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सार
अपना दल (कमेरावादी) के नेताओं की इस सीट को बदलने की जिद से गठबंधन के बीच खींचतान मच गई है। पल्लवी कौशाम्बी की बहू भी हैैं। ऐसे में वह अपनी ससुराल से चुनाव मैदान में आएंगी या नहीं, अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
कौशाम्बी की सिराथू विधानसभा सीट पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के मुकाबले सपा गठबंधन की उम्मीदवार पल्लवी पटेल को लेकर सियासत उलझ गई है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जहां इस सीट से अपना दल के संस्थापक डॉ. सोने लाल पटेल की छोटी पुत्री पल्लवी के नाम का एलान करने के बाद पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं,
वहीं अपना दल (कमेरावादी) के नेताओं की इस सीट को बदलने की जिद से गठबंधन के बीच खींचतान मच गई है। पल्लवी कौशाम्बी की बहू भी हैैं। ऐसे में वह अपनी ससुराल से चुनाव मैदान में आएंगी या नहीं, अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
सिराथू सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के मुकाबले सपा गठबंधन की उम्मीदवार पल्लवी पटेल की ना -नुकुर के बाद राजनीतिक उठा पटक तेज हो गई है। शुक्रवार को पल्लवी ने अखिलेश यादव से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन आगरा के चुनावी दौरे पर होने की वजह से उनसे बात नहीं हो सकी। देर रात तक उनका टिकट बदले जाने को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका था।
शहर पश्चिमी या प्रतापगढ़ से लड़ना चाहती हैं पल्लवी
पल्लवी भी शहर पश्चिमी के अलावा प्रतापगढ़ की सदर विधान सभा सीटों को विकल्प के रूप में मांग चुकी हैं। वह सिराथू को छोड़ किसी भी दूसरी सीट से लड़ने के लिए तैयार हैं। कहा जा रहा है कि भाजपा गठबंधन अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल की छोटी बहन पल्लवी के सिराथू से आने यहां कुर्मी मतों के बिखरने का खतरा है। ऐसे में भाजपा के भी रणनीतिकार नहीं चाहते ही पल्लवी सिराथू से उम्मीदवार बनें।
पल्लवी के पति पंकज निरंजन कहतेे हैं कि हम गठबंधन धर्म का पूरी तरह पालन कर रहे हैं और करते रहेंगे। सपा अध्यक्ष की जिद है कि पल्लवी सिराथू से ही चुनाव लड़ें। लेकिन पल्लवी वहां से लड़ेंगी या नहीं यह अभी तय होना बाकी है। खास बात यह है कि पल्लवी की मंझनपुर से लगे कोरीपुर गांव में ससुराल है।
ऐसे में वह कौशाम्बी की बहू भी हैं। कहा जा रहा है कि अनुप्रिया भले ही भाजपा के साथ हैं, लेकिन अगर उनकी बहन पल्लवी सिराथू से गठबंधन की उम्मीदवार के तौर पर लड़ती हैं तो कुर्मी मतों के ध्रुवीकरण पर पानी फिर सकता है। हालांकि यहां से सपा गठबंधन की उम्मीदवार पल्लवी पटेल के चुनाव मैदान में उतरने को लेकर समाजवादी पार्टी ने एलान कर दिया है। माना जा रहा है कि सपा के इस दांव से भारतीय जनता पार्टी के उम्मीदवार डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की राह आसान नहीं होगी।
सिराथू से 2014 का उप चुनाव जीत चुकी है सपा
सिराथू सीट के इतिहास की बात करें तो अब तक यहां से सपा ने सिर्फ 2014 के उपचुनाव में जीत दर्ज की थी। साल 1993 से लेकर साल 2007 तक यह क्षेत्र आरक्षित था और बहुजन समाज पार्टी के विधायक ने ही जीत हासिल की, लेकिन 2012 में जब सीट सामान्य हुई तो भाजपा नेता केशव प्रसाद मौर्य ने यहां से जीत दर्ज की थी। सिराथू सीट से तब केशव ने न सिर्फ जीत दर्ज की, बल्कि इसके बाद उनके राजनीतिक कॅरियर का ग्राफ भी चढ़ता गया।
विस्तार
कौशाम्बी की सिराथू विधानसभा सीट पर डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के मुकाबले सपा गठबंधन की उम्मीदवार पल्लवी पटेल को लेकर सियासत उलझ गई है। सपा सुप्रीमो अखिलेश यादव जहां इस सीट से अपना दल के संस्थापक डॉ. सोने लाल पटेल की छोटी पुत्री पल्लवी के नाम का एलान करने के बाद पीछे हटने के लिए तैयार नहीं हैं,
वहीं अपना दल (कमेरावादी) के नेताओं की इस सीट को बदलने की जिद से गठबंधन के बीच खींचतान मच गई है। पल्लवी कौशाम्बी की बहू भी हैैं। ऐसे में वह अपनी ससुराल से चुनाव मैदान में आएंगी या नहीं, अभी इस पर कुछ कहना जल्दबाजी होगी।
सिराथू सीट से डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के मुकाबले सपा गठबंधन की उम्मीदवार पल्लवी पटेल की ना -नुकुर के बाद राजनीतिक उठा पटक तेज हो गई है। शुक्रवार को पल्लवी ने अखिलेश यादव से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन आगरा के चुनावी दौरे पर होने की वजह से उनसे बात नहीं हो सकी। देर रात तक उनका टिकट बदले जाने को लेकर कोई निर्णय नहीं हो सका था।
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