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निकाय चुनाव के लिए महापौर, नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रस्तावित आरक्षण से सत्तारूढ़ दल के कई विधायक संतुष्ट नहीं हैं। विधायकों ने प्रस्तावित आरक्षण से स्थानीय राजनीति के सामाजिक समीकरण अव्यवस्थित होने के मद्देनजर संशोधन की गुहार की है। खासतौर पर बुंदेलखंड की झांसी नगर निगम सहित अधिकांश नगर पंचायतें और नगर पालिका अध्यक्ष की सीटें आरक्षित होने से विधायक और पार्टी पदाधिकारी चिंतित हैं।
झांसी के गरौंठा से भाजपा विधायक जवाहर राजपूत के विधानसभा क्षेत्र में स्थित गरौंठा, गुरसराय, एरज, मोठ और समथर नगर पंचायत में चेयरमैन की सीट अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित हुई है। राजपूत ने सरकार और संगठन में उचित मंच पर अपनी पीड़ा का इजहार करते हुए संशोधन का आग्रह किया है।
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उधर, बांदा से भाजपा विधायक प्रकाश द्विवेदी के क्षेत्र में भी अधिकांश नगरीय निकाय आरक्षित हुई हैं। द्विवेदी नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा से इस संबंध में बात कर आरक्षण व्यवस्था को इस प्रकार करने का आग्रह किया है ताकि सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व का मौका मिले।
सूत्रों के मुताबिक हरदोई के मल्लावां से विधायक आशीष सिंह आशु भी अपने क्षेत्र के चारों निकायों के प्रस्तावित आरक्षण संतुष्ट नहीं हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक लगभग सभी छह क्षेत्रों से भी क्षेत्रीय पदाधिकारियों ने भी आरक्षण में सुधार की आवश्यकता जताई है।
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