उन्नाव में अनुसूचित जाति की छात्रा की हत्या के बाद पैनल और वीडियोग्राफी के बीच शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम कराया गया। रिपोर्ट में छात्रा के नाजुक अंग में गंभीर चोटें मिली हैं। यह चोटें लकड़ी या फिर लोहे की रॉड जैसी वस्तु डालने से ही हो सकती हैं। दुष्कर्म की पुष्टि के लिए स्लाइड बनाई गई है। पोस्टमार्टम हाउस में इस दौरान कई बार परिजनों ने हंगामा किया। सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी शिक्षामित्र की बेटी का शव गुरुवार को नग्न अवस्था में घर के आंगन में मिला था। नाजुक अंग से खून निकल रहा था। पिता की तहरीर पर पड़ोसी सुजीत कुमार और कुंवारा के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज की गई थी। पुलिस ने रिपोर्ट में धारा 302 (हत्या), 376ए (बेहद प्रताड़ना) और 34 (हत्या का इरादा) लगाई है।
शुक्रवार सुबह जिला अस्पताल के डॉक्टरों के पैनल ने वीडियोग्राफी के बीच शव का पोस्टमार्टम किया। पोस्टमार्टम हाउस में आशा संगिनी मां और उसके साथ मौजूद अन्य महिलाओं ने हंगामा कर आरोपियों को फांसी देने की मांग की।
कोतवाल राजेश पाठक ने बताया कि रात में परिजनों ने शव का अंतिम संस्कार करने से मना कर दिया है। शनिवार को गांव के बाहर खेत में दफन करने की बात कही है।
आपको बता दें कि सदर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव निवासी छात्रा का शव गुरुवार शाम उसके ही घर के आंगन में फर्श पर पड़ा मिला। शुरुआती जांच में सिर के पीछे की ओर गहरा जख्म और खून होने से फर्श पर सिर पटक कर हत्या की बात सामने आई।
छात्रा के कपड़े अस्त-व्यस्त मिलने से पुलिस दुष्कर्म के बाद हत्या के बिंदु पर भी जांच शुरू की। बताया गया है कि बीएससी द्वितीय वर्ष की छात्रा घटना के समय घर पर अकेली थी। शिक्षामित्र पिता बिछिया ब्लॉक में बैठक में गए थे, आशा कार्यकर्ता मां काम के सिलसिले में गई थी।