उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से पीसीएस परीक्षा में स्केलिंग को लेकर स्थिति स्पष्ट न किए जाने से अभ्यर्थियों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। आयोग ने पिछले दिनों जारी पीसीएस-2021 के परिणाम के प्राप्तांक एवं कटऑफ तो जारी कर दिए, लेकिन मार्कशीट में यह उल्लेख नहीं किया कि स्केलिंग के कितने अंक घटे या बढ़े।
पूर्व की परीक्षाओं में आयोग मार्कशीट में स्केल्ड और नॉन स्केल्ड अंकों का उल्लेख करता रहा है, लेकिन आयोग की परीक्षाओं की सीबीआई जांच शुरू होने के बाद इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। स्केलिंग की आड़ में मनमाने तरीके से अंक दिए जाने का खुलासा होने के बाद सीबीआई ने पीसीएस-2015 भर्ती के मामले में मुकदमा दर्ज किया था।
आयोग ने जब इस व्यवस्था को समाप्त किया तो अभ्यर्थियों ने इसका विरोध किया। हालांकि, उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। आयोग के नए अध्यक्ष संजय श्रीनेत ने कार्यभार संभाला तो अभ्यर्थियों ने फिर अपनी मांग तेज कर दी कि पूर्व की व्यवस्था लागू करते हुए मार्कशीट में यह स्पष्ट किया जाए कि स्केलिंग के नाम पर अभ्यर्थियों के कितने अंक बढ़े या घटे।
आयोग ने बीते दिनों पीसीएस 2021 के प्राप्तांक एवं कटऑफ अंक जारी किए, लेकिन इस बार भी मार्कशीट में स्केल्ड और नॉन स्केल्ड अंकों का कोई उल्लेख नहीं किया गया। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के अध्यक्ष अवनीश पांडेय का कहना है कि नए अध्यक्ष के कार्यकाल की यह पहली पीसीएस परीक्षा थी। उम्मीद थी कि वह अभ्यर्थियों को राहत देंगे, लेकिन इस बार भी कोई सुनवाई नहीं हुई।
अवनीश का सवाल है कि भर्ती परीक्षाओं में पारदर्शिता का दावा करने वाला आयोग स्केलिंग के बारे में जानकारी क्यों छिपाना चाहता है। प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय का कहना है कि आयोग को कई बार पत्र लिखा गया, लेकिन सुनवाई नहीं हुई। इस बार प्रतियोगी छात्रों की ओर से मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर शिकायत दर्ज कराई जाएगी।
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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) की ओर से पीसीएस परीक्षा में स्केलिंग को लेकर स्थिति स्पष्ट न किए जाने से अभ्यर्थियों में उहापोह की स्थिति बनी हुई है। आयोग ने पिछले दिनों जारी पीसीएस-2021 के परिणाम के प्राप्तांक एवं कटऑफ तो जारी कर दिए, लेकिन मार्कशीट में यह उल्लेख नहीं किया कि स्केलिंग के कितने अंक घटे या बढ़े।
पूर्व की परीक्षाओं में आयोग मार्कशीट में स्केल्ड और नॉन स्केल्ड अंकों का उल्लेख करता रहा है, लेकिन आयोग की परीक्षाओं की सीबीआई जांच शुरू होने के बाद इस व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया। स्केलिंग की आड़ में मनमाने तरीके से अंक दिए जाने का खुलासा होने के बाद सीबीआई ने पीसीएस-2015 भर्ती के मामले में मुकदमा दर्ज किया था।