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जीआईसी मैदान में आयोजित कवि सम्मेलन में कवितापाठ करते डॉ. कुमार विश्वास। संवाद
– फोटो : UNNAO
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उन्नाव। कवि डॉ. कुमार विश्वास ने तीन घंटे तक अपनी रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। उन्होंने कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है गुनगुनाना शुरू किया तो तालियां बजाने लगीं। इसके बाद गीत गजलों से उसे पैगाम करता हूं, उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं, पढ़ी तो लोग एक बार और की मांग करने लगे।
दिवंगत एमएलसी अजीत सिंह व साहित्य भारती के संस्थापक स्व. अतुल मिश्र की स्मृति में साहित्य भारती संस्था की ओर राजकीय इंटर कालेज मैदान में सोमवार रात कवि सम्मेलन हुआ। इसका शुभारंभ डॉ. कुमार विश्वास व जिला पंचायत अध्यक्ष शकुन सिंह ने दिवंगत अजीत सिंह व अतुल मिश्रा के चित्र पर पुष्प अर्पित करके किया।
रात 10 बजे कुमार विश्वास ने मंच संभाला। कुमार विश्वास ने है नमन उनको कि जो इस देह को अमृतत्व देकर इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गए सुनाया तो लोगों ने खड़े होकर जय हिंद का जयघोष शुरू कर दिया। मौन रहो तो सबसे बेहतर, साथ रहो आभारी है, सत्ता की कविता से केवल इतनी रिश्तेदारी है, सारी दुविधा प्रतिशत पर है, सच कितना बोला जाए, पढ़ा।
इससे पहले कवि गजेंद्र प्रियांशु ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर ‘राम अखिलेश्वर अलौकिक अपार है, तो रोम रोम राम में रमाई माता जानकी’ पढ़ा। कवि हेमंत पांडेय ने पढ़ा ‘फूल तुम्हें देने के लिए सस्ते में ले लिया, यूपी पुलिस ने उसे रस्ते में ले लिया’। डॉ. सुमन दुबे ने ‘इस कदर हमको कांटे चुभोए गए नाम हमने भी अपना सुमन रख लिया’ और कवि रमेश मुस्कान ने ‘अंधकार के घोर तिमिर में घना अंधेरा छाया है’ पढ़कर तालियां बटोरीं। डॉ. अखिलेश मिश्र ने रामायण पर आधारित रचना के माध्यम से बहुत ही सार्थक संकल्पना प्रस्तुत की।
कवि सम्मेलन में अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश अंसारी, सरोजनी नगर विधायक राजेश्वर सिंह, विधायक आशुतोष शुक्ला, बंबा लाल दिवाकर, श्रीकांत कटियार, ब्रजेश रावत, एमएलसी अरुण पाठक, पूर्व एमएलसी बाबू रंजीत सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश कटियार, एडवोकेट अजेंद्र अवस्थी, डॉ. मनीष सिंह सेंगर मौजूद रहे।
उन्नाव। कवि डॉ. कुमार विश्वास ने तीन घंटे तक अपनी रचनाएं सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया। उन्होंने कोई दीवाना कहता है, कोई पागल समझता है गुनगुनाना शुरू किया तो तालियां बजाने लगीं। इसके बाद गीत गजलों से उसे पैगाम करता हूं, उसी की दी हुई दौलत उसी के नाम करता हूं, पढ़ी तो लोग एक बार और की मांग करने लगे।
दिवंगत एमएलसी अजीत सिंह व साहित्य भारती के संस्थापक स्व. अतुल मिश्र की स्मृति में साहित्य भारती संस्था की ओर राजकीय इंटर कालेज मैदान में सोमवार रात कवि सम्मेलन हुआ। इसका शुभारंभ डॉ. कुमार विश्वास व जिला पंचायत अध्यक्ष शकुन सिंह ने दिवंगत अजीत सिंह व अतुल मिश्रा के चित्र पर पुष्प अर्पित करके किया।
रात 10 बजे कुमार विश्वास ने मंच संभाला। कुमार विश्वास ने है नमन उनको कि जो इस देह को अमृतत्व देकर इस जगत में शौर्य की जीवित कहानी हो गए सुनाया तो लोगों ने खड़े होकर जय हिंद का जयघोष शुरू कर दिया। मौन रहो तो सबसे बेहतर, साथ रहो आभारी है, सत्ता की कविता से केवल इतनी रिश्तेदारी है, सारी दुविधा प्रतिशत पर है, सच कितना बोला जाए, पढ़ा।
इससे पहले कवि गजेंद्र प्रियांशु ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत कर ‘राम अखिलेश्वर अलौकिक अपार है, तो रोम रोम राम में रमाई माता जानकी’ पढ़ा। कवि हेमंत पांडेय ने पढ़ा ‘फूल तुम्हें देने के लिए सस्ते में ले लिया, यूपी पुलिस ने उसे रस्ते में ले लिया’। डॉ. सुमन दुबे ने ‘इस कदर हमको कांटे चुभोए गए नाम हमने भी अपना सुमन रख लिया’ और कवि रमेश मुस्कान ने ‘अंधकार के घोर तिमिर में घना अंधेरा छाया है’ पढ़कर तालियां बटोरीं। डॉ. अखिलेश मिश्र ने रामायण पर आधारित रचना के माध्यम से बहुत ही सार्थक संकल्पना प्रस्तुत की।
कवि सम्मेलन में अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री दानिश अंसारी, सरोजनी नगर विधायक राजेश्वर सिंह, विधायक आशुतोष शुक्ला, बंबा लाल दिवाकर, श्रीकांत कटियार, ब्रजेश रावत, एमएलसी अरुण पाठक, पूर्व एमएलसी बाबू रंजीत सिंह, भाजपा जिलाध्यक्ष अवधेश कटियार, एडवोकेट अजेंद्र अवस्थी, डॉ. मनीष सिंह सेंगर मौजूद रहे।
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