Gorakhpur News: गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्थापित होगा इंटरनेशनल एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर, शोधार्थी करेंगे शोध

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– फोटो : अमर उजाला

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गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान में कंसोरिटियम ऑफ इंटरनेशनल एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर (जीसीआईएआर) स्थापित होगा। इससे पूर्वांचल में गेहूं, मक्का एवं धान की उन्नत किस्म के बीजों का विकास होगा और साथ ही विद्यार्थियों को शोध क्षेत्र में व्यापक अनुभव होगा।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में कृषि वैज्ञानिकों ने रिसर्च सेंटर की स्थापना के लिए सहमति जताई। बैठक में कृषि संस्थान गोरखपुर विश्वविद्यालय के रिसर्च सेंटर की स्थापना संबंधित विषय पर वार्ता हुई। अधिकारियों एवं वैज्ञानिक ने विश्वविद्यालय के कृषि संस्थान में इस केंद्र की स्थापना पर सहमति व्यक्त की।

कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि रिसर्च सेंटर में गेहूं, मक्का एवं धान की प्रगतिशील किस्मों का विकास किया जाएगा। इससे किसानों की आय को दोगुना करने में सहयोग मिलेगा। बैठक के बाद वैज्ञानिकों को बायोटेक्नोलॉजी विभाग एवं कृषि संस्थान का भ्रमण भी कराया गया।

बैठक में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह, इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉ. विकास सिंह, रीजनल मक्का ब्रीड कोऑर्डिनेटर डॉ. बीएस विवेक, आईसीआरआईएसएटी हैदराबाद के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पीएस जैदी, गोविवि कृषि संस्थान के निदेशक डॉ. जीपी राव, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो. अजय सिंह आदि शामिल रहे।

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गोरखपुर विश्वविद्यालय के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान में कंसोरिटियम ऑफ इंटरनेशनल एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर (जीसीआईएआर) स्थापित होगा। इससे पूर्वांचल में गेहूं, मक्का एवं धान की उन्नत किस्म के बीजों का विकास होगा और साथ ही विद्यार्थियों को शोध क्षेत्र में व्यापक अनुभव होगा।

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में बुधवार को हुई बैठक में कृषि वैज्ञानिकों ने रिसर्च सेंटर की स्थापना के लिए सहमति जताई। बैठक में कृषि संस्थान गोरखपुर विश्वविद्यालय के रिसर्च सेंटर की स्थापना संबंधित विषय पर वार्ता हुई। अधिकारियों एवं वैज्ञानिक ने विश्वविद्यालय के कृषि संस्थान में इस केंद्र की स्थापना पर सहमति व्यक्त की।

कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने कहा कि रिसर्च सेंटर में गेहूं, मक्का एवं धान की प्रगतिशील किस्मों का विकास किया जाएगा। इससे किसानों की आय को दोगुना करने में सहयोग मिलेगा। बैठक के बाद वैज्ञानिकों को बायोटेक्नोलॉजी विभाग एवं कृषि संस्थान का भ्रमण भी कराया गया।

बैठक में उत्तर प्रदेश कृषि अनुसंधान परिषद, लखनऊ के महानिदेशक डॉ. संजय सिंह, इंटरनेशनल राइस रिसर्च इंस्टीट्यूट के डॉ. विकास सिंह, रीजनल मक्का ब्रीड कोऑर्डिनेटर डॉ. बीएस विवेक, आईसीआरआईएसएटी हैदराबाद के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. पीएस जैदी, गोविवि कृषि संस्थान के निदेशक डॉ. जीपी राव, अधिष्ठाता विज्ञान संकाय प्रो. अजय सिंह आदि शामिल रहे।



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