Prayagraj News : जलनिगम के एमडी बलकार सिंह ने एसटीपी का निरीक्षण किया। – फोटो : अमर उजाला।
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गंगा में प्रदूषण रोकने में नाकाम कंपनियों और उनके अफसरों के खिलाफ अब नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग मुकदमा दर्ज कराएगा। यह बात शुक्रवार को विभागीय कार्यों की समीक्षा करने के लिए प्रयागराज पहुंचे जल निगम (ग्रामीण) के प्रबंध निदेशक डॉ. बलकार सिंह ने कहीं। उन्होंने अधिकारियों को 20 दिसंबर के पहले फाफामऊ एसटीपी शुरू करने के निर्देश भी दिए।
प्रबंध निदेशक जल निगम डॉ. बलकार सिंह ने कार्यदायी संस्थाओं और अफसरों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा कि गंगा में मिलने वाले दर्जन भर नालों को 15 दिन के भीतर टैप करें। प्रबंध निदेशक ने शुक्रवार को अफसरों के साथ सलोरी, नैनी और फाफामऊ में निर्माणाधीन एसटीपी का निरीक्षण किया।
सर्किट हाउस में विभागीय अफसरों के साथ गंगा स्वच्छता और जनजीवन मिशन की प्रगति की समीक्षा करते हुए लापरवाह अफसरों को जमकर फटकार लगाई। कहा कि गंगा में एक भी नाला गिरा तो जिम्मेदारों के खिलाफ एफआईआर भी होगी और जुर्माना भी वसूला जाएगा। उन्होंने नालों को टैप करने के काम में तेजी लाने के निर्देश दिए।
महाकुंभ-2025 से पहले गंगा को प्रदूषण मुक्त करने के सरकार के अभियान को सफल बनाने के लिए नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग के आला अधिकारी ग्राउंड जीरो पर हैं। प्रबंध निदेशक जलनिगम ने 20 दिसंबर से पहले एसटीपी का निर्माण पूरा करके उसे शुरू करने का निर्देश दिया। साथ ही गंगा में मिलने वाले नालों का अनिवार्य रूप से टैपिंग करने का आदेश दिया। एसटीपी की प्रतिदिन समीक्षा और प्रगति रिपोर्ट देने का निर्देश देते हुए प्रबंध निदेशक ने अधिकारियों को चेतावनी दी कि समय-सीमा से एक दिन भी काम आगे बढ़ा तो कार्रवाई के लिए अफसर तैयार रहें।
सलोरी एसटीपी का होगा सौंदर्यीकरण, नैनी के प्लांट पर पौधरोपण के निर्देश
प्रबंध निदेशक जल निगम (ग्रामीण ) डॉ. बलकार सिंह ने सलोरी एसटीपी का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने जल निगम के अधिकारियों को सलोरी एसटीपी का सौंदर्यीकरण करने के निर्देश दिए। साथ ही 24 घंटे मॉनीटरिंग और औचक निरीक्षण करने को भी कहा। नैनी एसटीपी का काम कर रही कंपनी को निर्माण की गुणवत्ता बेहतर रखने और प्लांट के आसपास सफाई और पौधरोपण के निर्देश दिए।
समीक्षा बैठक में एमडी ने अधिकारियों को फरवरी 2023 तक झूंसी के एसटीपी को संचालित करने के निर्देश भी दिए। जल जीवन मिशन योजना के तहत हर घर जल योजना की भी डॉ. बलकार सिंह ने समीक्षा की। इस दौरान अधिकारियों को चेतावनी देते हुए काम समय से पूरा करने के निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि केंद्र और राज्य सरकार नदियों के मुद्दे पर बहुत सजग है। ऐसे में सभी अधिकारी जिम्मेदारी से काम पूरा करें।
गंगा को मैली होेने से बचाने को से किए जा रहे उपाय प्रयागराज में हर रोज कुल 470.84 एमएलडी सीवेज का हो रहा उत्सर्जन। 7 एसटीपी से 348.96 एमएलडी सीवेज का किया जा रहा शोधन। नालों से गिरने वाली गंदगी152.18 एमएलडी और सीवर नेटवर्क की गंदगी 196.78 एमएलडी है। 72 एमएलडी के तीन एसटीपी का निर्माण कार्य प्रगति पर है। नैनी, झूंसी और फाफामऊ में सीवेज शोधन हेतु कुल 72 एमएलडी क्षमता (42 एमएलडी नैनी-2 एसटीपी, 16 एमएलडी झूंसी एसटीपी, 14 एमएलडी फाफामऊ एसटीपी) के एसटीपी का निर्माण कार्य प्रगति पर। 42 एमएलडी नैनी-2 एसटीपी का कार्य करीब-करीब पूरा हो चुका है। 14 एमएलडी फाफामऊ एसटीपी माह दिसंबर तक और 16 एमएलडी झूंसी एसटीपी का कार्य भी जल्द पूरा होने का दावा।
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गंगा में प्रदूषण रोकने में नाकाम कंपनियों और उनके अफसरों के खिलाफ अब नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग मुकदमा दर्ज कराएगा। यह बात शुक्रवार को विभागीय कार्यों की समीक्षा करने के लिए प्रयागराज पहुंचे जल निगम (ग्रामीण) के प्रबंध निदेशक डॉ. बलकार सिंह ने कहीं। उन्होंने अधिकारियों को 20 दिसंबर के पहले फाफामऊ एसटीपी शुरू करने के निर्देश भी दिए।
प्रबंध निदेशक जल निगम डॉ. बलकार सिंह ने कार्यदायी संस्थाओं और अफसरों को कड़ी कार्रवाई की चेतावनी देते हुए कहा कि गंगा में मिलने वाले दर्जन भर नालों को 15 दिन के भीतर टैप करें। प्रबंध निदेशक ने शुक्रवार को अफसरों के साथ सलोरी, नैनी और फाफामऊ में निर्माणाधीन एसटीपी का निरीक्षण किया।