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– फोटो : amar ujala
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पुरानी तकनीक (3जी) का प्रीपेड बिजली मीटर लगने की वजह से हो रही बिलिंग आदि की दिक्कत अब जल्द दूर होने वाली है। इसके लिए उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन प्रबंधन ने प्रीपेड मीटर लगाने वाली कंपनी एनर्जी एफिशिएंसी प्रा. लि. को पुरानी तकनीक वाले प्रीपेड मीटरों को 4जी तकनीक में अपग्रेड करने के निर्देश दिए हैं।
उत्तर प्रदेश पावर कॉर्पोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार की तरफ से इस संबंध में कंपनी के सीईओ को पत्र भेजकर तत्काल कार्यवाही के लिए कहा गया है। इस निर्देश की खास बात यह है कि मीटर अपग्रेड करने के बदले उपभोक्ताओं को कोई अतिरिक्त चार्ज नहीं देना पड़ेगा।
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प्रदेश में इस समय 11.54 लाख उपभोक्ताओं के घर-प्रतिष्ठानों में पुरानी तकनीक वाले प्रीपेड मीटर लगे हैं। आदेश के तहत ये सभी मीटर अपग्रेड किए जाएंगे। बताया जाता है कि कॉर्पोरेशन प्रबंधन के इस फैसले से प्रीपेड मीटर में सबसे ज्यादा आने वाली जंपिंग की शिकायत दूर होगी।
4जी के जमाने में 3जी तकनीक पर आधारित प्रीपेड मीटर की वजह से तमाम उपभोक्ताओं ने मीटर के तेज चलने और अधिक बिल आने की शिकायतें की थीं। उन्हें बिल रिचार्ज करने में भी दिक्कत आती है। इसके अलावा यदि कनेक्शन कटता है तो पैसा जमा करते ही तत्काल आपूर्ति शुरू नहीं हो पाती है। इसमें काफी समय लग जाता है।
मीटर अपग्रेड होने के फायदे
– मीटर में जंपिंग की समस्या दूर होगी
– अधिक बिल आने की समस्या से निजात मिलेगी
– बिल जमा होते ही आपूर्ति बहाल हो जाएगी
– बिलिंग सिस्टम की खामियां दूर होंगी
– नेटवर्किंग की गड़बड़ी दूर होने से रिचार्ज आसानी से होगा
खामियों की वजह से लगी थी रोक
मालूम हो कि पावर कॉर्पोरेशन ने प्रदेश में 50 लाख प्रीपेड मीटर लगाने के आदेश दिए थे, लेकिन इनकी खामियों को देखते हुए उप्र. विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने विद्युत नियामक आयोग ने इसके खिलाफ याचिका दाखिल किया था। इसी आधार पर आयोग ने प्रीपेड मीटर लगाने पर रोक लगा दी थी। हालांकि तब तक 11.54 लाख मीटर लग गए थे। वहीं, उपभोक्ता परिषद ने 25 हजार करोड़ के 4जी स्मार्ट प्रीपेड मीटर का टेंडर भी निरस्त करने की मांग की है। कहा है कि प्रीपेड मीटर को 4जी के स्थान पर 5जी में अपग्रेड किया जाए।
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