा है। सब समाज व विकास की मुख्यधारा से जुड़ चुके हैं। मुसहर बस्तियों में शिक्षा का उजियारा भी फैला है। मुसहर बेटियां आत्मनिर्भरता की राह पर कामयाबी की नई इबारत लिख रही हैं। मुसहर समुदाय की कुशीनगर की दो बेटियां राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी से ट्रेनिंग लेने के बाद तेलंगाना में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर अपने-अपने घरों के लिए सही मायने में लक्ष्मी की भूमिका में आ चुकी हैं।

गोरखपुर मंडल के सभी जिलों में कमोबेश मुसहर समुदाय के लोग रहते हैं। सर्वाधिक तादाद कुशीनगर में है। 138 ग्राम सभाओं में 159 बस्तियों में मुसहर समाज के दस हजार से अधिक परिवार हैं। पांच साल पहले तक राशन के अभाव में भूख, कुपोषण, बीमारी और मौत ही इन्हें सुर्खियों में लाते थे, लेकिन किसी सरकार ने संज्ञान नहीं लिया। समय बदला और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने नई योजनाओं की शुरुआत की है। साथ ही योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए अधिकारियों के पेंच भी कसे। अब इन परिवारों के पास अंत्योदय कार्ड से मुफ्त राशन पाने की सुविधा है। मुसहर बहुल कुशीनगर के 10 ब्लॉकों में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत करीब आठ हजार और इससे छूटे मुसहरों के मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत घर बन चुके हैं।

 

नजीर बनीं बेटियां

राज्य सरकार की तरफ से प्रोत्साहन मिला तो मुसहर बेटियां भी नजीर बन गईं। कुशीनगर के खड्डा ब्लॉक के सुकरौली मदनपुर गांव की मुसहर किरन और इसी गांव की संध्या इन दिनों प्रोडेक्ट आर्मर कंपनी नरसापुर, तेलंगाना में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी कर रही हैं। इसके लिए उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी, गुजरात से 23 दिन का प्रशिक्षण प्राप्त किया। ट्रेनिंग दिलाने में माध्यम बनी संस्था मानव सेवा संस्थान के निदेशक राजेश मणि कहते हैं कि मुसहरों के जीवन में बदलाव का श्रेय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को जाता है। जब वह गोरखपुर के सांसद थे तब अपने संसदीय क्षेत्र से बाहर कुशीनगर जाकर मुसहरों के हक की आवाज बुलंद करते थे। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्हें उनका अधिकार भी दिला दिया। मुसहरों को सभी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के साथ उनकी शिक्षा व रोजगार पर भी सरकार खास ध्यान दे रही है।

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स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के साथ दस हजार से अधिक परिवारों को शौचालय की भी सुविधा मिली है। मुसहरों के जीविकोपार्जन में कोई बाधा न आए, उनके लिए कुशीनगर जिले में मनरेगा के तहत लगभग सभी पात्र मुसहरों के जॉब कार्ड बनाए गए हैं। पेंशन योजनाओं में पात्रों का चयन कर लाभांवित करने का कार्य भी तेजी से किया गया। आवास, जमीन, शौचालय, बिजली, रसोई गैस, पेयजल, राशन कार्ड, पेंशन योजनाओं का लाभ, मनरेगा के तहत रोजगार सब कुछ उनके लिए सुलभ हो चुका है। मुसहरों की आगे की पीढ़ी और तरक्की करे, इसके लिए उनके बच्चे स्कूल भी जाने लगे हैं।

 

मूस से माउस तक लाने की मंशा

मार्च 2017 में सूबे की सत्ता संभालने के बाद से ही योगी सरकार ने ऐसे वंचित तबकों को अभियान चलाकर योजनाओं का लाभ पहुंचाया। सरकार की मंशा मूस (चूहा) पकड़ने वाले मुसहरों की वर्तमान और अगली पीढ़ी को कंप्यूटर का माउस पकड़ाने की है, ताकि वह बदलते दौर में किसी से भी पीछे न रहें। बुनियादी सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के साथ सरकार मुसहरों की शिक्षा पर खासा ध्यान दे रही है। मुख्यमंत्री योगी जब भी वनवासियों-आदिवासियों के बीच होते हैं, तो आत्मीयता से उन्हें शिक्षा के प्रति प्रेरित करते हैं।

डीएम की अध्यक्षता में गठित है मुसहर परिवार वेलफेयर सोसाइटी

मुख्यमंत्री बनने के बाद योगी आदित्यनाथ ने पूर्वांचल के सर्वाधिक मुसहर आबादी वाले जिले कुशीनगर में जुलाई 2017 में मुसहर परिवार वेलफेयर सोसाइटी का गठन कराया। इस सोसाइटी की प्रबंध कार्यकारिणी में डीएम अध्यक्ष, सीडीओ उपाध्यक्ष और एडीएम वित्त एवं राजस्व सचिव हैं। सीएमओ, डीआईओएस, बीएसए, डीएसओ, जिला गन्ना अधिकारी और जिला पंचायत राज अधिकारी सदस्य हैं। इसके अलावा समाज के 21 गणमान्य लोगों को सोसाइटी का सदस्य बनाया गया है। सोसाइटी मुसहर समाज के लिए योजनाओं के क्रियान्वयन पर मंथन करती है।



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