हाईकोर्ट : आग से जली केस फाइल तीन माह बाद भी तैयार न करने पर शासकीय अधिवक्ता से स्पष्टीकरण तलब

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Prayagraj News :  महाधिवक्ता कार्यालय।

Prayagraj News : महाधिवक्ता कार्यालय।
– फोटो : अमर उजाला।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय आंबेडकर भवन में आग लगने से फाइल का पुनर्निर्माण करने के आदेश का तीन माह बीत जाने पर पालन न करने पर नाराजगी जाहिर की है और 28 जुलाई 2022 को दिये गए आदेश का पालन कराने का शासकीय अधिवक्ता को निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि कार्यालय का मुखिया होने के नाते शासकीय अधिवक्ता की जिम्मेदारी है कि वह कोर्ट आदेश का पालन कराए। कोर्ट ने केस की फाइल तैयार कराने का आदेश दिया था, लेकिन शासकीय अधिवक्ता ने फाइल तैयार कराने का कोई प्रयास ही नहीं किया। केस की जानकारी भी नहीं मंगाई।

कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है कि तीन माह बाद भी कोर्ट आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। अर्जी की सुनवाई दो दिसंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने उपेंद्र की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।

जुलाई 20222 में महाधिवक्ता कार्यालय में आग लगने से फाइल जल जाने के कारण कोर्ट ने याची अधिवक्ता को फाइल की प्रति शासकीय अधिवक्ता कार्यालय को देने का आदेश दिया था। सुनवाई टाल दी गई थी। तीन माह बाद केस लगा तो सरकारी फाइल नहीं थी। जिस पर कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता को आदेश का पालन कराने का निर्देश दिया है।

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता कार्यालय आंबेडकर भवन में आग लगने से फाइल का पुनर्निर्माण करने के आदेश का तीन माह बीत जाने पर पालन न करने पर नाराजगी जाहिर की है और 28 जुलाई 2022 को दिये गए आदेश का पालन कराने का शासकीय अधिवक्ता को निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा है कि कार्यालय का मुखिया होने के नाते शासकीय अधिवक्ता की जिम्मेदारी है कि वह कोर्ट आदेश का पालन कराए। कोर्ट ने केस की फाइल तैयार कराने का आदेश दिया था, लेकिन शासकीय अधिवक्ता ने फाइल तैयार कराने का कोई प्रयास ही नहीं किया। केस की जानकारी भी नहीं मंगाई।

कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता से लिखित स्पष्टीकरण मांगा है कि तीन माह बाद भी कोर्ट आदेश का पालन क्यों नहीं किया गया। अर्जी की सुनवाई दो दिसंबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान ने उपेंद्र की जमानत अर्जी की सुनवाई करते हुए दिया है।

जुलाई 20222 में महाधिवक्ता कार्यालय में आग लगने से फाइल जल जाने के कारण कोर्ट ने याची अधिवक्ता को फाइल की प्रति शासकीय अधिवक्ता कार्यालय को देने का आदेश दिया था। सुनवाई टाल दी गई थी। तीन माह बाद केस लगा तो सरकारी फाइल नहीं थी। जिस पर कोर्ट ने शासकीय अधिवक्ता को आदेश का पालन कराने का निर्देश दिया है।



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