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दीपावली पर्व पर दीपक जलाती महिलाएं। संवाद
– फोटो : UNNAO
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उन्नाव। शुभ मुहुर्त में लोगों ने लक्ष्मी-गणेश का पूजन कर सुख और समृद्धि की कामना की। व्यापारियों ने खाता-बही (अकाउंट बुक) का पूजन किया। पूजन-अर्चन के बाद दीये और मोमबत्ती से घर का कोना-कोना रोशन किया। ग्रामीण क्षेत्रों में खेत और खलिहानों में भी किसानों ने दीये जलाए। इसके बाद आतिशबाजी चलाई। आतिशबाजी से आसामान सतरंगी रोशनी से सराबोर हो गया।
पुराणों के अनुसार दिवाली के दिन भगवान राम वापस अयोध्या लौटते हैं। उनके आगमन पर अयोध्यावासियों ने नगर में दीप जलाए थे। तभी से दिवाली मनाने की परंपरा चली आ रही है। सोमवार को सूर्यास्त के बाद घर से जलती हुई अलाय-बलाय निकालकर लोगों ने अपने घर के दोष निकालने की रस्म निभाई। सोमवार को दिवाली पर शुभ मुहुर्त में लक्ष्मी पूजन किया।
भगवान गजानन को प्रिय मोदक का भोग लगाया। लक्ष्मी जी को मिष्ठान, चूरा, गट्टा, लइया का प्रसाद चढ़ाया। व्यापारिक प्रतिष्ठानों में व्यापारियों ने सुख व समृद्धि की प्रतीक मां लक्ष्मी और रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश का पूजन किया। कई दुकानों में बही पूजन भी किया गया। पूजन के बाद लोगों ने प्रसाद लिया। छतों व घरों के बाहर पटाखे जलाए। लोगों ने एक दूसरे के घरों में जाकर दिवाली की बधाई दी।
दिवाली पर सभी सरकारी और निजी भवन रंगबिरंगी रोशनी से सराबोर हो गए। कलक्ट्रेट, पुलिस लाइन, एसपी आफिस, विकास भवन, जिला पंचायत समेत सभी प्रमुख कार्यालयों में बिजली की झालरों से रोशनी की गई थी। झिलमिल रोशनी से सराबोर हुए शहर की जगमगाहट देखते ही बन रही थी।
उन्नाव। शुभ मुहुर्त में लोगों ने लक्ष्मी-गणेश का पूजन कर सुख और समृद्धि की कामना की। व्यापारियों ने खाता-बही (अकाउंट बुक) का पूजन किया। पूजन-अर्चन के बाद दीये और मोमबत्ती से घर का कोना-कोना रोशन किया। ग्रामीण क्षेत्रों में खेत और खलिहानों में भी किसानों ने दीये जलाए। इसके बाद आतिशबाजी चलाई। आतिशबाजी से आसामान सतरंगी रोशनी से सराबोर हो गया।
पुराणों के अनुसार दिवाली के दिन भगवान राम वापस अयोध्या लौटते हैं। उनके आगमन पर अयोध्यावासियों ने नगर में दीप जलाए थे। तभी से दिवाली मनाने की परंपरा चली आ रही है। सोमवार को सूर्यास्त के बाद घर से जलती हुई अलाय-बलाय निकालकर लोगों ने अपने घर के दोष निकालने की रस्म निभाई। सोमवार को दिवाली पर शुभ मुहुर्त में लक्ष्मी पूजन किया।
भगवान गजानन को प्रिय मोदक का भोग लगाया। लक्ष्मी जी को मिष्ठान, चूरा, गट्टा, लइया का प्रसाद चढ़ाया। व्यापारिक प्रतिष्ठानों में व्यापारियों ने सुख व समृद्धि की प्रतीक मां लक्ष्मी और रिद्धि सिद्धि के दाता भगवान गणेश का पूजन किया। कई दुकानों में बही पूजन भी किया गया। पूजन के बाद लोगों ने प्रसाद लिया। छतों व घरों के बाहर पटाखे जलाए। लोगों ने एक दूसरे के घरों में जाकर दिवाली की बधाई दी।
दिवाली पर सभी सरकारी और निजी भवन रंगबिरंगी रोशनी से सराबोर हो गए। कलक्ट्रेट, पुलिस लाइन, एसपी आफिस, विकास भवन, जिला पंचायत समेत सभी प्रमुख कार्यालयों में बिजली की झालरों से रोशनी की गई थी। झिलमिल रोशनी से सराबोर हुए शहर की जगमगाहट देखते ही बन रही थी।
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