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परियर (उन्नाव)। छत से गिरकर घायल हुए युवक की कानपुर के नर्सिंगहोम में मौत हो गई। पिता का आरोप है कि सिर में चोट का इलाज करने की जगह उसके पेट में कई टांके लगे मिले। परिजनों ने नर्सिंगहोम स्टाफ पर किडनी निकालने का शक जता पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामला कानपुर का बता वहीं शिकायत करने को कहा तो शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के परियर निवासी रामबाबू निषाद का 18 वर्षीय बेटा अजय 24 जनवरी को छत से गिर गया था। उसके सिर में गंभीर चोट आई थी। पिता रामबाबू निषाद ने बताया कि उसे कानपुर के एक निजी नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया था। इलाज के नाम पर उससे 1.70 लाख रुपये जमा करा लिए गए। शुक्रवार को अजय की मौत हो गई।
शनिवार को परिजन परियर घाट पर शव का अंतिम संस्कार करने पहुंचे। उसके पेट में छह इंच के टांके लगे मिले। पिता का आरोप है कि बेटे के सिर में चोट आई थी तो पेट का ऑपरेशन क्यों किया गया। किडनी निकाले जाने की आशंका पर 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल कानपुर का बता वहां जाकर शिकायत करने की नसीहत दी और लौट गई। बाद में बिना शिकायत किए परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। पिता रामबाबू ने बताया कि पुलिस के सुनवाई न करने पर उसने बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया।
परियर (उन्नाव)। छत से गिरकर घायल हुए युवक की कानपुर के नर्सिंगहोम में मौत हो गई। पिता का आरोप है कि सिर में चोट का इलाज करने की जगह उसके पेट में कई टांके लगे मिले। परिजनों ने नर्सिंगहोम स्टाफ पर किडनी निकालने का शक जता पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मामला कानपुर का बता वहीं शिकायत करने को कहा तो शव का अंतिम संस्कार कर दिया।
सफीपुर कोतवाली क्षेत्र के परियर निवासी रामबाबू निषाद का 18 वर्षीय बेटा अजय 24 जनवरी को छत से गिर गया था। उसके सिर में गंभीर चोट आई थी। पिता रामबाबू निषाद ने बताया कि उसे कानपुर के एक निजी नर्सिंगहोम में भर्ती कराया गया था। इलाज के नाम पर उससे 1.70 लाख रुपये जमा करा लिए गए। शुक्रवार को अजय की मौत हो गई।
शनिवार को परिजन परियर घाट पर शव का अंतिम संस्कार करने पहुंचे। उसके पेट में छह इंच के टांके लगे मिले। पिता का आरोप है कि बेटे के सिर में चोट आई थी तो पेट का ऑपरेशन क्यों किया गया। किडनी निकाले जाने की आशंका पर 112 नंबर पर पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने घटनास्थल कानपुर का बता वहां जाकर शिकायत करने की नसीहत दी और लौट गई। बाद में बिना शिकायत किए परिजनों ने अंतिम संस्कार कर दिया। पिता रामबाबू ने बताया कि पुलिस के सुनवाई न करने पर उसने बेटे का अंतिम संस्कार कर दिया।
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