खाद पहुंची तो लेने के लिए लगी किसानों की भीड़

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असोहा। ब्लाक के गोसाईंखेड़ा साधन सहकारी समिति में कई दिन बाद खाद (डीएपी) पहुंची तो किसानों की भारी भीड़ पहुंच गई। इस दौरान पहले खाद लेने को लेकर किसानों के बीच खूब धक्कामुक्की हुई। सचिव ने पुलिस बुलाकर खाद का वितरण कराया।
गोसाईंखेड़ा साधन सहकारी समिति पर डीएपी पहुंचने की सूचना पर बुधवार सुबह ही भारी संख्या में किसान पहुंच गए। समिति का ताला खुलने से पहले ही किसानों की लाइन लग गई। सचिव सुरेंद्र कुमार ने पहुंचकर जैसे ही समिति कार्यालय खोला वैसे ही किसानों में पहले खाद लेने को लेकर धक्कामुक्की शुरू हो गई। इस पर सचिव ने असोहा थाने में सूचना दे दी।
थाने से दो सिपाही पहुंचे और किसानों को शांत कराया। इसके बाद सभी को लाइन में खड़ा करके खाद का वितरण शुरू कराया। सचिव ने बताया कि समिति के सदस्यों को पहले खाद दी जाती है। इसके बाद नगद लेने वालों को वितरण शुरू किया जाता है। नगदी वालों के लिए ई-पॉस मशीन में आधार की फीडिंग की जाती है। जिसमें समय लग जाता है। फिर भी जितने किसान पहुंचते हैं उन्हें खाद देने का पूरा प्रयास किया जाता है।
उधर, ब्लाक के ही बेहटा समिति में पिछले 20 दिन से डीएपी नहीं है। जिससे क्षेत्र के किसानों को मजबूरी में बाहर से महंगे दामों में खाद खरीदनी पड़ रही है। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि 30 समितियों व अन्य केंद्रों को लगभग 100 मीट्रिक टन खाद भेजी गई है। सचिवों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित रेट पर ही किसानों को खाद दें। किसानों से अपील की है कि वह परेशान न हों। जिले में डीएपी का पर्याप्त स्टॉक है। रोजाना समितियों को खाद भेजने का प्रयास किया जा रहा है।

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असोहा। ब्लाक के गोसाईंखेड़ा साधन सहकारी समिति में कई दिन बाद खाद (डीएपी) पहुंची तो किसानों की भारी भीड़ पहुंच गई। इस दौरान पहले खाद लेने को लेकर किसानों के बीच खूब धक्कामुक्की हुई। सचिव ने पुलिस बुलाकर खाद का वितरण कराया।

गोसाईंखेड़ा साधन सहकारी समिति पर डीएपी पहुंचने की सूचना पर बुधवार सुबह ही भारी संख्या में किसान पहुंच गए। समिति का ताला खुलने से पहले ही किसानों की लाइन लग गई। सचिव सुरेंद्र कुमार ने पहुंचकर जैसे ही समिति कार्यालय खोला वैसे ही किसानों में पहले खाद लेने को लेकर धक्कामुक्की शुरू हो गई। इस पर सचिव ने असोहा थाने में सूचना दे दी।

थाने से दो सिपाही पहुंचे और किसानों को शांत कराया। इसके बाद सभी को लाइन में खड़ा करके खाद का वितरण शुरू कराया। सचिव ने बताया कि समिति के सदस्यों को पहले खाद दी जाती है। इसके बाद नगद लेने वालों को वितरण शुरू किया जाता है। नगदी वालों के लिए ई-पॉस मशीन में आधार की फीडिंग की जाती है। जिसमें समय लग जाता है। फिर भी जितने किसान पहुंचते हैं उन्हें खाद देने का पूरा प्रयास किया जाता है।

उधर, ब्लाक के ही बेहटा समिति में पिछले 20 दिन से डीएपी नहीं है। जिससे क्षेत्र के किसानों को मजबूरी में बाहर से महंगे दामों में खाद खरीदनी पड़ रही है। जिला कृषि अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि 30 समितियों व अन्य केंद्रों को लगभग 100 मीट्रिक टन खाद भेजी गई है। सचिवों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि निर्धारित रेट पर ही किसानों को खाद दें। किसानों से अपील की है कि वह परेशान न हों। जिले में डीएपी का पर्याप्त स्टॉक है। रोजाना समितियों को खाद भेजने का प्रयास किया जा रहा है।



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