माफिया मुख्तार अंसारी से कस्टडी रिमांड के तीसरे दिन भी पूछताछ जारी रही। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अफसरों ने उससे शुक्रवार को जालौन व गाजीपुर स्थित सात संपत्तियों के बारे में पूछताछ की। पूछा कि आखिर सर्किल रेट से भी कम मूल्य पर इन संपत्तियों की रजिस्ट्री कैसे कराई गई। 14 दिसंबर को मुख्तार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कस्टडी रिमांड पर लिया है। तीसरे दिन उससे अवैध तरीके से बनाई गई संपत्तियों के संबंध में सवाल पूछे गए। इसमें से ज्यादातर सवाल जालौन व गाजीपुर में स्थित उन संपत्तियों से संबंधित थे, जिन्हें पिछले दिनों ईडी ने अस्थायी तौर पर अटैच किया था।
इनमें अन्य के अलावा एक महत्वपूर्ण बात यह रही कि मुख्तार से पूछा गया कि सर्किल रेट से भी कम मूल्य पर इन संपत्तियों की रजिस्ट्री कैसे कराई गई। दरअसल इन संपत्तियों का कुल रजिस्ट्री मूल्य 1.48 करोड़ रुपये था। जबकि उस समय के सर्किल रेट के हिसाब से संपत्तियों का मूल्य 3.42 करोड़ रुपये होता था। आशंका जताई जा रही है कि मुख्तार व उसके करीबियों ने दबंगई के बल पर सर्किल रेट से कम मूल्य पर संपत्तियां बनाईं। फिलहाल मुख्तार ने इन सवालों के संबंध में कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।
छह विकास कंसट्रक्शन, एक पत्नी के नाम जालौन में जिन छह संपत्तियों को अटैच किया गया, वह विकास कंसट्रक्शन के नाम पर हैं। इसके कुल पांच पार्टनरों में माफिया की पत्नी अफ्शा अंसारी और उसके दो भाई आतिफ रजा व अनवर शहजाद का नाम भी शामिल है। इसके अलावा गाजीपुर की जिस संपत्ति पर कार्रवाई हुई, वह माफिया की पत्नी अफ्शा अंसारी के नाम पर दर्ज है। गौरतलब है कि ईडी की प्रयागराज इकाई ने जुलाई 2021 में मुख्तार के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया था।
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माफिया मुख्तार अंसारी से कस्टडी रिमांड के तीसरे दिन भी पूछताछ जारी रही। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के अफसरों ने उससे शुक्रवार को जालौन व गाजीपुर स्थित सात संपत्तियों के बारे में पूछताछ की। पूछा कि आखिर सर्किल रेट से भी कम मूल्य पर इन संपत्तियों की रजिस्ट्री कैसे कराई गई। 14 दिसंबर को मुख्तार को ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में कस्टडी रिमांड पर लिया है। तीसरे दिन उससे अवैध तरीके से बनाई गई संपत्तियों के संबंध में सवाल पूछे गए। इसमें से ज्यादातर सवाल जालौन व गाजीपुर में स्थित उन संपत्तियों से संबंधित थे, जिन्हें पिछले दिनों ईडी ने अस्थायी तौर पर अटैच किया था।