सशक्त समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बैजनाथ यादव – फोटो : अमर उजाला
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बड़ी लड़ाई के लिए कठिन रास्ते पर चलना होता है। इससे हौसला मजबूत होता है। यह कहना है कि पिछले 23 महीने से रोज छह घंटे भूखे रहकर सत्याग्रह करते आ रहे सशक्त समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बैजनाथ यादव का। भदोही जिले के विकास, जातिगत जनगणना और पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने सहित नौ मांगों के लिए नागमलपुर स्थित कैंप कार्यालय पर सत्याग्रह कर रहे बैजनाथ मंगलवार से कलेक्ट्रेट परिसर में सत्याग्रह करेंगे।
20 दिसंबर 2020 को उन्होंने अपने कैंप कार्यालय पर बैठकर अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू किया था। वह दिन है और आज का दिन, उनका सत्याग्रह हर रोज चलता आ रहा है। हर रोज वह सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक लगातार छह घंटे भूखे रहकर आंदोलन को गति देते हैं।
इतने दिनों के आंदोलन का कुछ भी परिणाम न निकलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इतने दिनों में सिर्फ 25 फरवरी 2021 को पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव का एक लेटर आया है। इसमें उनकी मांगों पर विचार के लिए उच्चाधिकारियों को सूचित करने की बात बताई गई है। इसके बाद किसी ने भी कोई खबर नहीं ली, अलबत्ता हर रोज एलआईयू की रिपोर्ट जरूर लगती है।
उन्होंने बताया कि ज्ञानपुर-दुर्गागंज के जर्जर रोड के लिए 2018 में 83 दिन, 12 जनवरी को लखनो में बर्निंग वैन हादसे के बच्चों को न्याय दिलाने के लिए 31 दिन और 2001 में प्रयागराज हाईकोर्ट के सामने कोर्ट का बंटवारा न होने देने के लिए लगातार 87 दिनों तक आंदोलन किया था।
इन सभी आंदोलन में उन्होंने जीत हासिल की है। इसमें भी उन्हें सफलता मिलेगी। बताया कि मंगलवार से वह कलेक्ट्रेट परिसर में अनिश्चितकालीन सत्याग्रह करेंगे।
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बड़ी लड़ाई के लिए कठिन रास्ते पर चलना होता है। इससे हौसला मजबूत होता है। यह कहना है कि पिछले 23 महीने से रोज छह घंटे भूखे रहकर सत्याग्रह करते आ रहे सशक्त समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष बैजनाथ यादव का। भदोही जिले के विकास, जातिगत जनगणना और पिछड़ा वर्ग को आरक्षण देने सहित नौ मांगों के लिए नागमलपुर स्थित कैंप कार्यालय पर सत्याग्रह कर रहे बैजनाथ मंगलवार से कलेक्ट्रेट परिसर में सत्याग्रह करेंगे।
20 दिसंबर 2020 को उन्होंने अपने कैंप कार्यालय पर बैठकर अनिश्चितकालीन सत्याग्रह शुरू किया था। वह दिन है और आज का दिन, उनका सत्याग्रह हर रोज चलता आ रहा है। हर रोज वह सुबह 11 बजे से शाम पांच बजे तक लगातार छह घंटे भूखे रहकर आंदोलन को गति देते हैं।
इतने दिनों के आंदोलन का कुछ भी परिणाम न निकलने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इतने दिनों में सिर्फ 25 फरवरी 2021 को पिछड़ा वर्ग आयोग के सचिव का एक लेटर आया है। इसमें उनकी मांगों पर विचार के लिए उच्चाधिकारियों को सूचित करने की बात बताई गई है। इसके बाद किसी ने भी कोई खबर नहीं ली, अलबत्ता हर रोज एलआईयू की रिपोर्ट जरूर लगती है।