Gorakhpur: न्यूरो के गंभीर मामलों में हाथ खड़े कर दे रहा BRD, मरीजों को रेफर किया जा रहा KGMU और SGPGI

0
45

[ad_1]

न्यूरो (मस्तिष्क, नस, मांसपेशियों और रीढ़ आदि से संबंधित) के गंभीर मरीजों के इलाज में बीआरडी मेडिकल कॉलेज हाथ खड़े कर दे रहा है। इमरजेंसी ही नहीं ओपीडी के भी गंभीर मरीजों को हायर सेंटर लखनऊ रेफर किया जा रहा है। ऐसे मरीजों की संख्या प्रतिदिन तीन से चार है। अन्य विभागों के मरीजों की संख्या जोड़ दी जाए, तो 15 से 20 मरीज रोज रेफर किए जा रहे हैं।

यह हाल तब है, जब मेडिकल कॉलेज में सुपर स्पेशियलिटी सेवा की शुरुआत की जा चुकी है। मेडिकल कॉलेज प्रशासन का कहना है कि इमरजेंसी में न्यूरो के एक ही डॉक्टर की ड्यूटी है। इसके अलावा सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में अभी इमरजेंसी सेवा शुरू नहीं हो पाई है। इस वजह से गंभीर मरीजों को लखनऊ के लिए रेफर करना पड़ जाता है।

 

दरअसल, बीआरडी मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में डॉक्टरों की तैनाती के बाद ओपीडी सेवा शुरू हो गई है, लेकिन  इमरजेंसी सेवा शुरू नहीं हो पाई है। इस कारण गंभीर हालत में आने वाले मरीजों को नेहरू अस्पताल स्थित इमरजेंसी वार्ड में जाना पड़ रहा है। इस इमरजेंसी वार्ड में न्यूरो के एक ही डॉक्टर की तैनाती है। कोई सीनियर रेजीडेंट भी नहीं है। ऐसे में गंभीर मरीजों का इलाज मुश्किल हो जाता है। वहीं, सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में भी सीनियर रेजीडेंट नहीं है। इस वजह से मरीजों को 24 घंटे सेवा का लाभ नहीं मिल रहा है।

 

ठंड के मौसम में बढ़ जाती है न्यूरो के मरीजों की संख्या

बदल रहे मौसम में न्यूरो से संबंधित मरीजों की संख्या बढ़ रही है। जिला अस्पताल से लेकर मेडिकल कॉलेज तक में हर दिन आठ से 10 मरीज पहुंच रहे हैं। न्यूरो मेडिसिन डॉ अनुराग सिंह ने बताया कि ठंड के मौसम में पैरालाइसिस के मरीजों की संख्या बढ़ जाती है।

यह भी पढ़ें -  हाईकोर्ट : जज को घूस की पेशकश करने व धमकाने में वकील के खिलाफ कार्रवाई का निर्देश

ऐसे में ज्यादा सावधानी की जरूरत होती है। जिला अस्पताल के हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ रोहित गुप्ता ने बताया कि ठंड का मौसम दिल के रोगियों के लिए भी खतरनाक हो जाता है। ऐसे रोगियों को इस मौसम में न्यूरो संबंधित खतरा ज्यादा होता है।

 

बीआरडी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ गणेश कुमार ने कहा कि मेडिकल कॉलेज के सुपर स्पेशियलिटी ब्लॉक में न्यूरो सर्जन और न्यूरो मेडिसिन की टीमें मरीजों की जांच कर रही हैं। इमरजेंसी में आने वाले मरीजों का भी इलाज किया जा रहा है। अति गंभीर स्थिति होने पर ही मरीजों को हायर सेंटर रेफर किया जाता है।  

 

केस-एक  

शहर के रहने वाले शुमशुद्दीन (56) को शुक्रवार को अचानक पैरालाइसिस (लकवा) मार दिया। परिजन उन्हें लेकर बीआरडी मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड पहुंचे। चिकित्सकों ने प्रारंभिक इलाज करके मरीज को हायर सेंटर केजीएमयू और एसजीपीजीआई रेफर कर दिया। अब मरीज का इलाज केजीएमयू में चल रहा है।

केस-दो

बिहार के बगहा के रहने वाले रामसुभग (53) को न्यूरो संबंधित दिक्कत थी। परिजन इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज के ट्रॉमा सेंटर लेकर आए। लेकिन डॉक्टरों ने लखनऊ हायर सेंटर रेफर कर दिया। अब परिजन शहर के एक निजी अस्पताल में इलाज करा रहे हैं।



[ad_2]

Source link

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here