Prayagraj News : अहमद मजहरी, माइक्रोसाफ्ट के एशिया चीफ। – फोटो : अमर उजाला।
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मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) में शनिवार को डायमंड जुबली ग्लोबल एल्युमिनाई मीट के दूसरे दिन का आगाज भी रंगारंग अंदाज में हुआ। मुख्य अतिथि माइक्रोसाफ्ट एशिया के चीफ अहमद मजहरी और 2021 बैच की आईएएस सृष्टि सिंह रहीं। दूसरे दिन भी सेवानिवृत्त शिक्षकों और अलग-अलग बैच के पुरा छात्रों का सम्मान किया गया।
दूसरे दिन के मुख्य अतिथि 1991 बैच के पुरा छात्र अहमद मजहरी ने कहा कि भारतीय मेधा का पूरे विश्व में डंका बज रहा है। अगर इस बारे में अधिक जानकारी करनी है तो गूगल पर चले जाएं। आपको पता चल जाएगा। आज वो जिस मुकाम पर हैं, वह इसी संस्थान की देन है। संस्थान निरंतर अपनी मेधा का परचम लहरा रहा है। यह हम नहीं, दुनिया मानती है। चालक रहित कार का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि इस संस्थान के विद्यार्थी निरंतर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। आगे भी मैन्यूफैक्चरिंग और हेल्थकेयर सहित कई क्षेत्रों में बहुत सारी ऑटोनामस हो रही हैं।
संस्थान ने नया पाठ्यक्रम तैयार किया है। पहले ही सेमेस्टर से बच्चों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और मशीन लर्निंग के बारे में पढ़ाया जाएगा। यह प्रयास निरंतर संस्थान को आगे ले जाने वाला साबित होगा। इससे उद्योग बढ़ेंगे और रोजगार भी। साफ्टवेयर की दुनिया भारतीय अपनी प्रतिभा से दुनिया को अपना मुरीद बना चुके हैं। अब हार्डवेयर में भी इसी दिशा में काम करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हमेशा इंडस्ट्री की मांग के अनुरूप टेक्नोक्रेट्स को तैयारी करनी होगी।
कार्यक्रम में सेवानिवृत्त शिक्षकों और अलग-अलग बैच के पुरा छात्रों को सम्मानित किया गया। साथ ही विभिन्न विभागों का भ्रमण कर पुरा छात्रों ने अपनी पुरानी यादें भी ताजा कीं। कार्यक्रम में संस्थान के निदेशक प्रो. आरएस वर्मा, प्रो. मुकुल शुक्ला, प्रो. आरपी तिवारी, डॉ. जीतेंद्र नाथ गंगवार, प्रो. अवनीश कुुमार दुबे आदि मौजूद रहे।
सिविल सेवा तैयारी की लगाई कक्षा
पुरा छात्र सम्मेलन में विशिष्ट अतिथि तौर शामिल 2021 बैच की आईएएस सृष्टि सिंह 2019 बैच इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन की पुरा छात्र हैं। सृष्टि ने पहले प्रयास में सिविल लाइंस सफलता हासिल कर वर्तमान में असम कैडर में आईएएस का प्रशिक्षण ले रही हैं। उन्होंने बताया कि अपने पुराने संस्थान में आकर बहुत अच्छा लगा। आज जो भी हूं, इस संस्थान की देन है।
उन्होंने सिविल सेवा की तैयारी कराने के लिए विभाग में एक कक्षा लगाई, जिसमें दो सौ से अधिक बच्चों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान सृष्टि ने अपने जूनियर्स को बताया कि वह सिविल सेवा में जाना चाहते हैं तो कैसे तैयारी करें कि सफलता मिले। इस दौरान बच्चों ने तैयारी के बारे में हो रही दिक्कतों के निस्तारण के लिए सवाल भी किए। सृष्टि ने छात्रों की जिज्ञासा को ध्यान से सुना, तैयारी संबंधी समस्याओं का हल बताकर उन्हें संतुष्ट किया।
चालक रहित कार डेमो पर तालियों की गड़गड़ाहट से गूंजा परिसर
पुरा छात्र सम्मेलन के दौरान संस्थान के छात्रों की ओर से तैयार चालक रहित पहली कार का डेमो किया गया। माइक्रोसाफ्ट एशिया के प्रेसीडेंट अहमद मजहरी, प्रो. राजीव तिवारी ने फीता काटकर छात्रों को कार चलाने का संकेत दिया। जैसे ही चालक रहित कार आगे बढ़ी, इसे देखने के लिए वहां जुटे लोगों के चेहरे की खुशी देखते ही बन रही थी। तालियों की गड़गड़ाहट से पूरा परिसर गूंज उठा।
इस कार को तैयार करने वाले छात्रों ने कार को चलाने के बाद इस कार को लेकर लोगों की जिज्ञासा को शांत किया। छात्रों ने विस्तार से बताया कि कार कैसे तैयार हुई। इसे कैसे चलाया जाता है। किस तकनीक पर यह आधारित है। अब इसके आगे का अपडेट वर्जन क्या होगा। संस्थान के निदेशक प्रो.आरएस वर्मा ने छात्रों की इस उपलब्धि पर हर्ष जताया है। उन्होंने कहा कि आगे भी संस्थान के छात्र लोगों के लिए लाभकारी उपकरण अपनी तकनीकी प्रतिभा के बल पर तैयार करते रहेंगे।
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मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) में शनिवार को डायमंड जुबली ग्लोबल एल्युमिनाई मीट के दूसरे दिन का आगाज भी रंगारंग अंदाज में हुआ। मुख्य अतिथि माइक्रोसाफ्ट एशिया के चीफ अहमद मजहरी और 2021 बैच की आईएएस सृष्टि सिंह रहीं। दूसरे दिन भी सेवानिवृत्त शिक्षकों और अलग-अलग बैच के पुरा छात्रों का सम्मान किया गया।
दूसरे दिन के मुख्य अतिथि 1991 बैच के पुरा छात्र अहमद मजहरी ने कहा कि भारतीय मेधा का पूरे विश्व में डंका बज रहा है। अगर इस बारे में अधिक जानकारी करनी है तो गूगल पर चले जाएं। आपको पता चल जाएगा। आज वो जिस मुकाम पर हैं, वह इसी संस्थान की देन है। संस्थान निरंतर अपनी मेधा का परचम लहरा रहा है। यह हम नहीं, दुनिया मानती है। चालक रहित कार का प्रदर्शन करते हुए उन्होंने कहा कि इस संस्थान के विद्यार्थी निरंतर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा रहे हैं। आगे भी मैन्यूफैक्चरिंग और हेल्थकेयर सहित कई क्षेत्रों में बहुत सारी ऑटोनामस हो रही हैं।