गोरखपुर: बदमाशों को सलाखों के पीछे पहुंचा रही ‘तीसरी आंख’, एडीजी चला रहे अभियान

0
16

[ad_1]

सांकेतिक तस्वीर।

सांकेतिक तस्वीर।
– फोटो : iStock

ख़बर सुनें

गोरखपुर में तीसरी आंख (सीसीटीवी कैमरे) की मदद से पुलिस चंद दिनों में ही बदमाशों को जेल के सलाखों के पीछे भेजने में कामयाब हुई है। इतना ही नहीं कैमरों की मदद से केस खुलने के बाद इसे वैज्ञानिक साक्ष्यों के तौर पर भी इस्तेमाल कर रही है। इसका फायदा आरोपियों को सजा दिलाने में मिलेगा। पिछले चार महीनों में गोरखपुर रेंज (गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज) में 316 मामलों के खुलासे में पुलिस को सीसीटीवी कैमरों की मदद से कामयाबी मिली है।

जानकारी के मुताबिक, एडीजी अखिल कुमार ने ऑपरेशन त्रिनेत्र की शुरुआत कर जनप्रतिनिधि, व्यापारियों व संभ्रात लोगों की मदद से कैमरे लगवाने की शुरुआत की। इसका असर रहा कि गोरखपुर शहर में 176 जगहों पर कैमरे लग चुके हैं। अब प्रधानों की मदद से गांवों में भी लगाए जा रहे हैं। एडीजी अखिल कुमार ने इस सफलता के बाद एक बार फिर हर घर कैमरे के अभियान में तेजी लाने के लिए पुलिस को निर्देशित किया है।

 

28 अक्तूबर को कुशीनगर के व्यापारी रामाकांत को कार में बैठाकर बदमाशों ने 6.54 लाख रुपये लूट लिए थे। पुलिस को मोहद्दीपुर में एक घर से सीसीटीवी फुटेज हाथ लग गया। इसके बाद पुलिस ने आईटीएमएस की मदद से उसे सत्यापित कर दो दिन में इस घटना में शामिल बिहार के बदमाशों को पकड़ लिया।

केस दो
दो नवंबर को शाहपुर इलाके के बंधन बैंक में लूट की कोशिश की गई थी। बैंक के कैमरे में हेलमेट लगाए बदमाश की तस्वीर आई थी। पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू की तो उस रोड पर लगे अन्य कैमरों की मदद से गाड़ी का नंबर मिल गया। पुलिस ने 24 घंटे के भीतर बदमाश को पकड़कर घटना का पर्दाफाश कर दिया।

केस तीन
छह सितंबर को रामगढ़ताल इलाके से ट्रैक्टर-ट्रॉली चोरी हो गई थी। पुलिस ने 36 सीसीटीवी कैमरों को खंगाला और शहर से 120 किलोमीटर दूर मऊ जिले से ट्रैक्टर-ट्रॉली बरामद कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस को पहली मदद कैमरे से मिली थी और फिर 36 जगहों पर फुटेज देखते हुए पुलिस आरोपी तक पहुंची थी।

यह भी पढ़ें -  फिरोजाबाद: टेंट गोदाम में लगी भीषण आग, आठ दमकलों ने पाया काबू, 17 लाख का माल जलकर राख

केस चार
चार अक्तूबर को युवा दवा व्यापारी व रिटायर्ड दरोगा पुत्र विकास तिवारी की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। घटना के बाद पुलिस ने सीसीटीवी को खंगाला और आरोपियों की पहचान कर ली। फिर सर्विलांस की मदद से आरोपियों को धर दबोचा। इस घटना के पर्दाफाश में भी पुलिस को चंद दिन ही लगे और आरोपी जेल भेजे गए।

एडीजी जोन अखिल कुमार ने कहा कि ऑपरेशन त्रिनेत्र में 91 लोगों की मदद से 176 जगहों पर सीसीटीवी कैमरे लगे हैं। इसका फायदा हुआ है कि आपराधिक घटनाओं में कमी आई है। आरोपी जल्दी पकड़े गए हैं। हर घर कैमरा अभियान की भी शुरुआत की गई है, जिसमें लोग आगे आ रहे हैं। जल्द ही हर जगह कैमरा होगा, जिससे अपराध पर अंकुश लगेगा।

विस्तार

गोरखपुर में तीसरी आंख (सीसीटीवी कैमरे) की मदद से पुलिस चंद दिनों में ही बदमाशों को जेल के सलाखों के पीछे भेजने में कामयाब हुई है। इतना ही नहीं कैमरों की मदद से केस खुलने के बाद इसे वैज्ञानिक साक्ष्यों के तौर पर भी इस्तेमाल कर रही है। इसका फायदा आरोपियों को सजा दिलाने में मिलेगा। पिछले चार महीनों में गोरखपुर रेंज (गोरखपुर, देवरिया, कुशीनगर, महराजगंज) में 316 मामलों के खुलासे में पुलिस को सीसीटीवी कैमरों की मदद से कामयाबी मिली है।

जानकारी के मुताबिक, एडीजी अखिल कुमार ने ऑपरेशन त्रिनेत्र की शुरुआत कर जनप्रतिनिधि, व्यापारियों व संभ्रात लोगों की मदद से कैमरे लगवाने की शुरुआत की। इसका असर रहा कि गोरखपुर शहर में 176 जगहों पर कैमरे लग चुके हैं। अब प्रधानों की मदद से गांवों में भी लगाए जा रहे हैं। एडीजी अखिल कुमार ने इस सफलता के बाद एक बार फिर हर घर कैमरे के अभियान में तेजी लाने के लिए पुलिस को निर्देशित किया है।

 



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here