खरीदारों को राहत: 100 करोड़ जमा कर जेपी ने बचाया फार्मूला-1 ट्रैक, अगले साल होगी मोटो जीपी रेस

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फार्मूला-1 ट्रैक

फार्मूला-1 ट्रैक
– फोटो : अमर उजाला

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फार्मूला वन सर्किट समेत अन्य परियोजनाओं के भूमि आवंटन निरस्त प्रकरण में जेपी एसोसिएट्स ने यमुना प्राधिकरण के खाते में 100 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। कंपनी ने प्राधिकरण से कुछ रियायतें मांगी है। इससे न सिर्फ फॉर्मूला वन सर्किट रेस हो सकेगी बल्कि जेपी के निवेशकों को भी राहत मिलेगी।  मामले में उच्च न्यायालय ने बिल्डर को 100 करोड़ भुगतान करने के बाद पेमेंट प्लान पेश करने के आदेश दिए थे। 

प्राधिकरण का जेपी पर प्रीमियम और किसानों का अतिरक्ति मुआवजा समेत करीब एक हजार करोड़ रुपये बकाया है। यमुना प्राधिकरण ने पैसा जमा नहीं करने पर फॉर्मूला वन सर्किट समेत अन्य परियोजनाओं के लिए दी गई सैकड़ों हेक्टेयर जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया था। आवंटित भूमि पर आवासीय योजना और फार्मूला वन सर्किट के अलावा क्रिकेट स्टेडियम समेत कई परियोजनाएं बनाई जानी थीं। 

जेपी ने इसमें अवासीय परियोजना की जमीन अन्य बिल्डरों को बेच दी थी। इसके बाद भी पैसा जमा नहीं कराने पर प्राधिकरण ने फरवरी 2020 में आवंटित भूमि पर बने ढांचे को सील कर दिया था। उधर, आवंटन निरस्त होने के बाद जेपी एसोसिएट्स की ओर से हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 29 सितंबर 2022 को सुनवाई करते हुए कहा कि पहले यमुना प्राधिकरण में जेपी 100 करोड़ रुपये जमा कराए और उनके समक्ष अपना पेमेंट प्लान प्रस्तुत करें। 

जेपी ने पिछले सप्ताह 100 करोड़ की राशि जमा कराते हुए अपना पेमेंट प्लान सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के समक्ष पेश किया। मामले में 9 नवंबर को फिर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। 
फॉर्मूला-वन सर्किट पर मोटो जीपी बाइक रेस का आयोजन 2024 में प्रस्तावित है। पिछले दिनों औद्योगिक विकास मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के साथ स्पेनिश कंपनी डोर्ना के चेयरमैन कार्मेलो एलजेपेटा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात की थी। सर्किट पर रेस के लिए तैयारी शुरू कर दी गई है। 

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फार्मूला वन सर्किट समेत अन्य परियोजनाओं के भूमि आवंटन निरस्त प्रकरण में जेपी एसोसिएट्स ने यमुना प्राधिकरण के खाते में 100 करोड़ रुपये जमा करा दिए हैं। कंपनी ने प्राधिकरण से कुछ रियायतें मांगी है। इससे न सिर्फ फॉर्मूला वन सर्किट रेस हो सकेगी बल्कि जेपी के निवेशकों को भी राहत मिलेगी।  मामले में उच्च न्यायालय ने बिल्डर को 100 करोड़ भुगतान करने के बाद पेमेंट प्लान पेश करने के आदेश दिए थे। 

प्राधिकरण का जेपी पर प्रीमियम और किसानों का अतिरक्ति मुआवजा समेत करीब एक हजार करोड़ रुपये बकाया है। यमुना प्राधिकरण ने पैसा जमा नहीं करने पर फॉर्मूला वन सर्किट समेत अन्य परियोजनाओं के लिए दी गई सैकड़ों हेक्टेयर जमीन का आवंटन निरस्त कर दिया था। आवंटित भूमि पर आवासीय योजना और फार्मूला वन सर्किट के अलावा क्रिकेट स्टेडियम समेत कई परियोजनाएं बनाई जानी थीं। 

जेपी ने इसमें अवासीय परियोजना की जमीन अन्य बिल्डरों को बेच दी थी। इसके बाद भी पैसा जमा नहीं कराने पर प्राधिकरण ने फरवरी 2020 में आवंटित भूमि पर बने ढांचे को सील कर दिया था। उधर, आवंटन निरस्त होने के बाद जेपी एसोसिएट्स की ओर से हाइकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने 29 सितंबर 2022 को सुनवाई करते हुए कहा कि पहले यमुना प्राधिकरण में जेपी 100 करोड़ रुपये जमा कराए और उनके समक्ष अपना पेमेंट प्लान प्रस्तुत करें। 

जेपी ने पिछले सप्ताह 100 करोड़ की राशि जमा कराते हुए अपना पेमेंट प्लान सीईओ डॉ. अरुणवीर सिंह के समक्ष पेश किया। मामले में 9 नवंबर को फिर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। 



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