स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की फ र्जी नियुक्ति के मामले की फाइल फिर से खोलने की तैयारी है। विभाग मामलों को जल्द निस्तारित कर दोषियों को सजा दिलाएगा। भविष्य में ऐसे मामले सामने न आएं, इसके लिए सीएमओ पर सीएमएस से नियुक्ति का अधिकार छीना जाएगा। अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नियोक्ता भी निदेशक प्रशासन होंगे।
इस संबंध में महानिदेशालय से विभाग के मुख्य सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा को शुक्रवार को प्रस्ताव भेजा गया। स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति में फ र्जीवाड़ा होता रहा है। जिस भी मामले की जांच हुई उसमें धांधली की पुष्टि हुई। अब तक बलिया, मेरठ, मिर्जापुर और अंबेडकरनगर में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
इनमें कहीं बिना पद की नियुक्ति कर दी गई तो कहीं दस्तावेजों में हेरफेर कर। जांच के बाद कुछ की नियुक्तियां निरस्त हुईं लेकिन जिम्मेदार अफ सरों के खिलाफ कुछ नहीं हुआ। इसी को लेकर पिछले दिनों इन मामलों की शासन स्तर पर नए सिरे से शिकायत की गई।
कब-कब घोटाला – सीएमओ बलिया कार्यालय से 2009 से 2017 के बीच 352 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। शासन स्तर पर शिकायत होने के बाद 152 कर्मियों की नियुक्ति फर्जी पाई गई। जांच चल रही है। – पीएल शर्मा जिला चिकित्सालय मेरठ में बैकलॉग का पद न होने के बाद भी गलत तरीके से नियुक्ति कर दी गई। मामला कोर्ट में है और स्वास्थ्य विभाग की काफी किरकिरी हुई थी। – सीएमओ मिर्जापुर दफ्तर में 1996 से 1998 के बीच करीब 64 फ र्जी नियुक्तियां की गईं। सीबीसीआईडी जांच के बाद फ र्जी नियुक्तियां निरस्त कर दी गर्दं। यह मामला भी कोर्ट में है। – सीएमएस जिला चिकित्सालय अंबेडकरनगर में 64 कर्मियों की फ र्जी नियुक्ति की गई है। इसकी जांच जारी है।
स्वास्थ्य विभाग के चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का नियोक्ता एक होने के बाद इनको एक जिले से दूसरे में स्थानांतरित किया जा सकेगा। अभी तक परित्यक्त कार्यालयों में कार्यरत चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों का स्थानांतरण शासन स्तर से किया जाता है। इसके लिए प्रथम तैनाती से संबंधित आठ बिंदुओं पर सूचनाएं इकट्ठा की जाती हैं। विभिन्न कार्यालयों से सूचनाएं आने में काफ ी वक्त लगता है। ऐसे में स्थानांतरण समय पर नहीं हो पाता है।
फर्जीवाड़े पर कसा जाएगा शिकंजा स्वास्थ्य विभाग में किसी भी तरह का फ र्जीवाड़ा नहीं होने दिया जाएगा। सख्त कार्रवाई होगी। बलिया, मेरठ सहित अन्य जिलों के मामले वर्षों पुराने हैं। पूर्ववर्ती सरकारों ने इन पर ध्यान नहीं दिया। जिन मामलों किसी दोषी को सजा नहीं मिली है, उसे सजा दिलाई जाएगी।– ब्रजेश पाठक, उप मुख्यमंत्री
महानिदेशालय की ओर से परिधिगत कार्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति का पूरे प्रदेश में एक ही नियोक्ता रखने संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजा गया है। आगे जैसा निर्देश होगा उसी हिसाब से कार्रवाई होगी।– डॉ. राजा गणपति आर, निदेशक प्रशासन चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग
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स्वास्थ्य विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की फ र्जी नियुक्ति के मामले की फाइल फिर से खोलने की तैयारी है। विभाग मामलों को जल्द निस्तारित कर दोषियों को सजा दिलाएगा। भविष्य में ऐसे मामले सामने न आएं, इसके लिए सीएमओ पर सीएमएस से नियुक्ति का अधिकार छीना जाएगा। अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों के नियोक्ता भी निदेशक प्रशासन होंगे।
इस संबंध में महानिदेशालय से विभाग के मुख्य सचिव पार्थसारथी सेन शर्मा को शुक्रवार को प्रस्ताव भेजा गया। स्वास्थ्य विभाग में लंबे समय से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति में फ र्जीवाड़ा होता रहा है। जिस भी मामले की जांच हुई उसमें धांधली की पुष्टि हुई। अब तक बलिया, मेरठ, मिर्जापुर और अंबेडकरनगर में ऐसे मामले सामने आ चुके हैं।
इनमें कहीं बिना पद की नियुक्ति कर दी गई तो कहीं दस्तावेजों में हेरफेर कर। जांच के बाद कुछ की नियुक्तियां निरस्त हुईं लेकिन जिम्मेदार अफ सरों के खिलाफ कुछ नहीं हुआ। इसी को लेकर पिछले दिनों इन मामलों की शासन स्तर पर नए सिरे से शिकायत की गई।
कब-कब घोटाला
– सीएमओ बलिया कार्यालय से 2009 से 2017 के बीच 352 चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की नियुक्ति की गई। शासन स्तर पर शिकायत होने के बाद 152 कर्मियों की नियुक्ति फर्जी पाई गई। जांच चल रही है।
– पीएल शर्मा जिला चिकित्सालय मेरठ में बैकलॉग का पद न होने के बाद भी गलत तरीके से नियुक्ति कर दी गई। मामला कोर्ट में है और स्वास्थ्य विभाग की काफी किरकिरी हुई थी।
– सीएमओ मिर्जापुर दफ्तर में 1996 से 1998 के बीच करीब 64 फ र्जी नियुक्तियां की गईं। सीबीसीआईडी जांच के बाद फ र्जी नियुक्तियां निरस्त कर दी गर्दं। यह मामला भी कोर्ट में है।
– सीएमएस जिला चिकित्सालय अंबेडकरनगर में 64 कर्मियों की फ र्जी नियुक्ति की गई है। इसकी जांच जारी है।