बुखार से मासूम समेत दो की मौत

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बांगरमऊ/गंजमुरादाबाद। बुखार से मासूम समेत दो लोगों की मौत हो गई। बांगरमऊ के नगर के मोहल्ला सराय में बुखार पीड़ित बच्चे ने दम तोड़ दिया। उधर, फतेहपुर हामजा गांव में वृद्ध की लखनऊ के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। गांव में पखवाड़े भर डेंगू और बुखार से मरने वालों की संख्या चार हो गई है।
बांगरमऊ के मोहल्ला सरांय निवासी फहीम खां का पुत्र रेहान (2) को चार दिनों से बुखार आ रहा था। उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। बुधवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गंजमुरादाबाद के फतेहपुर हामजा गांव निवासी सज्जाद (60) को चार दिन से बुखार आ रहा था।
मंगलवार सुबह निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रात करीब नौ बजे इलाज के दौरान वृद्ध की मौत हो गई। इससे पूर्व 26 अक्तूबर को गांव निवासी फौजिया की डेंगू से, सात नवंबर को बुखार पीड़ित शहरबानों, आठ नवंबर को अनीस ने बुखार से दम तोड़ दिया था। अलग-अलग घरों में अभी भी 30 लोग बुखार से पीड़ित हैं।
सीएचसी प्रभारी डॉ. संजीव वर्मा ने बताया कि जिन मरीजों को शुरूआत में इलाज मिल गया उनकी हालत में सुधार हो रहा है। जो इधर-उधर निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, उन्हीं को दिक्कत बढ़ रही है। पहले भी गांव में कैंप लगाया गया था। फिर शिविर लगाया जाएगा।
उन्नाव। जिले में डेंगू के छह नए मामले सामने आए हैं। इससे डेंगू मरीजों की संख्या 106 हो गई है। वहीं अभी 50 सैंपलों की रिपोर्ट का है। सिकंदरपुर सरोसी में चार, सफीपुर और शहर में एक-एक बुखार के मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। पांच नवंबर तक निजी और राममनोहर लोहिया से आई रिपोर्ट में 106 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। डेंगू से अब तक जिले में तीन मौतें हुई हैं। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि डेंगू के छह नए मरीज मिले हैं। जिन स्थानों पर डेंगू मरीज मिले हैं, वहां फॉगिंग कराई जा रही है।
घबराएं नहीं, बरतें सावधानी
उन्नाव। डेंगू की चपेट में कोई भी आ सकता है। इसलिए किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि सतर्कता बरतने की जरूरत है। जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अंकिता सिंह ने बताया कि गर्भवती को डेंगू एवं मलेरिया होना जच्चा और बच्चा दोनों के लिए जोखिम भरा होता है। गर्भवती के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के करण रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही तेज बुखार के कारण शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है। लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सकीय सलाह लेने की जरूरत है। (संवाद)

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बांगरमऊ/गंजमुरादाबाद। बुखार से मासूम समेत दो लोगों की मौत हो गई। बांगरमऊ के नगर के मोहल्ला सराय में बुखार पीड़ित बच्चे ने दम तोड़ दिया। उधर, फतेहपुर हामजा गांव में वृद्ध की लखनऊ के निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई। गांव में पखवाड़े भर डेंगू और बुखार से मरने वालों की संख्या चार हो गई है।

बांगरमऊ के मोहल्ला सरांय निवासी फहीम खां का पुत्र रेहान (2) को चार दिनों से बुखार आ रहा था। उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया था। बुधवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। गंजमुरादाबाद के फतेहपुर हामजा गांव निवासी सज्जाद (60) को चार दिन से बुखार आ रहा था।

मंगलवार सुबह निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। रात करीब नौ बजे इलाज के दौरान वृद्ध की मौत हो गई। इससे पूर्व 26 अक्तूबर को गांव निवासी फौजिया की डेंगू से, सात नवंबर को बुखार पीड़ित शहरबानों, आठ नवंबर को अनीस ने बुखार से दम तोड़ दिया था। अलग-अलग घरों में अभी भी 30 लोग बुखार से पीड़ित हैं।

सीएचसी प्रभारी डॉ. संजीव वर्मा ने बताया कि जिन मरीजों को शुरूआत में इलाज मिल गया उनकी हालत में सुधार हो रहा है। जो इधर-उधर निजी अस्पतालों में इलाज करा रहे हैं, उन्हीं को दिक्कत बढ़ रही है। पहले भी गांव में कैंप लगाया गया था। फिर शिविर लगाया जाएगा।

उन्नाव। जिले में डेंगू के छह नए मामले सामने आए हैं। इससे डेंगू मरीजों की संख्या 106 हो गई है। वहीं अभी 50 सैंपलों की रिपोर्ट का है। सिकंदरपुर सरोसी में चार, सफीपुर और शहर में एक-एक बुखार के मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। पांच नवंबर तक निजी और राममनोहर लोहिया से आई रिपोर्ट में 106 डेंगू के मरीज मिल चुके हैं। डेंगू से अब तक जिले में तीन मौतें हुई हैं। सीएमओ डॉ. सत्यप्रकाश ने बताया कि डेंगू के छह नए मरीज मिले हैं। जिन स्थानों पर डेंगू मरीज मिले हैं, वहां फॉगिंग कराई जा रही है।

घबराएं नहीं, बरतें सावधानी

उन्नाव। डेंगू की चपेट में कोई भी आ सकता है। इसलिए किसी भी तरह से घबराने की जरूरत नहीं है। बल्कि सतर्कता बरतने की जरूरत है। जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉ. अंकिता सिंह ने बताया कि गर्भवती को डेंगू एवं मलेरिया होना जच्चा और बच्चा दोनों के लिए जोखिम भरा होता है। गर्भवती के शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या कम होने के करण रक्तस्राव की समस्या हो सकती है। इसके साथ ही तेज बुखार के कारण शरीर में पानी की कमी भी हो सकती है। लक्षण दिखने पर तत्काल चिकित्सकीय सलाह लेने की जरूरत है। (संवाद)



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