वाराणसी के गोदौलिया के पास जंगमबाड़ी में गुरुवार रात जर्जर एक मंजिला मकान की छत तेज धमाके के साथ ढह गई। मलबे में दबकर महिला की मौत हो गई। एनडीआरएफ व पुलिस ने डेढ़ घंटे की रेस्क्यू के बाद मलबे से शव बाहर निकाला। वहीं, परिवार के चार सदस्यों की जान बाल-बाल बची। उन्हें हल्की चोटें आईं। मंडलीय अस्पताल कबीर चौरा में उपचार कराया गया। मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी, डीसीपी काशी ने छानबीन की।
दशाश्वमेध थाना अंतर्गत जंगमबाड़ी में स्वर्गीय तारा देवी की चार पुत्रियों का मकान है। आगे का हिस्सा दो मंजिला और पीछे का हिस्सा एक मंजिल का है। जिसमें कुल 17 लोग रहते हैं। एक मंजिला मकान के चार कमरे हैं। एक कमरे में बेबी वर्मा (48) और दूसरे कमरे में परिवार के अन्य चार सदस्य थे।
सवा आठ बजे अचानक तेज आवाज के साथ एक मंजिला मकान की छत भरभराकर गिर गई। दूसरे कमरे में संजय वर्मा उनकी मां सावित्री देवी (70), पत्नी किरण देवी (45) और बेटी मानसी (18) किसी तरह भाग कर जान बचाई। उन्हें हल्की चोटें हाथ और सिर में आईं। अफरातफरी के बीच दूसरे कमरे में बेबी वर्मा के ऊपर पटिया सहित मलबा गिर गया।
परिवार के सभी लोग गली में बाहर आ गए। हर तरफ चीखपुकार मच गई। बेबी वर्मा का बेटा दीपक वर्मा भी खारीकुआं स्थित बाइक पार्ट्स की दुकान से सीधे भाग कर घर पहुंचा। सूचना पाकर दशाश्वमेध पुलिस, फायर ब्रिगेड और एनडीआरएफ भी तुरंत मौके पर पहुंची और रेस्क्यू में जुटी। करीब सवा दस बजे महिला का शव मलबे से बाहर निकाला गया।
अस्पताल पहुंचते ही चिकित्सकों ने बेबी वर्मा को मृत घोषित कर दिया। मकान के अंदर से एनडीआरएफ ने छह रसोई गैस सिलिंडर भी बाहर निकाले। गैस लीकेज की महक भी आ रही थी। घटनास्थल पर जिलाधिकारी एस. राजलिंगम, डीसीपी काशी आरएस गौतम और एसीपी दशाश्वमेध अवधेश पांडेय पहुंचे और जांच की।
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वाराणसी के गोदौलिया के पास जंगमबाड़ी में गुरुवार रात जर्जर एक मंजिला मकान की छत तेज धमाके के साथ ढह गई। मलबे में दबकर महिला की मौत हो गई। एनडीआरएफ व पुलिस ने डेढ़ घंटे की रेस्क्यू के बाद मलबे से शव बाहर निकाला। वहीं, परिवार के चार सदस्यों की जान बाल-बाल बची। उन्हें हल्की चोटें आईं। मंडलीय अस्पताल कबीर चौरा में उपचार कराया गया। मौके पर पहुंचे जिलाधिकारी, डीसीपी काशी ने छानबीन की।
दशाश्वमेध थाना अंतर्गत जंगमबाड़ी में स्वर्गीय तारा देवी की चार पुत्रियों का मकान है। आगे का हिस्सा दो मंजिला और पीछे का हिस्सा एक मंजिल का है। जिसमें कुल 17 लोग रहते हैं। एक मंजिला मकान के चार कमरे हैं। एक कमरे में बेबी वर्मा (48) और दूसरे कमरे में परिवार के अन्य चार सदस्य थे।
सवा आठ बजे अचानक तेज आवाज के साथ एक मंजिला मकान की छत भरभराकर गिर गई। दूसरे कमरे में संजय वर्मा उनकी मां सावित्री देवी (70), पत्नी किरण देवी (45) और बेटी मानसी (18) किसी तरह भाग कर जान बचाई। उन्हें हल्की चोटें हाथ और सिर में आईं। अफरातफरी के बीच दूसरे कमरे में बेबी वर्मा के ऊपर पटिया सहित मलबा गिर गया।