देव दीपावली के बाद 11 नवंबर को सुबह 11 बजे वाराणसी (रविदास घाट) समेत सात जगहों पर जेटी का उद्घाटन किया जाएगा। इनमें बलिया और गाजीपुर में बनी जेटी भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल समेत कई मंत्रियों के आने का कार्यक्रम तय हुआ है। रविदास घाट पर शुक्रवार को भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के वाइस चेयरमैन जयंत सिंह अपनी टीम के साथ निरीक्षण करने पहुंचे।
कार्यक्रम में सात सौ से लेकर एक हजार लोगों तक के शामिल होने की संभावना है। इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने जलमार्ग विकास प्रोजेक्ट 2019 में लांच किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत वराणसी से हल्दिया तक नदी को मोड ऑफ ट्रांसफोर्ट डेेवलप किया जा रहा है। इसका सार्थक परिणाम अब दिखने लगा है।
आंकड़ों को देखें तो पहले नेशनल वाटरवे में यातायात जो 2014 में 30 मिलियन टन का था, अब बढ़कर 109 मिलियन टन तक पहुंच गया है। बढ़ोतरी की जो दर है, अभी वह और भी बढ़ेगी। जगह-जगह छोटी-छोटी जेटी बना रहे हैं। इस जेटी का संचालन स्थानीय संस्थाएं करेंगी। मछुआरे और किसान अपने सामान आसानी से ले जा सकेंगे। यहां से व्यापार व परिवहन में सहूलियत होगी।
भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के वाइस चेयरमैन जयंत सिंह ने कहा कि वाराणसी से लेकर कोलकाता तक 60 जेटी बना रहे हैं। पहली कड़ी में 15 जेटीज उत्तर प्रदेश में बनाई जा रही है। इनमें सात जेटीज का उद्घाटन 11 नवंबर को होगा। इनमें तीन जिले वाराणसी, बलिया और गाजीपुर हैं। इसके बाद बिहार, झारखंड, बंगाल की ओर बढ़ेंगे।
इसे लेकर ट्रेड फैशिलिटेशन सेंटर में अंतराष्ट्रीय सेमिनार भी आयोजित की गई है। ज्यादा से ज्यादा राज्यों को जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। इसके बाद बांग्लादेश, नेपाल, भूटान आदि देशों को भी शामिल किया जाएगा। 11 नवंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्वानंद सोनेेवाल, केंद्रीय मंत्री श्रीपत नायक, कैबिनेट मत्री महेंद्र पांडेय, उत्तर प्रदेश के परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के आने का कार्यक्रम तय हुआ है।
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देव दीपावली के बाद 11 नवंबर को सुबह 11 बजे वाराणसी (रविदास घाट) समेत सात जगहों पर जेटी का उद्घाटन किया जाएगा। इनमें बलिया और गाजीपुर में बनी जेटी भी शामिल हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय जहाजरानी मंत्री सर्बानंद सोनोवाल समेत कई मंत्रियों के आने का कार्यक्रम तय हुआ है। रविदास घाट पर शुक्रवार को भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण के वाइस चेयरमैन जयंत सिंह अपनी टीम के साथ निरीक्षण करने पहुंचे।
कार्यक्रम में सात सौ से लेकर एक हजार लोगों तक के शामिल होने की संभावना है। इस दौरान उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने जलमार्ग विकास प्रोजेक्ट 2019 में लांच किया था। इस प्रोजेक्ट के तहत वराणसी से हल्दिया तक नदी को मोड ऑफ ट्रांसफोर्ट डेेवलप किया जा रहा है। इसका सार्थक परिणाम अब दिखने लगा है।
आंकड़ों को देखें तो पहले नेशनल वाटरवे में यातायात जो 2014 में 30 मिलियन टन का था, अब बढ़कर 109 मिलियन टन तक पहुंच गया है। बढ़ोतरी की जो दर है, अभी वह और भी बढ़ेगी। जगह-जगह छोटी-छोटी जेटी बना रहे हैं। इस जेटी का संचालन स्थानीय संस्थाएं करेंगी। मछुआरे और किसान अपने सामान आसानी से ले जा सकेंगे। यहां से व्यापार व परिवहन में सहूलियत होगी।