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बीघापुर (उन्नाव)। पड़ोस के गांव जाने की बात कहकर घर से निकले अधेड़ किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कनपटी में गोली लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस घटना की वजह और हत्यारों का पता लगा रही है। उधर, मृतक के परिजन हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस को शव नहीं उठाने दे रहे हैं। जुए का विवाद या रंजिश में घटना को अंजाम देने की बात कही जा रही है।
बीघापुर थानाक्षेत्र के खेमई खेड़ा गांव निवासी सुरेंद्र वर्मा (50) शाम करीब तीन बजे दो किमी दूर महाई गांव गया था। रात करीब आठ बजे परिजनों को उसकी हत्या की सूचना मिली। पत्नी सरोज, बेटा गोविंद और जयविंद मौके पर पहुंचे। शव महाई गांव निवासी रामपाल के घर के सामने पड़ा था। थाना प्रभारी ब्रजेश कुमार शुक्ला ने घटनास्थल की जांच शुरू की।
मृतक सुरेंद्र की कनपटी में गहरा सुरागनुमा जख्म है, इससे परिजन कनपटी से सटाकर गोली मारे जाने की बात कह रहे हैं। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए जैसे ही शव को ले जाने का प्रयास किया, बेटे गोविंद व अन्य परिजनों ने शव ले जाने से रोक दिया। रात 10 बजे तक थानाध्यक्ष व अन्य पुलिस कर्मी परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
थानाध्यक्ष ने बताया कि गोली मारने या किसी धारदार हथियार से हत्या किए जाने की आशंका है। घटना की जांच की जा रही है। पुलिस
अधीक्षक दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि घटना की वजह और घटना करने वालों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।
महाई गांव की जिस मगतहाई बस्ती में घटना हुई है वहां करीब 100 परिवार रहते हैं। घटना के बाद अधिकांश परिवार घर में ताला बंद कर भाग गए हैं। लगभग पूरी बस्ती खाली है। घटना की जानकारी देने वाला कोई नही है। एसओ ने बताया कि जिस घर के सामने शव मिला है उनकी तलाश की जा रही है। वही लोग पूरे मामले की जानकारी दे सकते हैं।
वर्ष 1997 में खेमई खेड़ा गांव में एक परिवार से विवाद के बाद मारपीट हुई थी। इस दौरान एक पक्ष की ओर से गोली भी चली थी। गोली लगने से दूसरे पक्ष के निजामुद्दीन उर्फ मुचनू की मौत हो गई थी। घटना में सुरेंद्र नामजद था। उसे जिला सत्र न्यायालय से सजा हुई थी। बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। मुकदमा विचाराधीन है।
बीघापुर (उन्नाव)। पड़ोस के गांव जाने की बात कहकर घर से निकले अधेड़ किसान की गोली मारकर हत्या कर दी गई। कनपटी में गोली लगने से उसकी मौके पर ही मौत हो गई। पुलिस घटना की वजह और हत्यारों का पता लगा रही है। उधर, मृतक के परिजन हत्यारे की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पुलिस को शव नहीं उठाने दे रहे हैं। जुए का विवाद या रंजिश में घटना को अंजाम देने की बात कही जा रही है।
बीघापुर थानाक्षेत्र के खेमई खेड़ा गांव निवासी सुरेंद्र वर्मा (50) शाम करीब तीन बजे दो किमी दूर महाई गांव गया था। रात करीब आठ बजे परिजनों को उसकी हत्या की सूचना मिली। पत्नी सरोज, बेटा गोविंद और जयविंद मौके पर पहुंचे। शव महाई गांव निवासी रामपाल के घर के सामने पड़ा था। थाना प्रभारी ब्रजेश कुमार शुक्ला ने घटनास्थल की जांच शुरू की।
मृतक सुरेंद्र की कनपटी में गहरा सुरागनुमा जख्म है, इससे परिजन कनपटी से सटाकर गोली मारे जाने की बात कह रहे हैं। शुरुआती जांच के बाद पुलिस ने पोस्टमार्टम के लिए जैसे ही शव को ले जाने का प्रयास किया, बेटे गोविंद व अन्य परिजनों ने शव ले जाने से रोक दिया। रात 10 बजे तक थानाध्यक्ष व अन्य पुलिस कर्मी परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
थानाध्यक्ष ने बताया कि गोली मारने या किसी धारदार हथियार से हत्या किए जाने की आशंका है। घटना की जांच की जा रही है। पुलिस
अधीक्षक दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि घटना की वजह और घटना करने वालों की पहचान के प्रयास किए जा रहे हैं। जल्द ही घटना का खुलासा किया जाएगा।
महाई गांव की जिस मगतहाई बस्ती में घटना हुई है वहां करीब 100 परिवार रहते हैं। घटना के बाद अधिकांश परिवार घर में ताला बंद कर भाग गए हैं। लगभग पूरी बस्ती खाली है। घटना की जानकारी देने वाला कोई नही है। एसओ ने बताया कि जिस घर के सामने शव मिला है उनकी तलाश की जा रही है। वही लोग पूरे मामले की जानकारी दे सकते हैं।
वर्ष 1997 में खेमई खेड़ा गांव में एक परिवार से विवाद के बाद मारपीट हुई थी। इस दौरान एक पक्ष की ओर से गोली भी चली थी। गोली लगने से दूसरे पक्ष के निजामुद्दीन उर्फ मुचनू की मौत हो गई थी। घटना में सुरेंद्र नामजद था। उसे जिला सत्र न्यायालय से सजा हुई थी। बाद में हाईकोर्ट से जमानत मिल गई थी। मुकदमा विचाराधीन है।
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