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बेशक भारत में कई राज्य ऐसे हैं जहां शराबबंदी लागू है, लेकिन इसके बावजूद अवैध रूप से शराब बनाई और बेची जाती है। इन्हीं राज्यों में एक राज्य बिहार भी है, जहां जहरीली शराब के सेवन से अब तक कई लोगों की मौत हो चुकी है. जहरीली शराब की इन घटनाओं को देखते हुए पंजाब सरकार हरकत में आती दिख रही है. पंजाब में भी नकली और जहरीली शराब के ठेले चलाए जाते हैं, जिससे तरनतारन साहिब, अमृतसर और गुरदासपुर में करीब 120 लोगों की मौत हो चुकी है और इसे लेकर कई बार विरोध भी हो चुका है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दायर किया है जिसमें कहा गया है कि पंजाब सरकार लोगों को जहर देने वाली अवैध शराब पर लगाम लगाने के लिए ‘सस्ती देशी शराब’ पेश करना चाहती है. इसके अलावा आपको बता दें कि वरिष्ठ वकील अजीत सिन्हा, न्यायमूर्ति एम.आर. शाह और सीटी रविकुमार ने पीठ को बताया कि पुलिस अवैध शराब के निर्माण का पता लगाने और वर्षों से चल रहे भट्टों को नष्ट करने के लिए स्थानीय स्तर की खुफिया एजेंसी के साथ काम कर रही है.
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सरकारी प्रतिनिधि एडवोकेट सिन्हा ने यह भी कहा कि राज्य ने अवैध शराब के सेवन और जहरीली शराब के दुष्प्रभाव के खिलाफ व्यापक जागरूकता अभियान चलाया है. न्यायमूर्ति एमआर। शाह और सीटी रविकुमार की पीठ को यह भी बताया गया कि राज्य ने सूचना के आधार पर जब्त की गई अवैध शराब की मात्रा के आधार पर मुखबिर को 50,000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक के इनाम की भी घोषणा की है।
कानूनी तौर पर सस्ती देशी शराब लाने का तरीका निसंदेह अनोखा है। उन्होंने कहा है कि अवैध शराब का सेवन करने वाले तबकों को इसके इस्तेमाल से दूर करने के लिए राज्य सरकार ने अपनी मौजूदा आबकारी नीति में 40 डिग्री स्ट्रेंथ की देसी शराब का सस्ता संस्करण पेश किया है. यह लोगों को अवैध घरेलू काढ़ा का स्वस्थ विकल्प दे सकता है। आपको बता दें कि सरकार ने आबकारी विभाग के फील्ड अधिकारियों को भूमि इनपुट के आधार पर 40 डिग्री देशी शराब की आवश्यकता को पूरा करने का काम सौंपा है. ऐसा उन इलाकों तक पहुंचने के लिए किया जा रहा है, जहां अवैध जहरीली शराब का उत्पादन होता है।
आपको बता दें कि जस्टिस शाह की अगुवाई वाली बेंच ने 2020 में कांग्रेस सरकार द्वारा 120 लोगों की मौत पर कार्रवाई नहीं करने पर सरकार की निंदा की है. शायद इसीलिए अब सरकार ने यह पक्ष रखा है.
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