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विश्व एड्स दिवस 2022
– फोटो : amar ujala
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एचआईवी संक्रमित होने जानकारी ही बहुतों को निराशा और अवसाद से भर देती है। उन्हें जीवन का अंत निकट महसूस होने लगता है। हताशा और निराशा से कुछ सूझता नहीं। लेकिन अब ऐसा नहीं है। जिले में ऐसे बहुत से लोग हैं जो किसी कारणवश एचआईवी संक्रमित हुए लेकिन अब खुशहाली भरा जीवन जी रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में चल रहा एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट) सेंटर मरीजों के लिए मददगार बन रहा है।
बता दें कि एचआईवी संक्रमण, एड्स से बचाव और इस तरह की भ्रांतियों को दूर करने के उद्ेश्य से ही हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। जिले में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर उन्हें समय पर इलाज, जांच आदि की सुविधाएं दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल, बीएचयू अस्पताल में एआरटी के माध्यम से दी जा रहीं हैं। दोनों जगहों को मिलाकर इस वर्ष 500 से अधिक नये मरीज पंजीकृत हो चुके हैं। जिसमें बीएचयू में ही पंजीकरण का आंकड़ा 434 है।
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एचआईवी संक्रमित होने जानकारी ही बहुतों को निराशा और अवसाद से भर देती है। उन्हें जीवन का अंत निकट महसूस होने लगता है। हताशा और निराशा से कुछ सूझता नहीं। लेकिन अब ऐसा नहीं है। जिले में ऐसे बहुत से लोग हैं जो किसी कारणवश एचआईवी संक्रमित हुए लेकिन अब खुशहाली भरा जीवन जी रहे हैं। सरकारी अस्पतालों में चल रहा एआरटी (एंटी रेट्रोवायरल ट्रीटमेंट) सेंटर मरीजों के लिए मददगार बन रहा है।
बता दें कि एचआईवी संक्रमण, एड्स से बचाव और इस तरह की भ्रांतियों को दूर करने के उद्ेश्य से ही हर साल एक दिसंबर को विश्व एड्स दिवस मनाया जाता है। जिले में अधिक से अधिक लोगों को जागरूक कर उन्हें समय पर इलाज, जांच आदि की सुविधाएं दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल, बीएचयू अस्पताल में एआरटी के माध्यम से दी जा रहीं हैं। दोनों जगहों को मिलाकर इस वर्ष 500 से अधिक नये मरीज पंजीकृत हो चुके हैं। जिसमें बीएचयू में ही पंजीकरण का आंकड़ा 434 है।
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