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केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया
– फोटो : अमर उजाला
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देश में ह्दयगति रुकने से मौत की बढ़ती घटनाओं से स्वास्थ्य मंत्रालय चिंतित है। अब ह्दयगति रुकने से मौत के कारणों का पता लगाया जा रहा है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) को शोध की जिम्मेदारी दी गई है। शोध के नतीजे जैसे ही आएंगे, वैसे ही विस्तृत कार्ययोजना के साथ दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे। यह कहना है केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का। वह दो दिवसीय (10-11 दिसंबर) दौरे पर शनिवार को वाराणसी आए हैं।
शहर के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज दिवस (यूएचसी) पर आयोजित कार्यक्रम शिरकत करने आए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हृदय गति रुकने से युवाओं की मौत बेहद चिंताजनक है। इस तरह की दिक्कत पहले बुजुर्गों में होती थी, लेकिन अब स्वरूप बदल गया। युवा भी चपेट में आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अब प्रदेश सरकारों के साथ मिलकर टीबी मुक्त भारत की दिशा में काम कर रही है। 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाना है। इस दिशा में सफलता भी मिल रही है।
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