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उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक।
– फोटो : amar ujala
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किंग्स जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में मरीजों के हक की दवा बाजार में बेचने के मामले में जिम्मेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। मामले का संज्ञान लेते हुए उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने केजीएमयू प्रशासन को निर्देश दिया है कि सप्ताहभर में मामले की जांच कर रिपोर्ट दी जाए।
स्पेशल टॉस्क फोर्स (एसटीएफ) ने दो दिन पहले केजीएमयू में हॉस्पिटल रिवाल्विंग फंड (एचआरएफ) से मिलने वाली सस्ती दवा के बाजार में बिक्री होने का खुलासा किया है। इस मामले में केजीएमयू व एसटीएफ जांच कर रही है। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने घटना पर चिंता जाहिर की है।
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उन्होंने कहा कि रोगियों को सस्ती दर पर दवाएं उपलब्ध कराने की कवायद चल रही है। सरकार गरीब मरीजों के हितों के लिए लगातार प्रयास कर रही है। चिकित्सालय के कुछ अधिकारी व कर्मचारियों की वजह से सरकार की मेहनत पर पानी फिर रहा है। चिकित्सालय की छवि भी गड़बड़ हो रही है। यह बेहद गंभीर मामला है।
एक सप्ताह में पूरी करें जांच
उप मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया है कि मामले में संलिप्त अधिकारी व कर्मचारियों को किसी भी दशा में बख्शा नहीं जाएगा। दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि केजीएमयू प्रशासन पूरे मामले की जांच एक सप्ताह में पूरी करे। विस्तृत रिपोर्ट भेजें। किन लोगों पर कार्रवाई की गई? कार्रवाई के नाम पर क्या किया गया? यह भी अवगत कराया जाए।
बाकी संस्थान भी अलर्ट रहें
केजीएमयू के एचआरएफ में दवाओं की बाजार में बिक्री के बाद लोहिया आयुर्विज्ञान संस्थान व संजय गांधी पीजीआई भी खास एहतियात बरतने के निर्देश दिए गए हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी संस्थान निगरानी बढ़ाएं क्योंकि यह सुविधा गरीब रोगियों के लिए हैं। इसमें किसी भी तरह की गड़बड़ी बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
ये कदम उठाने के दिए निर्देश
– जिस पटल पर रुपये से जुड़ी सेवाएं प्रदान की जा रही हैं। उनके कर्मचारियों का समय.समय पर पटल परिवर्तन करें।
– ओपीडी व भर्ती मरीजों के पर्चे की अधिकारी ऑडिट करें।
– ज्यादा बिकने वाले उत्पादों की निगरानी करें।
– अचानक किसी उत्पाद की बिक्री बढ़े तो उसके कारणों का पता जरूर लगाएं।
– सीसीटीवी कैमरे लगाये जाएं ताकि दवा बाहर ले जाने पर अंकुश लगाया जा सके।
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