आगरा में हवा में बढ़ते धूल-धुएं ने सांस, दमा और टीबी के मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है। खांसी के साथ बलगम में खून आ रहा है। हालत में सुधार न होने पर मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। बीते सात दिन में एसएन मेडिकल कॉलेज के वक्ष एवं क्षय रोग विभाग में मरीजों की संख्या दोगुना हो गई है। वार्ड फुल हो गया है, अतिरिक्त लगाए 20 बेड पर भी मरीज भर्ती हैं।
वक्ष एवं क्षय रोग विभाग के डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि सोमवार को ओपीडी में 245 मरीज आए। बीते सप्ताह तक मरीजों की संख्या 120-130 थी। सोमवार को आए मरीजों में 85 नए और 160 पुराने थे। इनमें 85 मरीजों की हालत बेहद खराब मिली। इसमें दमा, सांस और टीबी के मरीज रहे। छाती में जकड़न, सांस उखड़ने की परेशानी बताई। टीबी-सांस रोगियों के खांसी बंद नहीं हो रही, बलगम में खून आ रहा है।
फेफड़ों और हृदय में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने के कारण सांस उखड़ने पर सात को भर्ती कराया। वार्ड में अभी 55 मरीज भर्ती हैं। 35 बेड का वार्ड था, लेकिन दिवाली और मौसम में नमी के कारण 20 बेड और बढ़ाए थे, वह भी फुल हो गए हैं। 45 फीसदी मरीज ऑक्सीजन पर हैं। दमा के मरीजों को दवाओं का डोज बढ़ाकर दिया है।
निचले स्तर पर अतिसूक्ष्म कण
मौसम में नमी होने से धूल-धुएं के अतिसूक्ष्म कण वायुमंडल के निचले स्तर पर आ गए हैं, इससे सामान्य लोगों को भी परेशानी हो रही है। वक्ष एवं क्षय रोग विभागाध्यक्ष डॉ. संतोष कुमार ने बताया कि सड़क किनारे रहने वाले, दुकानदार और जिन क्षेत्रों में खोदाई-निर्माण कार्य चल रहा है, वहां के लोगों को भी सांस लेने में परेशानी, नाक की खुजली, छाती में जकड़न और जुकाम हो रहा है। खासतौर से फतेहाबाद रोड और एमजी रोड, बोदला रोड, अलबतिया रोड क्षेत्र के अधिक मरीज आ रहे हैं।
सड़क किनारे वाले दुकानदार दुकान पर पारदर्शी पर्दा लगाएं।
मास्क लगाकर रखें, धूप खिलने के बाद सुबह टहलने जाएं।
घर के आसपास छिड़काव करें, खिड़की-दरवाजे बंद रखें।
कचरा, कतरन न जलाएं, बाहर बेवजह घूमने से बचें।
सांस, दमा और टीबी मरीज दवाएं बंद न करें।
दमा रोगी डॉक्टर को दिखाकर इन्हेलर की डोज बढ़वाएं
विस्तार
आगरा में हवा में बढ़ते धूल-धुएं ने सांस, दमा और टीबी के मरीजों की परेशानी बढ़ा दी है। खांसी के साथ बलगम में खून आ रहा है। हालत में सुधार न होने पर मरीजों को भर्ती करना पड़ रहा है। बीते सात दिन में एसएन मेडिकल कॉलेज के वक्ष एवं क्षय रोग विभाग में मरीजों की संख्या दोगुना हो गई है। वार्ड फुल हो गया है, अतिरिक्त लगाए 20 बेड पर भी मरीज भर्ती हैं।
वक्ष एवं क्षय रोग विभाग के डॉ. गजेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि सोमवार को ओपीडी में 245 मरीज आए। बीते सप्ताह तक मरीजों की संख्या 120-130 थी। सोमवार को आए मरीजों में 85 नए और 160 पुराने थे। इनमें 85 मरीजों की हालत बेहद खराब मिली। इसमें दमा, सांस और टीबी के मरीज रहे। छाती में जकड़न, सांस उखड़ने की परेशानी बताई। टीबी-सांस रोगियों के खांसी बंद नहीं हो रही, बलगम में खून आ रहा है।
फेफड़ों और हृदय में ऑक्सीजन की मात्रा कम होने के कारण सांस उखड़ने पर सात को भर्ती कराया। वार्ड में अभी 55 मरीज भर्ती हैं। 35 बेड का वार्ड था, लेकिन दिवाली और मौसम में नमी के कारण 20 बेड और बढ़ाए थे, वह भी फुल हो गए हैं। 45 फीसदी मरीज ऑक्सीजन पर हैं। दमा के मरीजों को दवाओं का डोज बढ़ाकर दिया है।